नई दिल्ली3 घंटे पहले
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भारत ने अमेरिका की धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट की आलोचना की है। धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर आई रिपोर्ट को गलत बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) के निष्पक्ष होने पर सवाल खड़े किए हैं।
बागची ने कहा कि USCIRF की रिपोर्ट तैयार करने वाले की भारत को लेकर समझ काफी कम है। यहां के संवैधानिक ढांचे, इसकी बहुलता और इसके लोकतांत्रिक व्यवहार की जानकारी नहीं है।
USCIRF बार-बार गलत फैक्ट दिखाता है
भारत ने USCIRF पर एक एजेंडे के तहत काम करने का आरोप लगाया है। भारत का कहना है कि आयोग बार-बार फैक्ट को गलत तरीके से पेश कर रहा है। ऐसे में रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर कई सवाल खड़े होते हैं।
अमेरिकी राजदूत ने उगला था जहर
अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर आयोजित शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राजदूत रशद हुसैन ने भारत के खिलाफ जहर उगला था। हुसैन ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार खतरे में हैं और अमेरिका इस बारे में भारत को अपनी चिंताओं से अवगत करा रहा है। नागरिकता संशोधन कानून, चर्चों पर हमले और हिजाब पाबंदी जैसे मामलों का भी जिक्र किया।
जो बाइडन ने रशद हुसैन को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए एंबेसडर-एट-लार्ज के रूप में नामित किया है।
भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े: रिपोर्ट
अमेरिका ने साल 2021 के लिए कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम यानी USCIRF की रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में भारत के अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी को लेकर चिंता जाहिर की गई थी। साथ ही UP और कर्नाटक सरकार के कुछ फैसलों पर सवाल खड़े किए गए थे। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी इस रिपोर्ट के हवाले से भारत की धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर बयान दिया था। ब्लिंकन का कहना था कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत है और यहां कई धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं, लेकिन यहां लगातार पूजा स्थलों और अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…
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