संघ प्रमुख का बड़ा बयान: भागवत बोले- विभाजन से न तो भारत खुश है, न ही इस्लाम के नाम पर इसकी मांग करने वाले; इसे निरस्त करना जरूरी

  • Hindi News
  • National
  • Bhagwat Said Neither India Is Happy With Partition, Nor Those Who Demand It In The Name Of Islam

नोएडा23 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

भारत और पाकिस्तान के विभाजन को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ ने गुरुवार को नोएडा में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा कि विभाजन कोई समाधान नहीं था। न तो भारत इससे खुश है, न ही इस्लाम के नाम पर इसकी मांग करने वाले।

उन्होंने कहा कि मातृभूमि का विभाजन कभी ना मिटने वाली वेदना है, ये दर्द तब खत्म होगा जब विभाजन निरस्त होगा। ये नारों का विषय नहीं है, नारे तब भी लगते थे लेकिन विभाजन हुआ। ये सोचने का विषय है। भागवत ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री को भी 14 अगस्त को कहना पड़ता है कि इस अध्याय को भूलना नहीं चाहिए, क्योंकि ये कोई राजनीति का विषय नहीं है। ये हमारे अस्तित्व का प्रश्न है।

हिंदू समाज को संगठित होने की जरूरत
उन्होंने आगे कहा कि हिंदू समाज को संगठित होने की जरूरत है। हमारी संस्कृति विविधता में एकता की है, इसलिए हिंदू यह नहीं कह सकता कि मुसलमान नहीं रहेंगे। अनुशासन का पालन सबको करना होगा। अत्याचार को रोकने के लिए बल के साथ सत्य आवश्यक है।

देश कैसे टूटा, उस इतिहास को पढ़कर आगे बढ़ना होगा। विभाजन के बाद भी दंगे होते हैं। दूसरों के लिए भी वही आवश्यक मानना जो खुद को सही लगे, यह गलत मानसिकता है। अपने प्रभुत्व का सपना देखना गलत है। राजा सबका होता है। सबकी उन्नति उसका धर्म है।

विभाजन राजनीतिक नहीं बल्कि अस्तित्व का प्रश्न
संघ प्रमुख ने कहा कि भारत का विभाजन किसी तरह का राजनीतिक प्रश्न नहीं है बल्कि यह एक अस्तित्व का प्रश्न है। उन्होंने कहा कि उस समय इस विभाजन को इसलिए स्वीकार करना पड़ा था ताकि देश में किसी का खून न बहे लेकिन यह दुर्भाग्य है कि इसके उल्टा हुआ और तब से अब तक न जाने कितना खून बह चुका है। भागवत ने कहा कि विभाजन के बाद उनका जन्म हुआ और 10 साल बाद समझ में आया और जब समझ में आया तो नींद नहीं आई।

विभाजन के पीछे इस्लाम और ब्रिटिश आक्रमण
उन्होंने कहा कि भारत के विभाजन के पीछे कुछ परिस्थितियां जरूर थी लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण इस्लाम और ब्रिटिश आक्रमण ही था। उन्होंने कहा कि गुरु नानक जी ने हमें इस्लाम के आक्रमण को लेकर चेतावनी दी थी लेकिन हम सचेत नहीं हुए थे।

उन्होंने कहा कि इस विभाजन से कोई भी खुश नहीं है और न ही ये किसी संकट का उपाय था। अगर हम विभाजन को समझना चाहते हैं तो इसे समय के साथ समझना होगा। संघ प्रमुख ने आगे कहा कि जो बिखर गया था उसे एकीकृत करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।

खबरें और भी हैं…

Source link