राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश पहुंच चुकी है और अगले चरण में राजस्थान आने वाली है। उससे पहले सूबे में कांग्रेस की आपसी कलह तेज होती दिख रही है, जिसका असर पार्टी की एकता पर भी दिख सकता है। अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से हटने और सीएम पद न छोड़ने के करीब एक महीने बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने सचिन पायलट पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है। अशोक गहलोत ने एनडीटीवी से बातचीत में सचिन पायलट को गद्दार बताते हुए कहा कि वह कभी राजस्थान के मुख्यमंत्री नहीं बन सकेंगे।
पायलट को गहलोत ने बताया गद्दार, बोले- कभी नहीं बन सकेंगे मुख्यमंत्री
यही नहीं अशोक गहलोत ने इस मामले में अमित शाह का नाम भी घसीट लिया। उन्होंने कहा कि अमित शाह के इशारे पर राजस्थान में बगावत कराई गई थी। अशोक गहलोत ने कहा कि 2020 में पार्टी में हुई बगावत में अमित शाह का हाथ था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा के दफ्तर से 5-10 करोड़ रुपये लिए गए थे। यह रकम कांग्रेस के बागी विधायकों को दी गई। गहलोत ने कहा कि विधायकों को 10 करोड़ रुपये दिए गए थे। गहलोत ने यह भी कहा कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि विधायकों को पैसे दिए गए। अशोक गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट को कोई भी मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार करने को तैयार नहीं होगा।
गहलोत बोले- ऐसी गद्दारी का उदाहरण दूसरा नहीं मिलेगा
अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को कई बार अपनी बातचीत में गद्दार बताया। उन्होंने कहा कि यह भारत की राजनीति में पहली बार ही हुआ कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष अपनी ही सरकार को गिराने के लिए साजिश रचने लगे। आप ऐसा उदाहरण दूसरा नहीं पाएंगे। यही नहीं राजस्थान के सीएम ने मुख्यमंत्री के तौर पर रोटेशन की बातों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट का यह दावा गलत है कि रोटेशन का वादा किया गया था। इस बात पर राहुल गांधी से उन्हें पूछना चाहिए। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हाईकमान की ओर से उन्हें बदलाव का कोई संकेत नहीं मिला है और फिलहाल वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
क्यों अशोक गहलोत और पायलट की जारी है रार
गौरतलब है कि अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में माना जा रहा था। इससे पहले राजस्थान में विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई थी, लेकिन गहलोत खेमे के 80 से ज्यादा विधायकों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद कलह तेज होती दिखी तो गहलोत ने अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया और हाईकमान से माफी मांग ली। हालांकि वह अब भी सीएम पद पर बने हुए हैं और सचिन पायलट खेमा अकसर मांग उठाता रहता है कि अब उन्हें बाहर करके पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया जाए।
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