अमर उजाला ब्यूरो, मेरठ
Published by: कपिल kapil
Updated Wed, 10 Nov 2021 12:22 AM IST
सार
मेरठ में एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। वहीं नतीजा यह हुआ कि मंगलवार शाम को पुलिस ने आरोपी किरन गोसावी का बी-वारंट भी प्राप्त कर लिया और अब एक कांस्टेबल पुणे के लिए रवाना कर दिया।
आर्यन खान मामला।
– फोटो : अमर उजाला
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आर्यन के साथ सेल्फी लेते हुए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद स्थानीय पुलिस हरकत में आई। दरअसल, दीपावली से पहले सिविल लाइन थाने पहुंचे मुजफ्फरनगर निवासी रहबर रजा ने बताया था कि फोटो में आर्यन के साथ दिखने वाला किरन वांछित है। डेढ़ साल पहले न्यायालय के आदेश पर उस पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था, मगर उसे गिरफ्तार नहीं किया गया।
अमर उजाला ने मंगलवार के अंक में यह मामला प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद पुलिस अफसर अलर्ट हुए। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने मजबूत पैरवी के साथ कार्रवाई के निर्देश दिए। नतीजा यह हुआ कि शाम को पुलिस ने किरन गोसावी का बी-वारंट भी प्राप्त कर लिया और अब एक कांस्टेबल पुणे के लिए रवाना कर दिया।
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पुणे जेल से लाया जाएगा मेरठ
किरन गोसावी धोखाधड़ी से जुड़े मामले में पुणे जेल में बंद है। यह मुकदमा 2018 में चिन्मय देशमुख नाम के युवक ने पुणे के फरसखाना थाने में दर्ज कराया था। विदेश भेजने के नाम पर तीन लाख की ठगी का आरोप किरन पर लगा था। तभी से वह फरार था। सेल्फी वाला फोटो वायरल होने के बाद मेरठ पुलिस सोती रही, लेकिन पुणे पुलिस ने उसकी घेराबंदी कर दी। किरन गोसावी ने राजनीतिक रसूख के जरिए लखनऊ में आत्मसमर्पण का प्रयास भी किया, लेकिन वह सफल नहीं हुआ। बाद में उसने पुणे पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। अब वह पुणे जेल में है। मेरठ की सिविल लाइन पुलिस बी-वारंट पुणे जेल में तामील कराएगी।
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सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी पिता भी नामजद
रहबर रजा ने तीन माह की मशक्कत के बाद 26 फरवरी, 2020 को न्यायालय के आदेश पर सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें किरन गोसावी के अलावा उसकी पत्नी शीतल और किरन के पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त पिता प्रकाश गोस्वामी का नाम भी शामिल हैं। रहबर ने आरोप लगाया था कि केपी इंटरनेशनल सर्विसेज की फ्रेंचाइजी के लिए जब 10 लाख रुपये खाते में जमा कराए गए थे, तब इन दोनों ने दावा किया था कि इस निवेश से एक लाख रुपये महीना उसे मिलेगा, मगर ऐसा नहीं हुआ। मेरठ कचहरी में इसकी रसीद तक लिखकर किरन ने दी थी।
विस्तार
आर्यन के साथ सेल्फी लेते हुए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद स्थानीय पुलिस हरकत में आई। दरअसल, दीपावली से पहले सिविल लाइन थाने पहुंचे मुजफ्फरनगर निवासी रहबर रजा ने बताया था कि फोटो में आर्यन के साथ दिखने वाला किरन वांछित है। डेढ़ साल पहले न्यायालय के आदेश पर उस पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था, मगर उसे गिरफ्तार नहीं किया गया।
अमर उजाला ने मंगलवार के अंक में यह मामला प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद पुलिस अफसर अलर्ट हुए। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने मजबूत पैरवी के साथ कार्रवाई के निर्देश दिए। नतीजा यह हुआ कि शाम को पुलिस ने किरन गोसावी का बी-वारंट भी प्राप्त कर लिया और अब एक कांस्टेबल पुणे के लिए रवाना कर दिया।
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पुणे जेल से लाया जाएगा मेरठ
किरन गोसावी धोखाधड़ी से जुड़े मामले में पुणे जेल में बंद है। यह मुकदमा 2018 में चिन्मय देशमुख नाम के युवक ने पुणे के फरसखाना थाने में दर्ज कराया था। विदेश भेजने के नाम पर तीन लाख की ठगी का आरोप किरन पर लगा था। तभी से वह फरार था। सेल्फी वाला फोटो वायरल होने के बाद मेरठ पुलिस सोती रही, लेकिन पुणे पुलिस ने उसकी घेराबंदी कर दी। किरन गोसावी ने राजनीतिक रसूख के जरिए लखनऊ में आत्मसमर्पण का प्रयास भी किया, लेकिन वह सफल नहीं हुआ। बाद में उसने पुणे पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। अब वह पुणे जेल में है। मेरठ की सिविल लाइन पुलिस बी-वारंट पुणे जेल में तामील कराएगी।
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सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी पिता भी नामजद
रहबर रजा ने तीन माह की मशक्कत के बाद 26 फरवरी, 2020 को न्यायालय के आदेश पर सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें किरन गोसावी के अलावा उसकी पत्नी शीतल और किरन के पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त पिता प्रकाश गोस्वामी का नाम भी शामिल हैं। रहबर ने आरोप लगाया था कि केपी इंटरनेशनल सर्विसेज की फ्रेंचाइजी के लिए जब 10 लाख रुपये खाते में जमा कराए गए थे, तब इन दोनों ने दावा किया था कि इस निवेश से एक लाख रुपये महीना उसे मिलेगा, मगर ऐसा नहीं हुआ। मेरठ कचहरी में इसकी रसीद तक लिखकर किरन ने दी थी।
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