केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देवास-एंट्रिक्स मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। वित्त मंत्री ने मंगलवार को कहा कि UPA (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) ने 2011 में यह सौदा रद्द कर दिया था। यह धोखाधड़ी का सौदा था। एंट्रिक्स सौदे की धोखाधड़ी से देवास बच नहीं पाए, इसलिए सरकार ने सभी अदालतों में लड़ाई लड़ी।
सीतारमण ने कहा कि 2011 में जब इसे रद्द किया गया तब देवास अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में चला गया। भारत सरकार ने मध्यस्थता के लिए नियुक्ति नहीं की, 21 दिनों के भीतर मध्यस्थता के लिए नियुक्ति के लिए कहा गया, लेकिन सरकार ने नियुक्ति नहीं की। उन्होंने कहा कि प्राइमरी वेवलेंथ, सैटेलाइट या स्पेक्ट्रम बैंड की बिक्री करके इसे निजी पार्टियों को देना और निजी पार्टियों से पैसा कमाना कांग्रेस सरकार की विशेषता रही है।
I would like to talk on Supreme Court judgment on Devas-Antrix issue. SC has given a comprehensive order. UPA got cancelled this deal in 2011. It was a fraud deal: Finance Minister Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/DyhcpFchkh
— ANI (@ANI) January 18, 2022
वित्त मंत्री सीतारमण ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने 2005 के एंट्रिक्स-देवास सौदे में राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्य से इस्तेमाल होने वाला एस-बैंड का स्पेक्ट्रम देकर अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का देवास मल्टीमीडिया के परिसमापन को उचित ठहराने का आदेश एक व्यापक फैसला है।
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