धारीवाल ने अजय माकन पर बोला जोरदार हमला, कहा- वो पक्षपात करने आए थे; पायलट को बता दिया गद्दार

धारीवाल ने अजय माकन पर बोला जोरदार हमला, कहा- वो पक्षपात करने आए थे; पायलट को बता दिया गद्दार

Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में सियासी घमासान के बीच मंत्री शांति धारीवाल ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन और सचिन पायलट पर बड़ा हमला बोला. कुछ देर पहले ही पर्यवेक्षक अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे सियासी घटनाक्रम की जानकारी दी थी. इसके थोड़ी ही देर बाद शांति धारीवाल ने राजस्थान में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और माकन पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने पायलट को भी निशाने पर लिया. यहां तक कि उन्होंने सचिन पायलट को गद्दार तक करार दिया.

माकन पर लगाए पक्षपात के आरोप

शांति धारीवाल ने कहा कि डिप्टी सीएम रहते हुए, प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए 34 दिन तक सरकार गिराने की कोशिश करने वाले लोगों को चीफ मिनिस्टर बनाने के लिए सेक्रेटरी जनरल इंचार्ज अजय माकन आ गए. हमें लगातार कई दिनों से सूचनाएं आ रही थी कि वे पायलट के समर्थन में प्रचार करने के लिए कहा करते थे. हमारे पास इसके सबूत हैं. वे सीएम अशोक गहलोत को हटाने के लिए षड्यंत्र रच रहे थे.

पायलट पर लगाए गद्दारी के आरोप

धारीवाल ने कहा कि एक जनरल सेक्रेट्री इंचार्ज ऐसे लोगों को चीफ मिनिस्टर बनाने का मिशन लेकर आया है. इससे विधायक नाराज हो गए. उनका मेरे पास फोन आया कि हमारी बात सुनो. उनकी बात सुनने के लिए उन्हें मेरे घर बुलाया. गद्दारी करने वालों को पुरुस्कार दिया जाए, ये यहां का विधायक कभी स्वीकार नहीं करेगा. मेरी 50 साल की राजनीति हो गई, एक बार भी अनुशासनहीनता नहीं की. उन्होंने कहा कि मैं सोनिया गांधी का सिपाही हूं. सोनिया गांधी जो आदेश देंगी वो मंजूर होगा. 

शर्तों पर पर्यवेक्षकों को ऐतराज, हाईकमान को रिपोर्ट दी

गौरतलब है कि अजय माकन ने दिल्ली लौटकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा, ‘विधायक दल की बैठक में MLAs का नहीं आना अनुशासनहीनता है. इस बैठक के दौरान उन्होंने खुद बैठक बुला ली. ये भी अनुशासनहीनता है और हम देखते हैं कि क्या एक्शन लिया जा सकता है. हम एक-एक विधायक से मिलकर उनकी राय जानना चाहते थे, लेकिन वे सामूहिक रूप से मिलने पर अड़े रहे. गहलोत समर्थक 102 MLAs में से ही सीएम बनाने की बात पर अड़े हैं.’

सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अजय माकन ने कहा कि गहलोत के 102 वफादारों ने हमसे कहा था कि उनमें से किसी को सीएम बनाया जाना चाहिए. हमने उनसे कहा कि उनकी राय पार्टी प्रमुख के सामने रखी जाएगी और पारित प्रस्तावों के लिए कोई शर्त नहीं है. विचार-विमर्श के बाद पार्टी अध्यक्ष फैसला करेंगी कि कौन सीएम बनेगा. 

हितों के टकराव का मामला

लेकिन गहलोत समर्थित विधायक अपनी बात को रेजोल्यूशन में शामिल करने की मांग कर रहे थे. जबकि रेजोल्यूशन एक लाइन का होता है. कांग्रेस के इतिहास में सशर्त रेजोल्यूशन आज तक पास नहीं हुआ है. उन्होंने अध्यक्ष के चुनाव तक सीएम पर कोई चर्चा नहीं कराने की मांग रखी, यह संभव नहीं है, क्योंकि यह हितों के टकराव का मामला है.

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