नेशनल हेराल्ड के दफ्तर को ED ने किया सील, कल ली गई थी तलाशी

नेशनल हेराल्ड के दफ्तर को ED ने किया सील, कल ली गई थी तलाशी

ED Sealed National Herald Office- India TV Hindi News
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ED Sealed National Herald Office

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इसके ऑफिस को सील कर दिया है। इसके साथ ही ईडी ने निर्देश दिया है कि एजेंसी की इजाजत के बिना परिसर नहीं खोला जाए। नेशनल हेराल्ड के दफ्तर पर ED ने ऑफिस को बिना पूर्व इजाजत नहीं खोलने का नोटिस लगाया है। इसके बाद से AICC मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही 10 जनपथ यानी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। ED ने कल मंगलवार को इस ऑफिस में तलाशी ली थी, जिसके बाद इसको सील कर दिया गया है। ED की टीम ने यहां दस्तावेजों की तलाशी के क्रम में यहां छापे की कार्रवाई की थी।

ED ने कल नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता में 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी। नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर नियमों के उल्लंघन का आरोप है। ईडी अधिकारियों के बताया कि पैसे के लेन-देन से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी जुटाने के लिए धन शोधन रोकथाम कानून की आपराधिक धाराओं में छापे की कार्रवाई की गई। छापे मुख्य रूप से उन इकाइयों पर मारे गए, जो नेशनल हेराल्ड से जुड़े लेन-देन में शामिल रहे हैं। यह कार्रवाई मामले में हाल में कई लोगों से हुई पूछताछ से सामने आए नए सुबूतों के आधार पर की गई है। 

ED ने नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से कई राउंड की पूछताछ कर चुकी है। इसे लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध दर्ज किया था। सोनिया और राहुल से ईडी की पूछताछ को लेकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने देशभर में विरोध-प्रदर्शन किए थे। सोनिया गांधी से हुई पूछताछ के दौरान राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।

 

क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?

नेशनल हेराल्ड अखबार को साल 1938 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने शुरू किया था। इस अखबार को चलाने का जिम्मा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नाम की कंपनी के पास था। शुरुआत से इस कंपनी में कांग्रेस और गांधी परिवार के लोग हावी रहे। करीब 70 साल बाद 2008 में घाटे की वजह से इस अखबार को बंद करना पड़ा, तब कांग्रेस ने AJL को पार्टी फंड से बिना ब्याज का 90 करोड़ रुपये का लोन दिया। 

फिर सोनिया गांधी और राहुल ने ‘यंग इंडियन’ नाम से नई कंपनी बनाई। यंग इंडियन को एसोसिएटेड जर्नल्स को दिए लोन के बदले में कंपनी की 99 फीसदी हिस्सेदारी मिल गई। यंग इंडियन कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 फीसदी की हिस्सेदारी है, वहीं बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था।

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