न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Fri, 15 Oct 2021 12:16 AM IST
सार
पंजाब की नवगठित सरकार के कुछ फैसलों से नाराज नवजोत सिंह सिद्धू ने बीते दिनों पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। गुरुवार को सिद्धू ने दिल्ली में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात की।
नवजोत सिंह सिद्धू
– फोटो : facebook.com/sherryontopp
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सिद्धू ने आगे कहा कि मुझे कांग्रेस में, प्रियंका गांधी में और राहुल गांधी में पूरा विश्वास है। वह जो भी निर्णय लेंगे, वह कांग्रेस और पंजाब की बेहतरी के लिए ही होगा। मैं उनके निर्देशों का पालन करूंगा। प्रदेश में नवगठित चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के कुछ फैसलों से खफा सिद्धू ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था।
वहीं, हरीश रावत ने इस मुलाकात के बाद कहा कि नवजोत सिद्धू ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला उन्हें पूरी तरह स्वीकार होगा। पार्टी के निर्देश साफ हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कार्य करना चाहिए औप संगठनात्मक ढांचा तैयार कना चाहिए। इस संबंध में कल एक घोषणा की जाएगी।
इसलिए दिया था सिद्धू ने इस्तीफा
चन्नी सरकार ने इकबालप्रीत सिंह सहोता को राज्य के डीजीपी का कार्यभार सौंपा। वरिष्ठ वकील एपीएस देओल को महाधिवक्ता बनाया। सिद्धू इन दोनों फैसलों से खफा थे। यही वजह है कि उन्होंने अचानक प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर हाईकमान को भी चौंका दिया था। अभी तक सिद्धू ने इस्तीफा वापस नहीं लिया है और न ही हाईकमान ने कोई फैसला किया है।
विस्तार
सिद्धू ने आगे कहा कि मुझे कांग्रेस में, प्रियंका गांधी में और राहुल गांधी में पूरा विश्वास है। वह जो भी निर्णय लेंगे, वह कांग्रेस और पंजाब की बेहतरी के लिए ही होगा। मैं उनके निर्देशों का पालन करूंगा। प्रदेश में नवगठित चरणजीत सिंह चन्नी सरकार के कुछ फैसलों से खफा सिद्धू ने अपने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था।
वहीं, हरीश रावत ने इस मुलाकात के बाद कहा कि नवजोत सिद्धू ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला उन्हें पूरी तरह स्वीकार होगा। पार्टी के निर्देश साफ हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कार्य करना चाहिए औप संगठनात्मक ढांचा तैयार कना चाहिए। इस संबंध में कल एक घोषणा की जाएगी।
इसलिए दिया था सिद्धू ने इस्तीफा
चन्नी सरकार ने इकबालप्रीत सिंह सहोता को राज्य के डीजीपी का कार्यभार सौंपा। वरिष्ठ वकील एपीएस देओल को महाधिवक्ता बनाया। सिद्धू इन दोनों फैसलों से खफा थे। यही वजह है कि उन्होंने अचानक प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर हाईकमान को भी चौंका दिया था। अभी तक सिद्धू ने इस्तीफा वापस नहीं लिया है और न ही हाईकमान ने कोई फैसला किया है।
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