बड़ा झटका: भ्रष्टाचार मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला दोषी करार, सजा का एलान 26 को

बड़ा झटका: भ्रष्टाचार मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला दोषी करार, सजा का एलान 26 को

सार

कोर्ट ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिया है।

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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिया है। इस मामले में सजा पर अदालत 26 मई को दलीलें सुनेगी। अदालत के आने वाले फैसले पर सियासी दलों से लेकर आम जनता की निगाहें टिकी हैं।

यह मामला 1997 में हरियाणा के सिरसा के सदर डबवाली में दर्ज किया गया था और इसमें जांच एजेंसी ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। मौजूदा मामला सीबीआई ने 2006 में दर्ज किया था। जांच के बाद 2010 में चार्जशीट दाखिल की गई थी। सीबीआई ने 106 गवाह पेश किए और गवाही पूरी करने में करीब सात साल लगे। चौटाला का बयान चार्जशीट के सात साल बाद 16 जनवरी 2018 को दर्ज हो सका। 

चौटाला के भाई प्रताप सिंह की शिकायत पर 17 जवररी 1997 को थाना सदर डबवाली में आय से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोप में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया था लेकिन जांच के बाद इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया था लेकिन पुलिस की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया गया था।

तिहाड़ में काट चुके हैं सजा
साल 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने चौटाला की तीन करोड़ 68 लाख की संपत्ति जब्त की। जब्त की गईं संपत्तियां नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में हैं। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुई थी। चौटाला को जनवरी 2013 में जेबीटी घोटाले में दोषी करार दिया गया था। इस मामले में अदालत ने उनको 10 साल की सजा सुनाई थी। पिछले साल ही चौटाला दिल्ली की तिहाड़ जेल से सजा पूरी कर बाहर आए थे। 

विस्तार

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दिया है। इस मामले में सजा पर अदालत 26 मई को दलीलें सुनेगी। अदालत के आने वाले फैसले पर सियासी दलों से लेकर आम जनता की निगाहें टिकी हैं।

यह मामला 1997 में हरियाणा के सिरसा के सदर डबवाली में दर्ज किया गया था और इसमें जांच एजेंसी ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। मौजूदा मामला सीबीआई ने 2006 में दर्ज किया था। जांच के बाद 2010 में चार्जशीट दाखिल की गई थी। सीबीआई ने 106 गवाह पेश किए और गवाही पूरी करने में करीब सात साल लगे। चौटाला का बयान चार्जशीट के सात साल बाद 16 जनवरी 2018 को दर्ज हो सका। 

चौटाला के भाई प्रताप सिंह की शिकायत पर 17 जवररी 1997 को थाना सदर डबवाली में आय से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोप में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया था लेकिन जांच के बाद इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया था लेकिन पुलिस की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया गया था।

तिहाड़ में काट चुके हैं सजा

साल 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने चौटाला की तीन करोड़ 68 लाख की संपत्ति जब्त की। जब्त की गईं संपत्तियां नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में हैं। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुई थी। चौटाला को जनवरी 2013 में जेबीटी घोटाले में दोषी करार दिया गया था। इस मामले में अदालत ने उनको 10 साल की सजा सुनाई थी। पिछले साल ही चौटाला दिल्ली की तिहाड़ जेल से सजा पूरी कर बाहर आए थे। 

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