बांदा नाव हादसे में जिंदा बचे लोगों की आपबीती: अचानक गोते खाने लगी नाव, लगा सब मर जाएंगे; बांस का सहारा पाकर बच गए

बांदा नाव हादसे में जिंदा बचे लोगों की आपबीती: अचानक गोते खाने लगी नाव, लगा सब मर जाएंगे; बांस का सहारा पाकर बच गए

बबेरू5 मिनट पहले

“मेरी आंखों के सामने ही पूरी नाव नदी में समा गई। पलटने के बाद लगा कि सब लोग मर जाएंगे। लोग बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे। देखते ही देखते महिलाएं और मासूम नदी की धारा में बह गए। मैं कुछ कर नहीं सका। मैं कुछ देर तक हाथ पांव मारता रहा। फिर मुझे एक बांस मिला। उसी के सहारे मैं किनारे तक पहुंचा।”

यह कहना है नदी से तैरकर बाहर निकले आए केपी यादव का। गुरुवार को बांदा से फतेहपुर जा रही नाव यमुना नदी में डूब गई। नाव में 35 लोग सवार थे।

“बांस के सहारे आया बाहर”
केपी यादव ने बताया, “मैं लखनऊ से समधरा आया था। समधरा अपनी पत्नी को छोड़कर अपने बहन के घर राखी बंधवाने जा रहा था। मुझे बरैची जाना था। मैं मोटरसाइकिल से अकेला जा रहा था। मैंने नाव पर बाइक भी रख ली थी। मेरी मोटरसाइकिल डूब गई।”

यह तस्वीर केपी यादव की है। बांस का सहारा लेकर नदी से बाहर निकले।

यह तस्वीर केपी यादव की है। बांस का सहारा लेकर नदी से बाहर निकले।

उन्होंने कहा, “नाव की पतवार अचानक से टूट गई। तेज बहाव की वजह से नाव अंसतुलित हो गई। नाविक संभाल नहीं पाया। उसके बाद नाव पलट गई। कुछ लोग तो बच गए हैं, लेकिन अभी बहुत लोग बाहर नहीं आ पाए हैं।”

“नाव को मोड़ते वक्त हुआ हादसा”
नाव में सवार राम प्रतीक ने कहा, “हम लोग नदी के बीच में पहुंच गए थे। यमुना की लहर तेज थी। नाव वालों ने कहा कि नाव को मोड़ना पड़ेगा। नाव किनारे तक नहीं पहुंच पाएगी। जैसे ही नाव को मोड़ने लगे वह हिचकोले खाने लगी। इससे सभी लोग एक तरफ आ गए। संतुलन बिगड़ते ही नाव में पानी भर गया। इसके बाद नाव डूब गई। मैं किसी तरह से तैरकर बाहर आया।”

राम प्रतीक भी नाव पर सवार थे। उन्होंने तैरकर जान बचाई।

राम प्रतीक भी नाव पर सवार थे। उन्होंने तैरकर जान बचाई।

मेरी आंखों से सामने ही बह गए लोग, पत्नी लापता
बुजुर्ग गया प्रसाद ने कहा, “हम अपने गांव से पत्नी को लेकर ससुराल खागा राखी बंधवाने के लिए जा रहे थे। नदी के पार जाने वालों की भीड़ ज्यादा थी। देखते-देखते नाव में करीब 35 से 40 लोग सवार हो गए। कुछ मोटरसाइकिल भी नाव पर लाद दी गईं।”

उन्होंने बताया, “हिचकोले खाने के बाद नाव एकदम से पलट गई। कुछ लोग तो तैरने लगे, लेकिन महिलाएं और बच्चे डूबने लगे। बीच धारा में लोग बहते चले जा रहे थे। इसी बीच पास में आई दो नाव पर बैठे लोगों ने डूब रहे लोगों को खींचना शुरू कर दिया। मैं भी एक नाव पर चढ़ गया। लेकिन कई महिलाएं और बच्चे बह गए।” गया प्रसाद की पत्नी लापता बताई जा रही हैं।

ये गया प्रसाद हैं। इन्हें दूसरी नाव से सुरक्षित बाहर निकाला गया है।

ये गया प्रसाद हैं। इन्हें दूसरी नाव से सुरक्षित बाहर निकाला गया है।

“मेरी आंखों के सामने डूब गई नाव”
प्रत्यक्षदर्शी नाविक ननकू यादव ने कहा, “मैं नदी के किनारे पर खड़ा था। तभी नाव डूब गई। मैं साथी के साथ लोगों को बचाने पहुंचा। हमने एक-दो लोगों को बचाया भी। लेकिन कई लोग बह गए।”

यह नाविक ननकू यादव हैं। इन्होंने अपनी नाव से कुछ लोगों को बचाया।

यह नाविक ननकू यादव हैं। इन्होंने अपनी नाव से कुछ लोगों को बचाया।

पढ़ेंः बांदा में यमुना में पलटी नाव, 35 डूबे:3 की मौत, 17 लापता, बहनें राखी बांधने जा रही थीं; पतवार टूटने से हुआ हादसा

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