भारतवंशी CEO की अपील: जिलिंगो से बर्खास्त अंकिती बोस ने कहा- मेरे खिलाफ इस्तेमाल किए गए दस्तावेज फर्जी, ट्विटर यूजर के खिलाफ मांगा प्रोटेक्शन ऑर्डर

भारतवंशी CEO की अपील: जिलिंगो से बर्खास्त अंकिती बोस ने कहा- मेरे खिलाफ इस्तेमाल किए गए दस्तावेज फर्जी, ट्विटर यूजर के खिलाफ मांगा प्रोटेक्शन ऑर्डर

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सिंगापुर35 मिनट पहले

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सिंगापुर की स्टार्टअप कंपनी जिलिंगो की CEO अंकिती बोस को पिछले हफ्ते निकाल दिया गया था। अब अंकिती बोस ने एक ट्विटर यूजर के खिलाफ सिंगापुर कोर्ट से प्रोटेक्शन ऑर्डर की मांग की है। अंकिती बोस का कहना कि उनकी तस्वीरें, चैट और दस्तावेज़ उनकी सहमति के बिना एक्सेस और साझा किए गए थे।

अंकिती बोस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के माध्यम से बताया कि मेरी पर्सनल फोटो, चैट, दस्तावेज सभी मेरी सहमति के बिना गलत तरीके से एक्सेस किया गया। मैनें इंटरनेट पर अब उसके वर्सन देखे हैं जो पूरी तरह नकली है, मुझे नहीं पता ये सब कौन कर रहा है।

अंकिती बोस की इंस्टाग्राम पोस्ट।

अंकिती बोस की इंस्टाग्राम पोस्ट।

कंपनी 2015 में शुरू हुई थी
जिलिंगो एक ऑनलाइन फैशन कंपनी है जो कपड़े के व्यापारियों और कारखानों को टेक्नोलॉजी देती है। कंपनी की स्थापना अंकिती बोस और मुख्य टेक्नोलॉजी अधिकारी ध्रुव कपूर ने 2015 में की थी। हाल ही में 31 मार्च को कंपनी के खाते में कथित गड़बड़ी के आरोप में अंकिती बोस को निकाला गया था। अंकिती बोस को जिलिंगो ने शुक्रवार को फॉरेंसिक ऑडिट के बाद बर्खास्त किया है।
जिलिंगो ने एक बयान जारी करते हुए कहा- ‘स्वतंत्र फॉरेंसिक जांच के बाद कंपनी ने अंकिती को बर्खास्त करने का फैसला किया। कंपनी के पास उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है लेकिन कंपनी ने ये जानकारी नहीं दी कि अंकिती के खिलाफ क्या-क्या आरोप हैं और जांच में उन्हें क्या पता चला है’।

जिस कंपनी को बनाया उसी से निकाले जाने का अपमान झेलना पड़ा
भारतीय मूल की 30 वर्षीय अंकिती ने कहा कि उसने अभी तक उसके खिलाफ दर्ज की गई शिकायतों को नहीं देखा है। साथ ही कहा मैंने अभी तक उस रिपोर्ट को नहीं देखा है जो मेरे खिलाफ इस्तेमाल की गई हैं। मैंने जिस कंपनी को बनाया था मुझे उस कंपनी से निकाले जाने का अपमान झेलना पड़ा है। अंकिती ने दावा किया है कि उन्हें कोई रिपोर्ट नहीं दिखाई गई न ही उनसे मांगे गए दस्तावेज देखे गए। साथ ही कहा कि मुझे और मेरे परिवार को लगातार सोशल मीडिया पर धमकियां मिल रही है।

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