राजीव सिन्हा, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Thu, 07 Oct 2021 12:36 PM IST
सार
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है कि कितने आरोपी हैं, किसके खिलाफ FIR दर्ज की गई है और किन्हें गिरफ्तार किया गया है।
लखीमपुर खेरी हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
– फोटो : पीटीआई
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने दिया जवाब
हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब देते हुए कहा कि एक विशेष जांच दल और एक न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है। चीफ जस्टिस ने यूपी सरकार से कहा, ‘शिकायत है कि आप ठीक से जांच नहीं कर रहे हैं। दो वकीलों द्वारा दिए गए लेटर पिटीशन में कहा गया है कि आठ लोगों, किसानों और पत्रकारों की हत्या की गई है। हमें यह जानने की जरूरत है किन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है?
प्रसाद ने अपनी दलील में कहा कि यह ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ है और जांच पहले से ही चल रही है। उन्होंने शुक्रवार तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा। शीर्ष अदालत ने उनसे इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस संबंध में दायर जनहित याचिकाओं का विवरण देने को भी कहा है।
मृतक की मां का ख्याल रखे यूपी सरकार
वकील अमृतपाल सिंह खालसा के अनुरोध पर, शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को मृतक किसानों में से एक की मां को तत्काल चिकित्सा देखभाल देने का निर्देश दिया, जो तीन अक्तूबर की घटना के बाद सदमे की स्थिति में थी। पीठ ने कहा, ‘हमें अभी एक संदेश मिला है कि एक मृतक की मां की हालत गंभीर है। बेटे को खोने के सदमे के कारण उसे तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है।’ शीर्ष अदालत ने वकील शिव कुमार त्रिपाठी और सी एस पांडा द्वारा भेजे गए एक पत्र याचिका पर कार्रवाई की, जिन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।
तकनीकी गड़बड़ियों के कारण मुश्किल से आभासी सुनवाई से जुड़ सके शिव कुमार त्रिपाठी ने शिकायत की कि राज्य सरकार ने भयावह घटना’ को रोकने के लिए ठीक से काम नहीं किया। शीर्ष अदालत अब इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी। सनद रहे कि शीर्ष अदालत ने बुधवार को लखीमपुर खीरी की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। इस घटना में आठ लोगों की जान चली गई थी।
विस्तार
यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने दिया जवाब
हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब देते हुए कहा कि एक विशेष जांच दल और एक न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है। चीफ जस्टिस ने यूपी सरकार से कहा, ‘शिकायत है कि आप ठीक से जांच नहीं कर रहे हैं। दो वकीलों द्वारा दिए गए लेटर पिटीशन में कहा गया है कि आठ लोगों, किसानों और पत्रकारों की हत्या की गई है। हमें यह जानने की जरूरत है किन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है?
प्रसाद ने अपनी दलील में कहा कि यह ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ है और जांच पहले से ही चल रही है। उन्होंने शुक्रवार तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा। शीर्ष अदालत ने उनसे इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस संबंध में दायर जनहित याचिकाओं का विवरण देने को भी कहा है।
मृतक की मां का ख्याल रखे यूपी सरकार
वकील अमृतपाल सिंह खालसा के अनुरोध पर, शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को मृतक किसानों में से एक की मां को तत्काल चिकित्सा देखभाल देने का निर्देश दिया, जो तीन अक्तूबर की घटना के बाद सदमे की स्थिति में थी। पीठ ने कहा, ‘हमें अभी एक संदेश मिला है कि एक मृतक की मां की हालत गंभीर है। बेटे को खोने के सदमे के कारण उसे तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है।’ शीर्ष अदालत ने वकील शिव कुमार त्रिपाठी और सी एस पांडा द्वारा भेजे गए एक पत्र याचिका पर कार्रवाई की, जिन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।
तकनीकी गड़बड़ियों के कारण मुश्किल से आभासी सुनवाई से जुड़ सके शिव कुमार त्रिपाठी ने शिकायत की कि राज्य सरकार ने भयावह घटना’ को रोकने के लिए ठीक से काम नहीं किया। शीर्ष अदालत अब इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी। सनद रहे कि शीर्ष अदालत ने बुधवार को लखीमपुर खीरी की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। इस घटना में आठ लोगों की जान चली गई थी।
More News
EXAM पास होने पर मनाया जश्न, धूमधाम से की पार्टी; लेकिन सेलिब्रेशन के बाद घर न लौट सके
ऋषभ पंत ने लगाई लंबी छलांग, ऑरेंज कैप के लिए ठोक दी दावेदारी – India TV Hindi
पटना स्टेशन के पास होटल समेत दो इमारतों में लगी भीषण आग,दो महिला समेत 3 की मौत; रेस्क्यू जारी