वर्ष 2015 के धार्मिक ग्रंथ बेअदबी मामलों से संबंधित पंजाब पुलिस की अंतिम जांच रिपोर्ट में सिरसा में स्थित डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) को इन घटनाओं का जिम्मेदार बताया गया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को चमकौर सिंह और मेजर सिंह पंडोरी समेत सिख नेताओं को पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) की 467 पृष्ठ की रिपोर्ट सौंपी। पुलिस महानिरीक्षक एस.पी.एस. परमार के नेतृत्व वाले विशेष जांच दल ने घटनाओं की जांच की और 21 अप्रैल को राज्य के पुलिस महानिरीक्षक को रिपोर्ट सौंपी।
दरअसल, वर्ष 2015 में फरीदकोट में गुरु गंथ साहिब की एक ‘बीर’ (प्रतिलिपि) चोरी होने, बेअदबी संबंधी हस्तलिखित पोस्टर और पवित्र ग्रंथ के फटे पन्ने बिखरे हुए मिलने की घटनाएं सामने आई थीं। इन घटनाओं के कारण फरीदकोट में विरोध प्रदर्शन हुआ था। अक्टूबर 2015 में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में बेहबल कलां में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि फरीदकोट के कोटकपूरा में कुछ लोग घायल हो गए थे।
रिपोर्ट के अनुसार, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बेअदबी की तीन घटनाओं में नामजद किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, तीनों घटनाओं का डेरा सच्चा सौदा से सीधा संबंध है और इन मामलों में शामिल आरोपी उक्त डेरे के अनुयायी हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब पुलिस की एसआईटी द्वारा एकत्रित सामग्री और साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि आरोपियों के डेरा प्रबंधन से सीधे संबंध थे। घटनाओं की मंशा का भी फिल्म एमएसजी-2 से संबंध है। दरअसल, डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी राम रहीम अभिनीत मैसेंजर ऑफ गॉड (एमएसजी-2) के रिलीज नहीं होने को लेकर निराश थे।
इन तीन मामलों में अन्य आरोपी सुखजिंदर सिंह उर्फ सनी, शक्ति सिंह, बलजीत सिंह, रणदीप सिंह उर्फ नीला, रणजीत सिंह उर्फ भोला, निशान सिंह, नरिंदर शर्मा और प्रदीप सिंह हैं। वहीं, तीन अन्य आरोपियों- हर्ष धुरी, प्रदीप कलेर और संदीप बरेटा को गिरफ्तार किया जाना बाकी है। उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया है।
डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मोहिंदर पाल बिट्टू, जो मामलों में मुख्य आरोपी थे, 2019 में नाभा जेल में दो कैदियों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई थी।
एसआईटी ने घटनाओं के सिलसिले में हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में बंद गुरमीत राम रहीम सिंह से भी पूछताछ की थी। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि एसआईटी द्वारा जांच के दौरान राम रहीम ने सहयोग नहीं किया। बेअदबी के तीन मामलों की सुनवाई फरीदकोट की एक अदालत में चल रही है और आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने की अगली तारीख 29 जुलाई है।
पिछले साल, सीबीआई ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर 2015 की घटनाओं से संबंधित दस्तावेज और फाइलें पंजाब पुलिस एसआईटी को सौंपी थीं। 2015 में, तत्कालीन शिअद-भाजपा सरकार ने तीनों मामलों को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया था।
पंजाब सरकार ने जांच में प्रगति की कमी को देखते हुए सितंबर 2018 में राज्य पुलिस की एक एसआईटी को जांच सौंपी थी, जब राज्य विधानसभा ने इन मामलों की जांच के लिए सीबीआई से सहमति वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया था।
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