हॉस्टल मैनेजमेंट ने नहीं दिया शिकायत पर ध्यान, दूषित पानी से छात्रा की मौत, 55 बीमार

हॉस्टल मैनेजमेंट ने नहीं दिया शिकायत पर ध्यान, दूषित पानी से छात्रा की मौत, 55 बीमार

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Highlights

  • छात्रा कामिनी चुरेंद्र की हुई मौत
  • नहीं परोसा जा रहा था अच्छी क्वालिटी का खाना
  • हॉस्टल मैनेजमेंट के खिलाफ मामला दर्ज

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले के एक निजी कॉलेज के हॉस्टल में कथित तौर पर दूषित पानी पीने से 19 वर्षीय एक छात्रा की मौत हो गई है और 55 अन्य छात्राएं बीमार हो गई हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि घटना की शुरूआती जांच से जानकारी मिली है कि हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने भोजन और पानी की क्वालिटी को लेकर हॉस्टल मैनेजमेंट से शिकायत की थी लेकिन मैनेजमेंट ने शिकायत की ओर ध्यान नहीं दिया। इससे हॉस्टल मैनेजमेंट की अव्यवस्था और लापरवाही प्रदर्शित हो रही है। 

55 छात्राओं को उल्टी और दस्त की शिकायत

जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन को सोमवार को जानकारी मिली थी कि भिलाई शहर के वेद महिला हॉस्टल से बड़ी संख्या में छात्राओं को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि बाद में जानकारी मिली कि रस्तोगी कॉलेज भिलाई में कौशल विकास प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की 55 छात्राओं को उल्टी और दस्त की शिकायत पर 30 जुलाई से हाई-टेक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 51 छात्राओं का अस्पताल में इलाज चल रहा है और 4 छात्राओं को छुट्टी दे दी गई है।

छात्रा कामिनी चुरेंद्र की हुई मौत

उन्होंने बताया कि जानकारी मिली है कि हॉस्टल की एक छात्रा कामिनी चुरेंद्र को पड़ोसी जिले राजनांदगांव के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान रविवार को उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि छात्रा कामिनी की तबियत बिगड़ने के बाद उसके परिवार के सदस्य उसे 29 जुलाई को हॉस्टल से बालोद जिले में स्थित अपने निवास में ले गए थे। बाद में उसे राजनांदगांव के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद दुर्ग जिले के कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने इसकी जांच के आदेश दिए और जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉक्टर जेपी मेश्राम सहित अधिकारियों के एक दल ने अस्पताल में बीमार छात्रों से मुलाकात की और छात्रावास का निरीक्षण किया।

हॉस्टल में नहीं परोसा जा रहा था गुणवत्तापूर्ण भोजन

उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान हॉस्टल की छात्राओं ने बताया कि उन्हें परोसा जा रहा भोजन गुणवत्तापूर्ण नहीं है और पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए पुराने वाटर कूलर का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं पानी साफ करने वाली मशीन भी लंबे समय से बंद है। अधिकारियों ने बताया कि हॉस्टल की वार्डन ने जानकारी दी है कि 6 छात्रावासों में विद्यार्थी रह रहे हैं और वहां के लिए खाना और नाश्ता मॉडल टाउन के एक ही मेस में पकाया जाता है, लेकिन जो छात्राएं बीमार हुई हैं वह केवल वेद हॉस्टल की ही हैं। उन्होंने बताया कि छात्रावास के छत में लगी टंकी, आरओ और वाटर कूलर के पानी को ​​​​परीक्षण के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग को भेजा गया है। जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। आशंका है कि दूषित पानी पीने से छात्राएं बीमार हुई हैं।

हॉस्टल मैनेजमेंट के खिलाफ मामला दर्ज

अधिकारियों ने बताया कि बीमार छात्राओं के मल के नमूने भी परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। वहीं खाद्य आपूर्ति अधिकारी ने भोजन के नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजा है। उन्होंने कहा, “प्रारंभिक जांच में जानकारी मिली है कि छात्राओं ने भोजन और पानी की गुणवत्ता के बारे में बार-बार शिकायत की थी, लेकिन इसके बावजूद हॉस्टल मैनेजमेंट ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इससे हॉस्टल मैनेजमेंट की अव्यवस्था और लापरवाही प्रदर्शित हो रही है। ” इधर दुर्ग जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय ध्रुव ने बताया कि इस संबंध में हॉस्टल मैनेजमेंट के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। 

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