10 राज्यों में PFI के ठिकानों पर NIA-ED की रेड: 100 से ज्यादा वर्कर्स अरेस्ट; छापेमारी के विरोध में सड़कों पर उतरे संगठन के कार्यकर्ता

10 राज्यों में PFI के ठिकानों पर NIA-ED की रेड: 100 से ज्यादा वर्कर्स अरेस्ट; छापेमारी के विरोध में सड़कों पर उतरे संगठन के कार्यकर्ता

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

NIA की कार्रवाई के बाद केरल-कर्नाटक समेत कई राज्यों में PFI कार्यकर्ताओं ने सेंट्रल एजेंसी के खिलाफ नारेबाजी की।

नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने गुरुवार सुबह 3.30 बजे से 10 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की, जो अब तक जारी है। टेरर फंडिंग केस में हो रही इस कार्रवाई में उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, बिहार, मध्यप्रेदश, पुडुचेरी, राजस्थान में संगठन से जुड़े 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इस रेड को NIA के करीब 200 अधिकारी अंजाम दे रहे हैं।

सोशल मीडिया पर यह लिस्ट सर्कुलेट हो रही है। इसमें दावा किया गया है कि NIA ने ED और राज्य पुलिस के साथ मिलकर 11 राज्यों से 106 लोगों को गिरफ्तार किया है।

सोशल मीडिया पर यह लिस्ट सर्कुलेट हो रही है। इसमें दावा किया गया है कि NIA ने ED और राज्य पुलिस के साथ मिलकर 11 राज्यों से 106 लोगों को गिरफ्तार किया है।

छापेमारी के विरोध में सड़क पर उतरे PFI कार्यकर्ता
NIA, ED और राज्य पुलिस की तरफ की जारी इस रेड के विरोध में PFI के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केरल के मल्लपुरम, तमिलनाडु के चेन्नई, कर्नाटक के मंगलुरु समेत कई जगहों पर संगठन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। PFI ने बयान जारी करते हुए कहा है कि आवाज दबाने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। सेंट्रल एजेंसी हमें प्रताड़ित कर रही है।

PFI पर NIA कार्रवाई की 3 तस्वीरें…

NIA छापेमारी के बीच तमिलनाडु के डिंडगुल जिले में PFI के ऑफिस पर तैनात सेंट्रल फोर्स के जवान।

NIA छापेमारी के बीच तमिलनाडु के डिंडगुल जिले में PFI के ऑफिस पर तैनात सेंट्रल फोर्स के जवान।

तेलंगाना के चंद्रगुटट्टा में NIA ने PFI के जिला कार्यालय को सील कर दिया है।

तेलंगाना के चंद्रगुटट्टा में NIA ने PFI के जिला कार्यालय को सील कर दिया है।

मंगलुरु में प्रदर्शन कर रहे PFI कार्यकर्ताओं को कर्नाटक पुलिस ने हिरासत में लिया।

मंगलुरु में प्रदर्शन कर रहे PFI कार्यकर्ताओं को कर्नाटक पुलिस ने हिरासत में लिया।

2 बड़े विवादों में आया PFI का नाम

1. जुलाई में पटना के फुलवारी शरीफ में आतंकी साजिश का खुलासा, पीएम मोदी थे निशाने पर

फुलवारी शरीफ से पुलिस ने अतहर और अलाउद्दीन को गिरफ्तार किया था। आरोप था इनके पास से इंडिया 2047 नाम का 7 पेज का डॉक्यूमेंट भी मिला है। इसमें दर्ज प्लान पर काम करते हुए ये अगले 25 साल में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे।

फुलवारी शरीफ से पुलिस ने अतहर और अलाउद्दीन को गिरफ्तार किया था। आरोप था इनके पास से इंडिया 2047 नाम का 7 पेज का डॉक्यूमेंट भी मिला है। इसमें दर्ज प्लान पर काम करते हुए ये अगले 25 साल में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे।

जुलाई में पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ में छापेमारी कर आतंकी साजिश का खुलासा किया था। खुलासे के मुताबिक आंतकियों के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी थे। इस केस में PFI के कार्यकर्ताओं का नाम सामने आने के बाद सितंबर में NIA ने बिहार में छापेमारी की थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

2. कर्नाटक के उडुपी में हिजाब विवाद को शुरू करने का आरोप

20 सितंबर को हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कर्नाटक सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा कि 2021 तक लड़कियों को ड्रेस कोड से परेशानी नहीं थी।

20 सितंबर को हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कर्नाटक सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा कि 2021 तक लड़कियों को ड्रेस कोड से परेशानी नहीं थी।

कर्नाटक के उडुपी में इसी साल के शुरुआत में हिजाब का विवाद शुरू हुआ। कर्नाटक सरकार के मुताबिक इस विवाद के पीछे भी PFI के कार्यकर्ता थे। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि PFI की साजिश की वजह से कर्नाटक में हिजाब का विवाद पैदा हुआ। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

झारखंड में बैन है संगठन, केंद्र के भी रडार पर

समाज में सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में PFI अभी सिर्फ झारखंड में ही बैन है। इसके खिलाफ संगठन ने कोर्ट में अपील भी की है। वहीं केंद्र सरकार भी PFI पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसके लिए अगस्त में ही एक टीम बनाई गई थी, जिसे 3 मोर्चे पर काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

  • PFI के नेटवर्क की मैपिंग करना। शुरुआत कर्नाटक से, लेकिन देश के उन सभी इलाकों का भी एक मैप तैयार होगा जहां PFI से जुड़ा एक भी व्यक्ति रहता है।
  • PFI की फंडिंग के सोर्सेज का का पता लगाना। साथ ही उससे जुड़े सारे डॉक्युमेंट कलेक्ट करना।
  • PFI का नाम जिन-जिन दंगों या फिर घटनाओं में आया उन सभी मामलों को जॉइंट टीम रीविजिट करेगी। पूरी खबर यहां पढ़िए…

PFI नेता कासिमी ने विवादित बयान दिया था
18 सितंबर को केरल के कोझिकोड में एक रैली के दौरान PFI नेता अफजल कासिमी ने कहा- संघ परिवार और सरकार के लोग हमें दबाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस्लाम पर जब भी खतरा होगा तब हम शहादत देने से पीछे नहीं हटेंगे। कासिमी ने कहा- यह आजादी की दूसरी लड़ाई है और मुसलमानों को जिहाद के लिए तैयार रहना है।

PFI ने 18 सितंबर को 'सेव द रिपब्लिक' प्रोग्राम का आयोजन किया था। इसी प्रोग्राम में कासिमी ने विवादित बयान दिया था।

PFI ने 18 सितंबर को ‘सेव द रिपब्लिक’ प्रोग्राम का आयोजन किया था। इसी प्रोग्राम में कासिमी ने विवादित बयान दिया था।

2010 में केरल से चर्चा में आया था PFI
2010 में केरल में प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ काटने की घटना के बाद PFI सबसे पहले चर्चा में आया था। प्रोफेसर जोसेफ पर एक प्रश्नपत्र में पूछे गए सवाल के जरिए पैगंबर मोहम्मद साहब के अपमान का आरोप लगा था। इसके बाद आरोप है कि PFI कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर जोसेफ के हाथ काट दिए थे। पूरी खबर यहां पढ़ें…

2007 में गठन, 20 राज्यों में विस्तार
2007 में मनिथा नीति पसाराई (MNP) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) नामक संगठन ने मिलकर पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) का गठन किया था। ये संगठन शुरुआत में दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था, लेकिन अब UP-बिहार समेत 20 राज्यों में इसका विस्तार हो चुका है।

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