न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पुणे
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Mon, 20 Dec 2021 11:15 PM IST
सार
कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर पूरी दुनिया में बढ़ती चिंता के बीच डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक ने टीकाकरण अभियानों को वैश्विक स्तर पर बढ़ाने की अपील की है।
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन
– फोटो : ट्विटर
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि टीकाकरण को और बढ़ाने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वंचित लोगों को भी इस महामारी से सुरक्षा प्रदान की जा सके। इससे कोरोना के चलते होने वाली मौतों की संख्या में मरीजों के अस्पताल में भर्ती कराने के आंकड़ों में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि हम पूरी दुनिया में टीकाकरण अभियान को जितना संभव हो सके उतना अधिक विस्तारित करना चाहते हैं।
टीकाकरण के बावजूद संक्रमित कर सकता है ओमिक्रॉन
उन्होंने कहा, ‘डेल्टा वैरिएंट के मामले में नियमित टीकों के असर में वायरस के प्रति थोड़ी गिरावट देखी है, लेकिन ओमिक्रॉन के मामले में इसमें और की दर्ज की जा रही है। इसका मतलब है कि टीकाकरण के बाद भी ओमिक्रॉन वैरिएंट हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को चकमा दे सकता है और हमें संक्रमित कर सकता है। लेकिन टीकाकरण के जरिए बीमारी की गंभीरता को काफी हद कर कम किया जा सकता है।’
वैश्विक महामारी संधि को लेकर की जा रही है बातचीत
इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि ‘वैश्विक महामारी संधि’ (Pandemic Treaty) को लेकर वैश्विक स्तर पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना जैसे अन्य संकटों से निपटने के लिए यह संधि सभी देशों को हथियारों और गोला-बारूज, स्वचालित संधियों और जैविक हथियारों के उपयोग पर एक साथ बांधती है, जिनके इस्तेमाल की इजाजत वैश्विक कारणों से नहीं है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में ही डब्ल्यूएचओ ने इसका इलाज खोजने पर काम शुरू कर दिया था। चीन और इटली कुछ देशों में क्लिनिकल ट्रायल किए गए थे. जहां पहली लहर के दौरान मृत्यु दर बहुत अधिक थी। हमने कुछ सप्ताह के अंदर की 30 देशों में ट्रायल शुरू कर दिए थे। भारत भी इन ट्रायलों का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा था और इसमें उसका कापी अहम योगदान रहा है।
विस्तार
डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि टीकाकरण को और बढ़ाने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वंचित लोगों को भी इस महामारी से सुरक्षा प्रदान की जा सके। इससे कोरोना के चलते होने वाली मौतों की संख्या में मरीजों के अस्पताल में भर्ती कराने के आंकड़ों में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि हम पूरी दुनिया में टीकाकरण अभियान को जितना संभव हो सके उतना अधिक विस्तारित करना चाहते हैं।
टीकाकरण के बावजूद संक्रमित कर सकता है ओमिक्रॉन
उन्होंने कहा, ‘डेल्टा वैरिएंट के मामले में नियमित टीकों के असर में वायरस के प्रति थोड़ी गिरावट देखी है, लेकिन ओमिक्रॉन के मामले में इसमें और की दर्ज की जा रही है। इसका मतलब है कि टीकाकरण के बाद भी ओमिक्रॉन वैरिएंट हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को चकमा दे सकता है और हमें संक्रमित कर सकता है। लेकिन टीकाकरण के जरिए बीमारी की गंभीरता को काफी हद कर कम किया जा सकता है।’
वैश्विक महामारी संधि को लेकर की जा रही है बातचीत
इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि ‘वैश्विक महामारी संधि’ (Pandemic Treaty) को लेकर वैश्विक स्तर पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना जैसे अन्य संकटों से निपटने के लिए यह संधि सभी देशों को हथियारों और गोला-बारूज, स्वचालित संधियों और जैविक हथियारों के उपयोग पर एक साथ बांधती है, जिनके इस्तेमाल की इजाजत वैश्विक कारणों से नहीं है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में ही डब्ल्यूएचओ ने इसका इलाज खोजने पर काम शुरू कर दिया था। चीन और इटली कुछ देशों में क्लिनिकल ट्रायल किए गए थे. जहां पहली लहर के दौरान मृत्यु दर बहुत अधिक थी। हमने कुछ सप्ताह के अंदर की 30 देशों में ट्रायल शुरू कर दिए थे। भारत भी इन ट्रायलों का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा था और इसमें उसका कापी अहम योगदान रहा है।
More News
Poonch Terrorist Attack: 7 मई को बेटे का जन्मदिन मनाने आने वाले थे छिंदवाड़ा के सपूत विक्की पहाड़े, पुंछ आतंकी हमले में हुए शहीद
झारखंड कैश कांड में ED ने किया बड़ा दावा, पैसा अधिकारियों व नेताओं के बीच बांटा जाता – India TV Hindi
केजरीवाल के लिए SC ने दिए राहत वाले संकेत पर फैसला नहीं, जमानत देने पर क्या कहा; पूरी दलीलें