United Nations : यूएन में कंबोज बोलीं- तकनीक का अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान, जानें पीएम मोदी के लिए क्या कहा

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संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत की नई स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में अग्रणी रहे हैं। द्वितीय भू-स्थानिक विश्व सूचना कांग्रेस के लिए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, भू-स्थानिक की मानव सभ्यता के विकास में अहम भूमिका है।

रुचिरा कंबोज ने कहा, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी मानचित्रण और विश्लेषण के लिए जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली), जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) और रिमोट सेंसिंग जैसे उपकरणों का उपयोग करती है। उन्होंने कहा, भारत इस वर्ष अक्तूबर में हैदराबाद में दूसरी संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक कांग्रेस की मेजबानी करेगा। 

कंबोज ने कहा, भारत की भू-स्थानिक अर्थव्यवस्था का मूल्य वर्तमान में 5 अरब डॉलर से ज्यादा है और 2025 तक इसे 11 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। राजदूत ने कहा, राष्ट्रीय नक्शा संगठन और सर्वे ऑफ इंडिया 250 साल से ज्यादा पुराने हैं।

भारत के सुदूर संवेदन कार्यक्रम की सराहना
भारत के सुदूर संवेदन कार्यक्रम की सराहना करते हुए, दूत कंबोज ने कहा कि इसने भारतीय भू-स्थानिक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को गति दी है। उन्होंने कहा, भारत में भू-स्थानिक बाजार के लिए प्रमुख विकास चालक केंद्र हैं और सरकार इन कार्यक्रमों पर जोर देती है। उन्होंने कहा, भारत हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन पर भरोसा करता है और इसी लिए विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस की मेजबानी करके प्रसन्न है।

जिम्मेदारी सौंपने पर धन्यवाद
यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने वैश्विक भू-स्थानिक सूचना प्रबंधन पर विशेषज्ञों की संयुक्त राष्ट्र समिति को हैदराबाद में 10-14 अक्तूबर तक द्वितीय भू-स्थानिक कांग्रेस के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपने पर धन्यवाद दिया।

विस्तार

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत की नई स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में अग्रणी रहे हैं। द्वितीय भू-स्थानिक विश्व सूचना कांग्रेस के लिए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, भू-स्थानिक की मानव सभ्यता के विकास में अहम भूमिका है।

रुचिरा कंबोज ने कहा, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी मानचित्रण और विश्लेषण के लिए जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली), जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) और रिमोट सेंसिंग जैसे उपकरणों का उपयोग करती है। उन्होंने कहा, भारत इस वर्ष अक्तूबर में हैदराबाद में दूसरी संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक कांग्रेस की मेजबानी करेगा। 

कंबोज ने कहा, भारत की भू-स्थानिक अर्थव्यवस्था का मूल्य वर्तमान में 5 अरब डॉलर से ज्यादा है और 2025 तक इसे 11 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। राजदूत ने कहा, राष्ट्रीय नक्शा संगठन और सर्वे ऑफ इंडिया 250 साल से ज्यादा पुराने हैं।

भारत के सुदूर संवेदन कार्यक्रम की सराहना

भारत के सुदूर संवेदन कार्यक्रम की सराहना करते हुए, दूत कंबोज ने कहा कि इसने भारतीय भू-स्थानिक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को गति दी है। उन्होंने कहा, भारत में भू-स्थानिक बाजार के लिए प्रमुख विकास चालक केंद्र हैं और सरकार इन कार्यक्रमों पर जोर देती है। उन्होंने कहा, भारत हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन पर भरोसा करता है और इसी लिए विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस की मेजबानी करके प्रसन्न है।

जिम्मेदारी सौंपने पर धन्यवाद

यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने वैश्विक भू-स्थानिक सूचना प्रबंधन पर विशेषज्ञों की संयुक्त राष्ट्र समिति को हैदराबाद में 10-14 अक्तूबर तक द्वितीय भू-स्थानिक कांग्रेस के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपने पर धन्यवाद दिया।

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