न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Fri, 27 May 2022 10:30 PM IST
सार
टेरर फंडिंग के एक मामले में अलगाववादी नेता यासीन मलिक को बीते बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यासीन मलिक के मामले में फैसले के लिए ओआईसी-आईपीएचआरसी की ओर से भारत के लिए की गई टिप्पणी अस्वीकार्य है। इन टिप्पणियों के माध्यम से ओआईसी-आईपीएचआरसी ने स्पष्ट तौर पर यासीन मलिक की आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन किया है।
मंत्रालय ने कहा कि दुनिया आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की मांग करती है। हम ओआईसी से अनुरोध करते हैं कि इसे किसी भी तरह उचित ठहराने की कोशिश न करें।अलगाववादी नेता मलिक को दिल्ली की अदालत ने टेरर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।
विस्तार
ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआईसी) की मानवाधिकार एजेंसी आईपीएचआरसी (दि इंडिपेंडेंट परमानेंट ह्यूमन राइट्स कमीशन) ने यासीन मलिक के मामले में सुनाए गए फैसले को लेकर भारत की आलोचना की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इसका करारा जवाब दिया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यासीन मलिक के मामले में फैसले के लिए ओआईसी-आईपीएचआरसी की ओर से भारत के लिए की गई टिप्पणी अस्वीकार्य है। इन टिप्पणियों के माध्यम से ओआईसी-आईपीएचआरसी ने स्पष्ट तौर पर यासीन मलिक की आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन किया है।
मंत्रालय ने कहा कि दुनिया आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की मांग करती है। हम ओआईसी से अनुरोध करते हैं कि इसे किसी भी तरह उचित ठहराने की कोशिश न करें।अलगाववादी नेता मलिक को दिल्ली की अदालत ने टेरर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।
More News
अग्निवीरों को एक और सहूलियत, सर्विस के चार साल बाद भी घायल जवानों को मुफ्त इलाज देने की तैयारी
सीबीएसई रिजल्ट: 10वीं-12वीं के नतीजे जल्द आ सकते हैं, चेक करने के लिए ये 4 स्टेप्स फॉलो करें
Maharashtra Crisis Live: फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ठाकरे को एक और झटका, थोड़ी देर बाद शिंदे की अग्नि परीक्षा