सार
केपी अंबालगन तमिलनाडु में पिछली अन्नाद्रमुक सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। अन्नाद्रमुक ने इस तलाशी अभियान को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ की कार्रवाई बताया।
अन्नाद्रमुक नेता एवं पूर्व मंत्री केपी अंबालगन
– फोटो : Twitter
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अंबालगन तमिलनाडु में पिछली अन्नाद्रमुक सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। अन्नाद्रमुक ने इस तलाशी अभियान को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ की कार्रवाई बताया। अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेताओं ओ पनीरसेल्वम और के पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि डीवीएसी की इस कार्रवाई का मकसद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ‘प्रशासनिक अक्षमता’ पर पर्दा डालना है। दोनों नेताओं ने एक बयान में आरोप लगाया कि लोकोन्मुखी व कल्याणकारी कदमों की दिशा में काम करने के बदले राज्य सरकार अन्नाद्रमुक के खिलाफ ‘प्रतिशोधपूर्ण’ कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
डीवीएसी की धर्मपुरी इकाई ने पूर्व मंत्री और उनके परिवार के चार करीबी सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया तथा अधिकारियों ने तेलंगाना के अलावा धर्मपुरी, सेलम और चेन्नई में उनके 58 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
अधिकारियों ने छापे के दौरान ठोस दस्तावेजों के अलावा 6.637 किलोग्राम वजन के स्वर्ण आभूषण, 13.85 किलोग्राम वजन के चांदी के जेवरात और 2,65,31,650 रुपये बेनामी नकदी और बैंक लॉकर की चाबी जब्त की। मामले में आगे जांच जारी है। अंबालागन ऑल इण्डिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) के छठे पूर्व मंत्री हैं जो डीवीएसी की जांच के दायरे में आए हैं। इससे पहले डीवीएसी पांच पूर्व मंत्रियों के ठिकानों पर छापेमारी कर चुका है।
डीवीएसी के पुलिस उपाधीक्षक द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में पूर्व मंत्री अंबालगन का नाम शामिल है। उन पर भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होने और जानबूझकर खुद को अवैध रूप से समृद्ध करने और अपने नाम पर संपत्ति और आर्थिक संसाधन प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। यह मामला 2016 से 2021 के बीच का है जब अंबालगन मंत्री थे।
62 वर्षीय अंबालागन पर अपने नाम पर 11,32,95,755 रुपये और अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के आय के ज्ञात स्रोतों के अनुपात में “अवैध रूप से समृद्ध” करने का आरोप है। डीवीएसी ने कहा कि ‘चेक पीरियड’ के दौरान उनकी संपत्ति 10,10,39,663 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए थी। एफआईआर में अंबालागन की पत्नी ए मालिगा, बेटे ए शशि मोहन और ए चंद्र मोहन और उनकी बहू एस वैष्णवी के नाम शामिल हैं।
डीवीएसी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है, “आय से अधिक संपत्ति की मात्रा की गणना करने के लिए 2016 और 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान उनके द्वारा दायर हलफनामे और विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी को ध्यान में रखा गया है।”
विस्तार
अंबालगन तमिलनाडु में पिछली अन्नाद्रमुक सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। अन्नाद्रमुक ने इस तलाशी अभियान को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ की कार्रवाई बताया। अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेताओं ओ पनीरसेल्वम और के पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि डीवीएसी की इस कार्रवाई का मकसद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ‘प्रशासनिक अक्षमता’ पर पर्दा डालना है। दोनों नेताओं ने एक बयान में आरोप लगाया कि लोकोन्मुखी व कल्याणकारी कदमों की दिशा में काम करने के बदले राज्य सरकार अन्नाद्रमुक के खिलाफ ‘प्रतिशोधपूर्ण’ कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
डीवीएसी की धर्मपुरी इकाई ने पूर्व मंत्री और उनके परिवार के चार करीबी सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया तथा अधिकारियों ने तेलंगाना के अलावा धर्मपुरी, सेलम और चेन्नई में उनके 58 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
अधिकारियों ने छापे के दौरान ठोस दस्तावेजों के अलावा 6.637 किलोग्राम वजन के स्वर्ण आभूषण, 13.85 किलोग्राम वजन के चांदी के जेवरात और 2,65,31,650 रुपये बेनामी नकदी और बैंक लॉकर की चाबी जब्त की। मामले में आगे जांच जारी है। अंबालागन ऑल इण्डिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) के छठे पूर्व मंत्री हैं जो डीवीएसी की जांच के दायरे में आए हैं। इससे पहले डीवीएसी पांच पूर्व मंत्रियों के ठिकानों पर छापेमारी कर चुका है।
डीवीएसी के पुलिस उपाधीक्षक द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में पूर्व मंत्री अंबालगन का नाम शामिल है। उन पर भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होने और जानबूझकर खुद को अवैध रूप से समृद्ध करने और अपने नाम पर संपत्ति और आर्थिक संसाधन प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। यह मामला 2016 से 2021 के बीच का है जब अंबालगन मंत्री थे।
62 वर्षीय अंबालागन पर अपने नाम पर 11,32,95,755 रुपये और अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के आय के ज्ञात स्रोतों के अनुपात में “अवैध रूप से समृद्ध” करने का आरोप है। डीवीएसी ने कहा कि ‘चेक पीरियड’ के दौरान उनकी संपत्ति 10,10,39,663 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए थी। एफआईआर में अंबालागन की पत्नी ए मालिगा, बेटे ए शशि मोहन और ए चंद्र मोहन और उनकी बहू एस वैष्णवी के नाम शामिल हैं।
डीवीएसी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है, “आय से अधिक संपत्ति की मात्रा की गणना करने के लिए 2016 और 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान उनके द्वारा दायर हलफनामे और विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी को ध्यान में रखा गया है।”
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