पशु तस्करी केस में बढ़ीं टीएमसी के पूर्व नेता विनय मिश्रा की मुश्किलें, हाई कोर्ट ने कहा- CBI करेगी जांच, गिरफ्तारी से छूट नहीं

कोलकाता हाई कोर्ट ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व नेता विनय मिश्रा की उस याचिका को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने सीबीआई जांच से राहत की मांग की थी। मिश्रा कोयला और पशु तस्करी केस में घिरे हुए हैं। भारतीय नागरिकता का त्याग कर चुके और संभवत: पोलेनेसिया के छोटे आइलैंड देश वानूआतू में रह रहे विनय मिश्रा ने सीबीआई केस रद्द करने और पूछताछ के लिए भारत आने पर गिरफ्तारी से छूट की मांग की थी। उन्होंने वर्चुअल सुनवाई की भी मांग की थी।  

कोर्ट ने बुधवार को कहा, ”विनय मिश्रा की ओर से दाखिल सभी याचिकाएं रद्द की जाती हैं।” केस की सुनवाई करने वाले जस्टिस तीर्थांकर घोष ने मिश्रा की जमानत को बढ़ाने से भी इनकार किया। जज ने कहा, ”जांच में हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।” इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई को गिरफ्तारी से छूट पर विचार के लिए अधिक समय देने से इनकार कर दिया था। सीबीआई को शक है कि मिश्रा वानूआतू में रह हे हैं, जहां निवेश के बदले नागरिकता मिलती है। 
  
तृणमूल कांग्रेस यूथ विंग के महासचिव रहे मिश्रा ने इससे पहले कोर्ट को अपने वकील के जरिए बताया था कि वह पूछताछ में शामिल होने के लिए भारत आ सकते हैं, यदि सीबीआई और ईडी की ओर से उन्हें गिरफ्तार ना किया जाए और रेड कॉर्नर नोटिस को सस्पेंड कर दिया जाए। ईडी ने विनय मिश्रा के भाई विकास को मार्च में गिरफ्तार कर लिया था और प्रॉपर्टी अटैच कर दी थी। 
  
मिश्रा ने दावा किया कि उन्होंने पिछले साल 16 सितंबर को देश छोड़ा था, जबकि केस इसके बाद 21 सितंबर और फिर 27 नवंबर को दर्ज किया गया। मिश्रा के वकील ने 7 जून को एक हलफनामा दायर करके कहा था कि उन्होंने दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास वास में आवदेन देकर नागरिकता छोड़ दी है, जिसे 22 दिसंबर को स्वीकार कर लिया गया। 

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