भारत की समुद्र शक्ति INS वेला, इंडिया की पॉवर देख चीन-पाक का सूख रहा गला

नई दिल्ली: गुरुवार को Scorpene Class की चौथी सबमरीन INS वेला भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गई है. ये एक ऐसी पनडुब्बी है, जो समुद्र में अधिकतम 50 दिनों तक रह कर दुश्मन सेना का गला सुखा सकती है. पिछले एक हफ्ते में भारतीय नौसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा हुआ है. पहले 21 नवंबर को INS विशाखापट्टनम नाम का वॉर शिप भारतीय नौसेना को सौंपा गया और अब INS वेला जैसी खतरनाक सबमरीन भी भारतीय नौसेना में शामिल हो गई.

भारतीय नौसेना की समुद्र नीति

इसी महीने की 9 तारीख को जब चीन ने पाकिस्तान की नौसेना को एक खतरनाक युद्धपोत (Warship) सौंपा था, तब हमने इसका विश्लेषण किया था और आपको बताया था कि ये युद्धपोत कैसे भारत के खिलाफ जंग की तैयारी का एक हिस्सा है. लेकिन आज हम आपको भारत की तैयारियों और उसकी समुद्र नीति के बारे में बताना चाहते हैं. INS वेला Scorpene Class की चौथी सबमरीन (Submarine) है. इसे Scorpene Class इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये Diesel Electric attack Submarine तकनीक पर आधारित है.

2030 तक रखा है ऐसा लक्ष्य

मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा फ्रांस के सहयोग से ऐसी कुल 6 पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें 4 पनडुब्बी भारतीय नौसेना को मिल चुकी हैं. इनमें INS कलवरी, INS खांदेरी और INS करंज को पहले ही नौसेना को सौंपा जा चुका है और अब INS वेला भी इसमें शामिल हो गई है. प्रोजेक्ट 75 के तहत 2 और पनडुब्बी भारतीय नौसेना को मिलनी हैं. इनमें एक है INS वागीर और दूसरी है INS वाग्शीर. आपको बता दें कि भारत ने वर्ष 2030 तक ऐसी 24 पनडुब्बियों के निर्माण का लक्ष्य रखा है. 

हालांकि इसके बाद भी चीन की नौसेना भारतीय नौसेना से आगे रहेगी. फिलहाल चीन के पास 79 सबमरीन हैं और भारत के पास 17 सबमरीन हैं. वहीं पाकिस्तान के पास केवल 9 सबमरीन ही हैं.

इस वजह से खतरनाक है INS वेला

INS वेला नाम से पहले भी एक सबमरीन भारतीय नौसेना का हिस्सा रह चुकी है. इसे साल 1973 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और इसने वर्ष 2010 तक अपनी सेवाएं दी थीं. हालांकि ये Fox-Trot Class Submarine थी, जिसे सोवियत संघ द्वारा निर्मित किया गया था. असल में Diesel-Electric Patrol Submarines को Fox-Trot Class की पनडुब्बी कहा जाता है. लेकिन मौजूदा INS वेला कई मायनों में खतरनाक है.

INS वेला की खूबियां सुन छूट जाएंगे दुश्मन के पसीने

ये पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबी और करीब 12.5 मीटर ऊंची है. ये 20 Knots यानी लगभग 37 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से समुद्र का सीना चीर कर आगे बढ़ सकती हे. समुद्र की सतह पर इसकी अधिकतम स्पीड 11 Knots यानी 20 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. इसमें C-303 Anti Torpedo Counter Measure System लगा है, जो इसे अचूक और खतरनाक बनाता है. इसके अलावा इसमें 18 Torpedoes हैं, 30 Anti-Ship Missiles और इतनी ही Mines लगी हुई हैं. इसमें एक समय में 8 अधिकारी और 35 नौसैनिक मौजूद रह सकते हैं और शुरुआत में INS वेला को मुम्बई में Western Command में तैनात किया जाएगा.

चीन और पाक से लड़ने को तैयार है भारतीय फौज

हमारे देश में अक्सर यही कहा जाता है कि Two Front War हुआ तो भारत को पश्चिम में पाकिस्तान से युद्ध लड़ना होगा और पूर्व में चीन के खिलाफ जंग होगी. लेकिन आज का सच ये है कि जिस तरह से चीन ने अपनी नौसेना को मजबूत किया है और जिस तरह से वो पाकिस्तानी नेवी की मदद कर रहा है, उससे LOC और LAC का ज्यादा बड़ा रोल नहीं रह जाएगा. हो सकता है कि हम सीमा पर दुश्मन का इंतजार करते रहें और दुश्मन देश समुद्र के रास्ते भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ दे. इसी स्थिति को देखते हुए भारतीय नौसेना अपनी ताकत बढ़ा रही है. 

चीन से लड़ेन में हर हाल में सक्षम है भारत

हिंद प्रशांत महासागर में चीन के बढ़ते दबाव और उसकी नौसैनिक क्षमताओं से दुनिया में एक असंतुल पैदा हुआ है और इससे भारतीय नौसेना की भी चुनौतियां बढ़ी हैं और शायद यही वजह है कि पनडुब्बियों से लेकर खतरनाक जंगी जहाज के निर्माण पर भारत पहले से ज्यादा ध्यान केन्द्रित कर रहा है. 21 नवंबर को ही Destroyer Warship INS विशाखापट्टनम भारतीय नौसेना को सौंपा गया था. जो युद्ध में बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. ये जंगी जहाज 32 बराक और 16 ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है. इन Missiles को ये सतह से हवा में मार सकता है. इसका इस्तेमाल Helicopter, Anti Ship Missile, Drone, Cruise Missile और लड़ाकू विमान को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है. इसकी अधिकतम रफ्तार 55.56 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसे चार गैस टर्बाइन इंजन से ताकत मिलती है.

INS वेला की तरह इसे भी Make in India अभियान के तहत विकसित किया गया है. चीन पाकिस्तान की सैन्य जरूरतों को पूरा करके भारत की घेराबंदी करना चाहता है. ऐसी स्थिति से भारत तभी निपट सकता है, जब उसकी तैयारी पूरी हो और तीनों सेनाएं इसी दिशा में काम कर रही हैं.

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