अनुब्रत मंडल के समर्थन में उतरीं ममता बनर्जी, CBI-ईडी और केंद्र के खिलाफ आंदोलन की तैयारी

अनुब्रत मंडल के समर्थन में उतरीं ममता बनर्जी, CBI-ईडी और केंद्र के खिलाफ आंदोलन की तैयारी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को गिरफ्तार टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल का समर्थन किया। दक्षिण कोलकाता में एक स्वतंत्रता दिवस समारोह में बोलते हुए, बनर्जी ने संकेत दिया कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ईडी, सीबीआई और केंद्र के खिलाफ एक आंदोलन शुरू करेगी। पिछले महीने शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने ममता बनर्जी के करीबी और उनकी सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था।

सूत्रों की मानें तो टीएमसी के कई नेताओं को अनुमान था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंडल के साथ खड़ी नहीं होंगी लेकिन, रविवार को उसका उलट देखने को मिला। हालांकि, बनर्जी ने कहा, ‘केस्टो (अनुब्रत मंडल) ने क्या किया है? वह अपने घर में बंद था। फिर भी हम विधानसभा चुनाव में जीते।

घर में तोड़फोड़ पर भड़कीं ममता

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ममता बनर्जी ने कहा, ईडी और सीबीआई ने मंडल के घर में तोड़फोड़ की। आधी रात को वे उसके घर में घुसे और तोड़फोड़ की। मुझे कहना होगा, आप केस्टो को गिरफ्तार करके हमें नहीं रोक सकते। यदि आप एक केस्टो को गिरफ्तार करते हैं, तो हम एक हजार केस्टो बना देंगे। हम 16 अगस्त से ‘खेला होबे दिवस’ के मौके पर सड़कों पर उतरेंगे। फिर से ‘खेला होबे’ (नाटक) होगा।’

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भाजपा, माकपा के साथ कांग्रेस की भी आलोचना

बनर्जी ने भाजपा, माकपा और कांग्रेस की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘माकपा, भाजपा और कांग्रेस सभी भाई हैं। इस राज्य में उनका कोई स्थान नहीं है। उनका देश में भी कोई स्थान नहीं है।’ पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों ने ममता के इस बयान की आलोचना की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, वह मूल रूप से अब डरी हुई हैं। इसलिए वह अनुब्रत मंडल का समर्थन कर रही हैं।

बीरभूम में मंडल का दबदबा था

सीबीआई ने अनुब्रत मंडल को मवेशियों की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी की तरफ से 10 बार टीएमसी नेता को तलब किया गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। जिसके बाद सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय लोगों का कहना है कि मंडल बीरभूम के राजा थे। आरोप लगाए जा रहे हैं कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों समेत पुलिस अधिकारियों को उनकी बात सुननी पड़ती थी। लोगों के मुताबिक, बीरभूम में लंबे समय से टिके हुए कुछ अधिकारियों के मंडल के साथ अच्छे संबंध हो गए थे।

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