वाशिंगटन: अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को लेकर तीखी आलोचना का सामना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन ने शुक्रवार को कहा कि युद्ध प्रभावित देश से लोगों को निकाला जा रहा है और अब तक 18 हजार लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। बायडेन ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 5,700 लोगों को रेस्क्यू किया गया और हम अपने लोगों को निकालने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का संकट बहुत बड़ा है और काबुल में अमेरिका के 6 हजार सैनिक मौजूद हैं।
बायडेन ने कहा, ‘रेस्क्यू के लिए हमने अपने विमानों की संख्या बढ़ा दी है। अमेरिका अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल करेगा। जो अमेरिकी आना चाहते हैं, उनको हम जरूर लाएंगे। तालिबान लोगों को एयरपोर्ट तक सुरक्षित पहुंचने दे। अगर उसने हमारे सैनिकों पर हमला किया तो करारा जवाब मिलेगा। जेल से रिहा किए गए इस्लामिक स्टेट के आतंकी हमला कर सकते हैं। उन पर हमारी नजर है।’ बायडेन ने कहा कि अफगान शरणार्थियों को बसाने में पूरी मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने अफगानिस्तान में 20 साल तक पुनर्निर्माण का काम किया है।
दरअसल, अमेरिका को अफगानिस्तान से अपने नागरिकों और सहयोगियों को बाहर निकालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले बायडेन ने अचानक तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लेने से पहले सहयोगियों को बाहर निकालने में अमेरिका की विफलता के लिए अफगानों को दोषी ठहराया था। बता दें कि अमेरिकी अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (AP) को बताया था कि अमेरिकी राजनयिकों ने औपचारिक रूप से कई हफ्ते पहले ही आग्रह किया था कि बायडेन प्रशासन लोगों की निकासी के प्रयासों में तेजी लाए।
अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की अमेरिका की 31 अगस्त की समय सीमा से पहले तमाम लोगों को अभी निकाला जाना बाकी है। हालांकि अब इस अभियान में तेजी आई है। एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि लगभग 250 अमेरिकियों सहित लगभग 5,700 लोगों को 16 सी-17 परिवहन विमानों से काबुल से बाहर निकाला गया और पिछले 2 दिनों में लगभग 2,000 लोगों को बाहर निकाला गया है।
जुलाई में, काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास में 20 से अधिक राजनयिकों ने चिंता जताई थी कि अमेरिका के लिए काम करने वाले अफगानों की देश से निकासी की प्रक्रिया तेजी से आगे नहीं बढ़ रही है। बायडेन ने कहा है कि सैनिकों की वापसी के हिस्से के रूप में सामने आई अराजकता अपरिहार्य थी क्योंकि 20 साल से चल रहा युद्ध समाप्त हो गया था। उन्होंने कहा कि वह अफगानिस्तान के अमेरिका समर्थित राष्ट्रपति अशरफ गनी की सलाह का पालन कर रहे थे जो अमेरिकियों के साथ काम करने वाले अनुवादकों और खतरे का सामना कर रहे अन्य अफगानों को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी प्रयासों के विस्तार के पक्ष में नहीं थे।
बायडेन ने यह भी कहा कि खतरे का सामने करने वाले कई अफगान सहयोगी देश नहीं छोड़ना चाहते थे। लेकिन शरणार्थी समूह उन हज़ारों अफ़गानों द्वारा वीजा के लिए आवेदनों के वर्षों के ‘बैकलॉग’ की ओर इशारा करते हैं जिनसे वे अमेरिका में शरण ले सकेंगे। तालिबान द्वारा एयरपोर्ट के बाहरी हिस्से सहित काबुल पर नियंत्रण स्थापित करने के साथ अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि अमेरिकी नागरिक एयरपोर्ट तक पहुंचने में सक्षम हैं, लेकिन अक्सर एयरपोर्ट के गेट पर उनका सामना भारी भीड़ से होता है।
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