अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी: राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, 31 अगस्त तक पूरा हो जाएगा अभियान

एएनआई, वाशिंगटन
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 09 Jul 2021 12:36 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI

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अफगानिस्तान में अमेरिका के युद्ध को खत्म करने के अपने प्रशासन के प्रयासों का उल्लेख करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना का अभियान 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। ज्यादातर सैनिकों की वापसी हो चुकी है। सैनिकों की वापसी सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ रहा है और इस अभियान में ‘गति ही सुरक्षा’ है की नीति का पालन किया जा रहा है।
 

बाइडन ने आगे कहा कि ‘जैसा कि मैंने अप्रैल में कहा था, अमेरिका ने वह किया जो हम अफगानिस्तान में करने गए थे। इस अभियान का मकसद 9/11 को हम पर हमला करने वाले आतंकवादियों का पता करना और ओसामा बिन लादेन तक न्याय का संदेश पहुंचाना था। साथ ही अफगानिस्तान को बचाने के लिए आतंकवादी खतरे को कम करना था क्योंकि अफगानिस्तान अमेरिका के खिलाफ लगातार हमला करने वाले आतंकियों का गढ़ बन गया था।
 

बाइडन ने एक भाषण में कहा, ‘हम अफगानिस्तान में राष्ट्र निर्माण करने नहीं गए थे। अफगान नेताओं को साथ आकर भविष्य का निर्माण करना होगा।’ तालिबान द्वारा देश में महत्वपूर्ण ठिकानों पर प्रगति करने के बीच बाइडन ने अमेरिकी सैन्य अभियान को खत्म करने के अपने निर्णय को उचित ठहराया।

बता दें कि इससे एक पहले मंगलवार को अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा था कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी जारी है, अब तक 90 फीसदी से ज्यादा वापसी पूरी हो चुकी है। यहां सात सैन्य ठिकानों को औपचारिक रूप से अफगान रक्षा मंत्रालय को सौंप दिया गया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने कहा है कि करीब 1,000 सी-17 मालवाहक विमान अफगानिस्तान से सैन्य उपकरण लेकर उड़े हैं। 

पेंटागन के मुताबिक, अफगानिस्तान से सैन्य उपकरण लेकर रवाना होने से पहले कई सैन्य उपकरणों को निपटान के लिए रक्षा रसद एजेंसी को सौंप दिया गया है। नाटो देश भी अमेरिकी समन्वय से अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को तेजी से वापस निकाल रहे हैं। जर्मनी ने अपने सभी सैनिकों को वापस भी बुला लिया है और उसने उत्तरी अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में स्थित अपना वाणिज्य दूतावास बंद कर दिया है।

पिछले सप्ताह अमेरिकी और नाटो बलों ने अफगानिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य हवाई अड्डा बगराम एयरबेस भी खाली कर दिया है। विदेशी सैनिकों की वापसी के साथ, तालिबान ने सरकारी बलों से लड़ने के बाद उत्तरी अफगानिस्तान और देश के अन्य हिस्सों में कई जिलों पर कब्जा कर लिया है। हालांकि अफगान सुरक्षाबलों ने तालिबान को आगे बढ़ने से रोकने का संकल्प लिया है।

विस्तार

अफगानिस्तान में अमेरिका के युद्ध को खत्म करने के अपने प्रशासन के प्रयासों का उल्लेख करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना का अभियान 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। ज्यादातर सैनिकों की वापसी हो चुकी है। सैनिकों की वापसी सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ रहा है और इस अभियान में ‘गति ही सुरक्षा’ है की नीति का पालन किया जा रहा है।

 

बाइडन ने आगे कहा कि ‘जैसा कि मैंने अप्रैल में कहा था, अमेरिका ने वह किया जो हम अफगानिस्तान में करने गए थे। इस अभियान का मकसद 9/11 को हम पर हमला करने वाले आतंकवादियों का पता करना और ओसामा बिन लादेन तक न्याय का संदेश पहुंचाना था। साथ ही अफगानिस्तान को बचाने के लिए आतंकवादी खतरे को कम करना था क्योंकि अफगानिस्तान अमेरिका के खिलाफ लगातार हमला करने वाले आतंकियों का गढ़ बन गया था।

 

बाइडन ने एक भाषण में कहा, ‘हम अफगानिस्तान में राष्ट्र निर्माण करने नहीं गए थे। अफगान नेताओं को साथ आकर भविष्य का निर्माण करना होगा।’ तालिबान द्वारा देश में महत्वपूर्ण ठिकानों पर प्रगति करने के बीच बाइडन ने अमेरिकी सैन्य अभियान को खत्म करने के अपने निर्णय को उचित ठहराया।

बता दें कि इससे एक पहले मंगलवार को अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा था कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी जारी है, अब तक 90 फीसदी से ज्यादा वापसी पूरी हो चुकी है। यहां सात सैन्य ठिकानों को औपचारिक रूप से अफगान रक्षा मंत्रालय को सौंप दिया गया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने कहा है कि करीब 1,000 सी-17 मालवाहक विमान अफगानिस्तान से सैन्य उपकरण लेकर उड़े हैं। 

पेंटागन के मुताबिक, अफगानिस्तान से सैन्य उपकरण लेकर रवाना होने से पहले कई सैन्य उपकरणों को निपटान के लिए रक्षा रसद एजेंसी को सौंप दिया गया है। नाटो देश भी अमेरिकी समन्वय से अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को तेजी से वापस निकाल रहे हैं। जर्मनी ने अपने सभी सैनिकों को वापस भी बुला लिया है और उसने उत्तरी अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में स्थित अपना वाणिज्य दूतावास बंद कर दिया है।

पिछले सप्ताह अमेरिकी और नाटो बलों ने अफगानिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य हवाई अड्डा बगराम एयरबेस भी खाली कर दिया है। विदेशी सैनिकों की वापसी के साथ, तालिबान ने सरकारी बलों से लड़ने के बाद उत्तरी अफगानिस्तान और देश के अन्य हिस्सों में कई जिलों पर कब्जा कर लिया है। हालांकि अफगान सुरक्षाबलों ने तालिबान को आगे बढ़ने से रोकने का संकल्प लिया है।

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