असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा का विवादित बयान: बोले- मदरसे आतंक का हब, यहां पढ़ाई के बदले आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है

असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा का विवादित बयान: बोले- मदरसे आतंक का हब, यहां पढ़ाई के बदले आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है

नई दिल्ली11 मिनट पहले

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मोरीगांव जिले में 4 अगस्त को सारुल्लाह बांग्ला और AQIS संगठन से कनेक्शन के आरोप में प्रशासन ने बुलडोजर से मदरसा को गिराया था - Dainik Bhaskar

मोरीगांव जिले में 4 अगस्त को सारुल्लाह बांग्ला और AQIS संगठन से कनेक्शन के आरोप में प्रशासन ने बुलडोजर से मदरसा को गिराया था

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मदरसों को आतंकी हब के रूप में उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि मदरसों में शिक्षा देने की बजाय आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। सरमा ने आगे कहा कि असम में ऐसे दो मदरसों को अब तक ध्वस्त किया गया है।

जानिए उस मामले के बारे में, जिस पर CM ने टिप्पणी की है?
सोमवार को असम प्रशासन की ओर से बरपेटा जिले में एक निजी मदरसे को गिराया दिया गया। पुलिस के मुताबिक मदरसे सरकारी जमीन पर बना था और यहां आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी। इस मामले में पिछले दिनों 2 आरोपी को गिरफ्तार भी किया था।

हिमंत ने कहा कि अब सरकार एक पोर्टल बनाएगी, जिस पर इमामों और मदरसा शिक्षकों को अपना पंजीकरण कराना होगा।

हिमंत ने कहा कि अब सरकार एक पोर्टल बनाएगी, जिस पर इमामों और मदरसा शिक्षकों को अपना पंजीकरण कराना होगा।

CM सरमा ने मदरसे को ध्वस्त होने के बाद पत्रकारों से कहा- जांच में पता चला है कि इस मदरसे में अलकायदा का प्रशिक्षण शिविर चल रहा था। यहां पढ़ाई-लिखाई नहीं होती थी। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया है, आगे की कानूनी कार्रवाई होगी।

4 अगस्त को पहली बार मदरसे पर चला था बुलडोजर
मोरीगांव जिले में 4 अगस्त को सारुल्लाह बांग्ला और AQIS संगठन से कनेक्शन के आरोप में प्रशासन ने पहली बार कार्रवाई की थी। प्रशासन ने मुस्तफा नामक संचालक को पहले गिरफ्तार किया था, फिर उसके निजी मदरसे पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया था।

मदरसों को लेकर पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
23 मई को दिल्ली में एक कार्यक्रम में हिमंता ने कहा था कि देश में जब तक मदरसे रहेंगें तब तक बच्चे इंजीनियर और डॉक्टर बनने तक का नहीं सोच पाएंगे। सरमा ने इस दौरान कहा था कि अगर आप बच्चों को धर्म से जुड़ी शिक्षा देना चाहते हैं तो घर पर दें, उसके लिए मदरसे का होना जरूरी नहीं है।

2020 में मदरसों का सरकारी अनुदान बंद हुआ था
2020 में असम सरकार ने राज्य में करीब मदरसों का अनुदान देना बंद कर दिया था। हिमंत उस वक्त राज्य में शिक्षा मंत्री थे। इस फैसले की वजह से राज्य में करीब 800 मदरसे बंद हो गए थे। हालांकि, राज्य में करीब 1000 से ज्यादा निजी मदरसे अब भी संचलित हो रहे हैं। इनका संचालन ऑल असम तंजीम मदारिस कौमिया करती है।

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