इस्राइल दौरा: विदेश मंत्री जयशंकर ने कारोबारियों से की मुलाकात, भारत में कारोबार के लिए किया प्रोत्साहित

सार

जयशंकर ने कहा कि आज आपके पास वास्तव में एक बहुत ही ऊर्जावान अर्थव्यवस्था है, जो संदेश मैं इस्राइली सरकार के समकक्षों को दे रहा हूं, वह यह है कि हम आपको कई मायनों में अपने सबसे भरोसेमंद और नवोन्मेषी भागीदारों के बीच मानते हैं।

इस्राइली कारोबारियों से मिले जयशंकर
– फोटो : ani

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विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने इस्राइल दौरे पर यहां के कारोबारियों से मिले और उनसे भारत में कारोबार करने का आग्रह किया। उन्होंने भारत की व्यापार-अनुकूल नीतियों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि भारत इस्राइल को कई मायनों में सबसे भरोसेमंद और नवोन्मेषी साझेदारों में से एक मानता है।

अपनी पहली यात्रा पर इस्राइल पहुंचे जयशंकर ने भारत-इस्राइल व्यापार गोलमेज सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदभार संभालने के बाद से भारत में बदलाव का एक बड़ा प्रयास हो रहा है और लोगों ने उस बदलाव के बारे में सुना है।

उन्होंने कहा कि यदि आप उन सभी बिंदुओं को जोड़ते हैं, तो मुझे लगता है, आपको एक ऐसे भारत की तस्वीर मिलती है जो उन गहरी ताकतों को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है जो इसे विश्व अर्थव्यवस्था के मामले में और अधिक प्रतिस्पर्धी बना देगा। और यह आपके लिए रुचि का विषय है क्योंकि उन गहरी शक्तियों से नए अवसर आएंगे और मैं उनमें से कुछ के बारे में बात करूंगा।

उन्होंने कहा कि हालांकि यह बदलाव कुछ वर्षों से चल रहा है और पिछले दो वर्षों में कोविड-19 महामारी के दौरान जब लोग शारीरिक रूप से संपर्क में नहीं रहे, दिलचस्प बात यह है कि बदलाव की प्रक्रिया में तेजी आई है।

जयशंकर ने कहा कि हमने वास्तव में कुछ बड़े सुधार किए हैं, उनमें से कुछ आपके लिए रुचिकर हो सकते हैं। एक है उत्पादन से जुड़ा प्रोत्साहन इसमें शुरूआत में ही उद्योग को भारत में विनिर्माण को आकर्षित करना है ताकि कोई भी जो नई उत्पादन क्षमता ला रहा है और वितरित कर रहा है इस पर उचित रूप से प्रोत्साहन दिया जा सके। 

साथ ही उन्होंने कहा कि अब तक इसमें 13 क्षेत्रों को शामिल किया गया है और उनमें से कई वास्तव में ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें कुछ बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि सहित में आप रुचि रखते हैं। अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर राष्ट्रपति इसाक हर्जोग, प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और विदेश मंत्री यायर लापिड से मुलाकात करेंगे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस्राइल यात्रा के दौरान भारतीय यहूदी समुदाय से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच संबंधों में उनके कई गुना योगदान की सराहना की। इस्राइल की अपनी पहली यात्रा पर दिन में यहां पहुंचे जयशंकर ने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस्राइल में भारतीय यहूदी समुदाय आने वाले वर्षों में दोनों देशों को और भी करीब लाएंगे।

उन्होंने यहां भारतीय यहूदी समुदाय के साथ बातचीत के बाद ट्वीट किया कि ‘इस्राइल में भारतीय यहूदी समुदाय से मिलकर बहुत खुशी हुई। भारत-इस्राइल संबंधों में उनके कई गुना योगदान की सराहना की। विश्वास है कि वे आने वाले वर्षों में हमें और भी करीब लाएंगे।’

उन्होंने भारत में जन्मे विद्वान प्रो. शॉल सपीर द्वारा लिखित ‘बॉम्बे/मुंबई: सिटी हेरिटेज वॉक’ नामक एक पुस्तक का विमोचन भी किया, जो यरूशलम के प्रतिष्ठित हिब्रू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रह चुके हैं।

विस्तार

विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने इस्राइल दौरे पर यहां के कारोबारियों से मिले और उनसे भारत में कारोबार करने का आग्रह किया। उन्होंने भारत की व्यापार-अनुकूल नीतियों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि भारत इस्राइल को कई मायनों में सबसे भरोसेमंद और नवोन्मेषी साझेदारों में से एक मानता है।

अपनी पहली यात्रा पर इस्राइल पहुंचे जयशंकर ने भारत-इस्राइल व्यापार गोलमेज सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदभार संभालने के बाद से भारत में बदलाव का एक बड़ा प्रयास हो रहा है और लोगों ने उस बदलाव के बारे में सुना है।

उन्होंने कहा कि यदि आप उन सभी बिंदुओं को जोड़ते हैं, तो मुझे लगता है, आपको एक ऐसे भारत की तस्वीर मिलती है जो उन गहरी ताकतों को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है जो इसे विश्व अर्थव्यवस्था के मामले में और अधिक प्रतिस्पर्धी बना देगा। और यह आपके लिए रुचि का विषय है क्योंकि उन गहरी शक्तियों से नए अवसर आएंगे और मैं उनमें से कुछ के बारे में बात करूंगा।

उन्होंने कहा कि हालांकि यह बदलाव कुछ वर्षों से चल रहा है और पिछले दो वर्षों में कोविड-19 महामारी के दौरान जब लोग शारीरिक रूप से संपर्क में नहीं रहे, दिलचस्प बात यह है कि बदलाव की प्रक्रिया में तेजी आई है।

जयशंकर ने कहा कि हमने वास्तव में कुछ बड़े सुधार किए हैं, उनमें से कुछ आपके लिए रुचिकर हो सकते हैं। एक है उत्पादन से जुड़ा प्रोत्साहन इसमें शुरूआत में ही उद्योग को भारत में विनिर्माण को आकर्षित करना है ताकि कोई भी जो नई उत्पादन क्षमता ला रहा है और वितरित कर रहा है इस पर उचित रूप से प्रोत्साहन दिया जा सके। 

साथ ही उन्होंने कहा कि अब तक इसमें 13 क्षेत्रों को शामिल किया गया है और उनमें से कई वास्तव में ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें कुछ बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि सहित में आप रुचि रखते हैं। अपनी यात्रा के दौरान जयशंकर राष्ट्रपति इसाक हर्जोग, प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और विदेश मंत्री यायर लापिड से मुलाकात करेंगे।


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जयशंकर ने भारत-इस्राइल संबंधों में भारतीय यहूदी समुदाय के योगदान की सराहना की

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