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- Twitter Vs India Government | Twitter Moves Karnataka High Court Over New IT Rules
नई दिल्लीएक घंटा पहले
केंद्र सरकार के कुछ आदेशों को सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है। ट्विटर का आरोप है कि कुछ अफसर कानून का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। लिहाजा, कुछ रूल्स का ज्यूडिशियल रिव्यू होना चाहिए। कंपनी ने इसके लिए कोर्ट में अपील की है। दूसरी तरफ, IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अकाउंटेबल बनाया जाएगा।
IT मिनिस्ट्री ने कुछ दिन पहले ट्विटर को वॉर्निंग दी थी। इसमें कहा था कि अगर वो आदेशों का पालन नहीं करती है तो उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है।
वैष्णव बोले- कानून का पालन सभी की जिम्मेदारी
ट्विटर के कोर्ट जाने के मामले में वैष्णव का बयान भी आया। कहा- देश में चाहे कोई भी कंपनी हो, किसी भी सेक्टर से हो, उन्हें भारत के कानून का पालन करना चाहिए। कानून का पालन सभी की जिम्मेदारी है। सोशल मीडिया को कैसे जवाबदेह बनाया जाए, इस पर तेजी से काम चल रहा है। इसके लिए तीन स्तरों पर काम होना चाहिए। पहला- सेल्फ रेगुलेशन, दूसरा- इंडस्ट्री रेगुलेशन और तीसरा- गवर्नमेंट रेगुलेशन।
फेक न्यूज फैलाने वालों से सरकार परेशान
केंद्र का मानना है कि सोशल मीडिया के जरिए से कुछ लोग अपना एजेंडा सेट कर रहे हैं और अफवाहें फैला रहे हैं। सरकार ने ट्विटर से कहा था कि वो ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन ले।
- ट्विटर से खालिस्तान समर्थक के अकाउंट के खिलाफ एक्शन के आदेश दिए थे।
- किसान आंदोलन से जुड़ी झूठी सूचनाएं फैलाने वालों के अकाउंट बंद करने के आदेश दिए थे।
- कोरोना महामारी से निपटने को लेकर सरकार की आलोचना करने वाले ट्वीट्स पर भी कार्रवाई के आदेश दिए थे।
ट्विटर ने आदेश का नहीं किया पालन
ट्विटर सहित कई सोशल मीडिया कंपनियों ने सरकार के कंटेंट हटाने के अनुरोध पर कार्रवाई नहीं की। आईटी मिनिस्ट्री ने ट्विटर को चेतावनी देते हुए आदेशों का पालन न करने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करने की बात कही थी।
ट्विटर ने इस मामले में अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला दिया है। कंपनी का कहना है कि अगर हम किसी भी यूजर के खिलाफ बिना नोटिस के कंटेंट हटाते हैं तो ये यूजर के अधिकार का उल्लंघन होगा। इसके साथ ही ट्विटर ने कहा कि कुछ पोस्ट राजनीतिक दलों के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से पोस्ट किए गए हैं। इनको ब्लॉक करना एक तरह से अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है।
ट्विटर को सरकार ने सुनाई थी दो-टूक
पिछले साल सोशल मीडिया को लेकर बनाई गई नई गाइडलाइंस पर ट्विटर के रवैये से खफा IT मंत्रालय ने कहा था कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को न सिखाए कि हमें क्या करना है। ट्विटर मुद्दा भटकाने के बजाय नियमों का पालन करे।
IT मंत्रालय ने कहा था कि ट्विटर का जवाब दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश पर जबरन अपनी शर्तें थोपने जैसा है। ट्विटर ने अपने बयान में उन गाइडलाइंस का पालन करने से मना किया था, जो भारत सरकार ने आपराधिक गतिविधियां रोकने के लिए तैयार की थीं।
ट्विटर के पास है बड़ा यूजर बेस
ट्विटर 11 मार्च 2006 को लॉन्च हुआ था। इसके बाद से इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। 2019 के बाद ट्विटर के यूजर बेस में एक बड़ा उछाल देखने को मिला था। 2020 तक ट्विटर के 18.6 करोड़ डेली एक्टिव यूजर्स थे, जो 2021 की पहली तिमाही तक 19.2 करोड़ पार कर गए हैं। अगर मंथली एक्टिव यूजर्स की बात करें तो ये आंकड़ा 35 करोड़ पार है। भारत में ट्विटर के करीब 1.75 करोड़ डेली यूजर्स हैं।
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