कन्नड़ में लिखी एक छोटी सी कहानी। फिल्म भी इस पर कन्नड़ में ही बननी थी। लेकिन, फिल्म के नायक को इस कहानी में दिखा कुछ ऐसा जिसने इस कहानी को दुनिया की सबसे चर्चित कहानी बना दिया है। कहानी का दूसरा हिस्सा यानी ‘केजीएफ चैप्टर 2’ ने अपने पहले सप्ताहांत में हिंदी सिनेमा के बड़े बड़े दिग्गजों को पहले वीकएंड की कमाई के मामले में पीछे धकिया दिया है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कोलार गोल्ड फील्ड्स यानी ‘केजीएफ’ की कहानी इसके निर्देशक प्रशांत नील पहले सिर्फ एक छोटी सी कन्नड़ फिल्म के रूप में ही बनाना चाहते थे? क्या आपको पता है कि फिल्म के पहले चैप्टर के हिंदी अधिकार जब बिके तो इस फिल्म की एक लाइन भी हिंदी में नहीं लिखी गई थी? ये सब मुमकिन हो पाया फिल्म के हीरो यश के इस कहानी पर पहले दिन से भरोसे से। चलिए आपको बताते हैं वह किस्सा जब यश पहली बार इस फिल्म की चार मिनट की शो रील लेकर मुंबई आए थे।
ये बात साल 2018 की है। कन्नड़ सिनेमा में यश का नाम खूब था लेकिन कर्नाटक के बाहर उनको जानने पहचानने वाले कम ही थे। फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी की फिल्म निर्माण कंपनी एक्सेल एंटरटेनमेंट के दफ्तर में एक फोन आता है। फोन देश के सबसे बड़े फिल्म वितरकों में से एक अनिल थडानी का है और वह एक्सेल एंटरटेनमेंट के हेड विशाल रामचंदानी से बस कुछ मिनट का समय मांगते हैं। साथ ही अनुरोध करते हैं एक ऐसे शख्स से मिलने का जिसके पास अपनी जल्द रिलीज होने वाली फिल्म की चार मिनट की शो रील है। सवाल होता, ‘हिंदी में है?’ जवाब मिलता है, ‘नहीं।’ लेकिन, विशाल फिर भी इस मुलाकात के लिए मान जाते हैं।
एक्सेल एंटरटेनमेंट के दफ्तर के विशाल मीटिंग रूप में लोग जुटते हैं। एक लंबा, सांवला और गजब के आत्मविश्वास से लबरेज नौजवान परदे पर शो रील शुरू करता है। शो रील कन्नड़ में है। मीटिंग रूप में बैठे किसी दूसरे शख्स को कन्नड़ नहीं आती। ये नौजवान जो कुछ परदे पर चल रहा है, उसे हिंदी में खुद ही सुनाना शुरू करता है। शो रील खत्म होती है। सब अपनी अपनी कुर्सियों से उठकर खड़े होते हैं। तालियां बजाते हैं और इस नौजवान को गले लगा लेते हैं। ये नौजवान कोई और नहीं फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर 1’ का हीरो यश है।
यश ने अपनी कोशिशों से कन्नड़ सिनेमा और हिंदी सिनेमा का ये जो पहला पुल बनाया, उसके नतीजे अब सबके सामने हैं। फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर 1’ की सफलता से बने माहौल ने इसकी सीक्वेल ‘केजीएफ चैप्टर 2’ को हिंदी में रिलीज हुई अब तक की सबसे कामयाब फिल्म बना दिया है। फिल्म ने रिलीज के पहले चार दिन में ही हिंदी दर्शकों के बीच 190 करोड़ रुपये से ऊपर की कमाई कर तहलका मचा रखा है। कन्नड़ सिनेमा से निकला जो कलाकर ‘केजीएफ चैप्टर 1’ में अखिल भारतीय सितारा बना था, वह अब ग्लोबल स्टार बन चुका है।
लेकिन, कहानी अभी खत्म नहीं हुई है। ‘केजीएफ’ की कहानी में आत्मा यश ने ही डाली है। कम लोगों को ही पता होगा कि यश ने ही फिल्म के निर्देशक प्रशांत नील को इसे बड़े बजट की फिल्म बनाने के लिए तैयार किया और पहली ही फिल्म जब चार घंटे की बन गई तो इसे दो इसे और विकसित कर दो हिस्सों में रिलीज करने के लिए तैयार किया और अब इस फिल्म की तीसरी किस्त यानी ‘केजीएफ चैप्टर 3’ भी बनने जा रही है। प्रशांत नील कहते हैं, ‘इस कहानी को इतना भव्य विस्तार देने का क्रेडिट सिर्फ और सिर्फ यश को जाता है।’ फिल्म के दोनों संस्करणों के संवाद भी यश ने ही लिखे हैं।
More News
IIT और IIM में आरक्षण का विरोध भी कर चुके हैं सैम पित्रोदा, पुराना वीडियो वायरल – India TV Hindi
SRH vs LSG live Score IPL 2024: लखनऊ ने हैदराबाद को दिया 166 रनों का लक्ष्य, बदोनी-पूरन ने खेली दमदार पारी
हरियाणा में चलती रोडवेज बस में ड्राइवर बेहोश: ई-रिक्शा-रेहड़ियों को कुचलती हुई बिजली खंभे से टकराई; बाल-बाल बची सवारियां – Charkhi dadri News