टी-20 विश्व कप: फिनिशर के तौर पर कार्तिक और तेवतिया की दावेदारी मजबूत, हार्दिक भी दे रहे वापसी की दस्तक

टी-20 विश्व कप: फिनिशर के तौर पर कार्तिक और तेवतिया की दावेदारी मजबूत, हार्दिक भी दे रहे वापसी की दस्तक

सार

ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आगामी टी-20 विश्व कप में केवल चार महीने का समय रह गया है, लेकिन चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन को जल्द ही खिलाड़ियों के कोर ग्रुप पर फैसला करना होगा जिसकी शुरुआत अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू सीरीज से होगी।

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इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का प्रदर्शन राष्ट्रीय टीम में चयन का एकमात्र मापदंड नहीं हो सकता, लेकिन दिनेश कार्तिक और राहुल तेवतिया ने इस सीजन अपनी फ्रेंचाइजी के लिए फिनिशर की भूमिका में शानदार प्रदर्शन कर आगामी टी-20 विश्व कप के लिए निश्चित रूप से मजबूत दावेदारी पेश की है।

ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आगामी टी-20 विश्वकप में केवल चार महीने का समय रह गया है। चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन को जल्द ही खिलाड़ियों के कोर ग्रुप पर फैसला करना होगा, जिसकी शुरुआत अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू सीरीज से होगी। आधुनिक क्रिकेट में ‘फिनिशर’ की भूमिका का महत्व बढ़ता ही जा रहा है और भारतीय टीम को निश्चित रूप से उन खिलाड़ियों की जरूरत होगी जो पहली गेंद से ही बड़े शॉट लगा सकें।
हुड्डा-अय्यर नहीं उतरे कसौटी पर खरे
फिटनेस की समस्या के कारण हार्दिक पांड्या की अनुपस्थिति में भारतीय टीम प्रबंधन ने पिछले साल विश्वकप के बाद मध्यक्रम में दीपक हुड्डा और वेंकटेश अय्यर को आजमाया, लेकिन ये उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके। हार्दिक ने आईपीएल में वापसी करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया है और खुद को भी राष्ट्रीय टीम में दावेदारी के लिए शामिल कर लिया है।

हालांकि, हुड्डा और हार्दिक अपनी-अपनी आईपीएल फ्रेंचाइजी में बल्लेबाजी क्रम में ऊपर खेल रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय टीम में उनके निचले क्रम में खेलने की उम्मीद होगी। वेंकटेश का आईपीएल में दूसरा साल मुश्किल रहा और वह ‘फिनिशर’ दावेदारी के क्रम में निचले स्थान पर खिसक गए हैं।
आईपीएल में चमके कार्तिक-तेवतिया
भारतीय टीम में केवल रवींद्र जडेजा ही एकमात्र बेहतरीन ‘फिनिशर’ मौजूद हैं, जिससे कार्तिक और तेवतिया को इस भूमिका में उम्मीद दिखी और उन्होंने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन कर इस टूर्नामेंट का पूरा इस्तेमाल किया। तेवतिया ने असंभव परिस्थितियों में भी मैच जीतने की ख्याति अर्जित कर ली है जबकि 2004 में भारत के लिए पदार्पण करने वाले कार्तिक ने एक और वापसी के लिए गजब की ललक दिखाई है।

पूर्व भारतीय मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद को लगता है कि कार्तिक और तेवतिया दोनों को नौ जून से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू होने वाली शृंखला में जरूर आजमाया जाना चाहिए जबकि हार्दिक को भी वापसी कराने की बात की। हार्दिक गुजरात टाइटंस के लिए प्रत्येक मैच में गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं, लेकिन सीरीज के दौरान उन्होंने 20 के करीब ओवर डाले हैं और चौथे नंबर पर कुछ अहम रन भी जुटाए हैं।

कार्तिक ने 12 मैचों में 200 के स्ट्राइक रेट से 274 रन बनाए हैं। वहीं, तेवतिया ने 12 मैचों में 149.30 के स्ट्राइक रेट से 215 रन बनाए हैं। हार्दिक का भी स्ट्राइक रेट बेहतरीन रहा है और उन्होंने 11 मैचों में 131.80 के स्ट्राइक रेट से अब तक 344 रन जड़े हैं। हुड्डा का स्ट्राइक रेट 130 का और वेंकटेश का 110 का रहा है।
पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने भी फिनिशर के मामले में अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा कि हार्दिक, जडेजा, कार्तिक और तेवतिया फिनिशर की भूमिका में मेरे चार खिलाड़ी होंगे। कार्तिक और तेवतिया इस आईपीएल सत्र में कमाल का प्रदर्शन कर रहे हैं और हार्दिक ने भी अच्छी वापसी की है। विश्वकप में अब भी कुछ समय बचा है। ऐसे में कार्तिक और तेवतिया को मौका दिया जाना चाहिए।

 वहीं, एक और पूर्व चयनकर्ता सरनदीप ने कहा कि हार्दिक टीम में बल्लेबाज के तौर पर नहीं खेल सकते। इससे आपका एक गेंदबाजी विकल्प कम हो जाएगा। कार्तिक को भी शामिल किया जा सकता है, लेकिन क्या वह बल्लेबाज के तौर पर खेलेंगे और ऋषभ पंत विकेटकीपिंग करेगा, मुझे नहीं लगता। कार्तिक ने निश्चित रूप से अपने दावेदारी रखी है और उन्हें अपार अनुभव भी है।

विस्तार

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का प्रदर्शन राष्ट्रीय टीम में चयन का एकमात्र मापदंड नहीं हो सकता, लेकिन दिनेश कार्तिक और राहुल तेवतिया ने इस सीजन अपनी फ्रेंचाइजी के लिए फिनिशर की भूमिका में शानदार प्रदर्शन कर आगामी टी-20 विश्व कप के लिए निश्चित रूप से मजबूत दावेदारी पेश की है।

ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आगामी टी-20 विश्वकप में केवल चार महीने का समय रह गया है। चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन को जल्द ही खिलाड़ियों के कोर ग्रुप पर फैसला करना होगा, जिसकी शुरुआत अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच मैचों की घरेलू सीरीज से होगी। आधुनिक क्रिकेट में ‘फिनिशर’ की भूमिका का महत्व बढ़ता ही जा रहा है और भारतीय टीम को निश्चित रूप से उन खिलाड़ियों की जरूरत होगी जो पहली गेंद से ही बड़े शॉट लगा सकें।

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