पंजाब कांग्रेस में ‘सिद्धू मॉडल’ पर घमासान: जाखड़ राहुल से मुलाकात कर लौटे; सिद्धू और CM चन्नी से मीटिंग जारी, जिला यूनिटों के गठन पर कलह

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चंडीगढ़9 घंटे पहले

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पंजाब कांग्रेस में संगठन के मुद्दे पर घमासान मचता गया है। इसके केंद्र में एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू हैं। सिद्धू ने अपने लेवल पर जिला प्रधानों के नाम तय कर पार्टी हाईकमान को भेज दिए। इससे कांग्रेस के कुछ MLA और सीनियर नेता नाराज हो गए। इन नेताओं का कहना है कि सिद्धू संगठन को लेकर मनमानी कर रहे हैं।

उधर मामले की भनक लगते ही बुधवार को राहुल गांधी ने सिद्धू, CM चरणजीत सिंह चन्नी, पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ और कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी को दिल्ली तलब कर लिया। पहले जाखड़ से राहुल की मुलाकात हुई। अब बाकी तीनों नेताओं से मुलाकात हो रही है।

संगठन में ‘सिद्धू मॉडल’ मंजूर नहीं

जुलाई-2021 में पंजाब कांग्रेस की कमान संभालने वाले नवजोत सिद्धू ने तकरीबन 2 हफ्ते पहले कांग्रेस हाईकमान को लिस्ट भेजी थी जिसमें हर जिला इकाई में एक प्रधान और 2 वर्किंग प्रधान का फॉर्मूला सुझाया गया। पंजाब में कांग्रेस पार्टी की 29 जिला इकाइया हैं। अपने फॉर्मूल के जरिये सिद्धू इनमें 89 नेताओं को एडजस्ट करने की तैयारी में थे। सिद्धू की प्लानिंग का पता लगते ही कांग्रेस पार्टी के कई विधायकों और सीनियर नेताओं ने विरोध कर दिया। इनका कहना है कि सिद्धू ने उनकी सिफारिशों को ध्यान में नहीं रखा। दूसरी ओर सिद्धू कैंप का दावा है कि सारी लिस्टें मेरिट के आधार पर बनाई गई है।

सिद्धू को अभी न रोका तो टिकट में अड़ंगा
कांग्रेस के तमाम मौजूदा MLA अगला विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। जहां कांग्रेस के विधायक नहीं है, वहां पार्टी के सीनियर नेता अगले चुनाव में टिकट चाहते हैं। ऐसे में इन लोगों का मानना है कि अगर अभी संगठन बनाने से सिद्धू की मनमानी पर लगाम न लगाई गई तो आगे चलकर टिकट में भी अड़ंगा लग सकता है। जिला प्रधान का सहयोग न मिलने पर टिकट आवंटन से पहले होने वाले पार्टी के इंटरनल फीडबैक में उनकी रिपोर्ट गलत जा सकती है। ऐसे में तमाम विधायक और सीनियर नेता चाहते हैं कि जिला प्रधान उनकी सहमति से नियुक्त हो।

जाखड़ को बुलाने के मायने
पंजाब में कांग्रेस को हिंदू वोट बैंक की चिंता है। सूबे में 38.49% हिंदू वोट हैं। कांग्रेस हाईकमान ने सीएम और संगठन प्रधान पद पर सिख चेहरे नियुक्त कर दिए। उसने हिंदू समाज से आने वाले बड़े नेता सुनील जाखड़ को हटाकर सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस प्रधान बना दिया। अब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी एक बार फिर सुनील जाखड़ को हिंदू नेता के तौर पर आगे करना चाहती है मगर जाखड़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद नाराज चल रहे हैं। वह लगातार अपने ट्वीट से पार्टी की परेशानी बढ़ाते रहे हैं।

सियासी जानकारों के मुताबिक, अब कांग्रेस हाईकमान खासकर राहुल गांधी संगठन में जाखड़ की राय लेकर फिर से उन्हें आगे लाना चाहती है।

खत्म नहीं हो रही कांग्रेस की चिंताएं

कांग्रेस हाईकमान पंजाब चुनाव को जितना आसान समझ रहा था, अब यह उतना ही मुश्किल साबित होता जा रहा है। कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाया तो वह नई पार्टी बनाकर न सिर्फ मैदान में डट गए बल्कि भाजपा से गठजोड़ भी करने जा रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान सिद्धू को ट्रंप कार्ड समझ रहा था मगर उनमें और सरकार में तालमेल नहीं बैठ पा रहा।

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