इस्लामाबाद: पाकिस्तान में संकट से घिरे प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को संघीय कैबिनेट का विशेष सत्र बुलाया। यह सत्र इस तरह की रिपोर्ट मिलने के बीच बुलाया गया था कि सत्ताधारी गठबंधन के सदस्य दल MQM-P के 2 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रियों ने इस्तीफा अपनी पार्टी के इस ऐलान के बाद दिया कि वह प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी। इसके साथ ही इमरान नंबर गेम में विपक्ष से पिछड़ते भी नजर आ रहे हैं।
इमरान ने मिलने पहुंचे जनरल बाजवा
पाकिस्तान में चल रही जबरदस्त सियासी हलचल के बीच आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलने पहुंचे। पहले से मुश्किल में फंसे इमरान के साथ आर्मी चीफ की इस मुलाकात के कई सियासी मायने भी तलाशे जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाजवा और इमरान की इस मुलाकात के दौरान खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ भी वहीं मौजूद थे। इससे पहले पाकिस्तान के जाने-माने पत्रकार हामिद मीर ने यह कहकर हलचल मचा दी कि पाकिस्तान में इमरजेंसी लगाने की चर्चा भी चल रही है।
इमरान के साथ नहीं है संख्याबल
पाकिस्तान की संसद में कुल 342 सीटें हैं, और ऐसे में बहुमत के लिए 172 सांसदों का समर्थन होना चाहिए। नंबर गेम की बात करें तो 342 में से इमरान के साथ उनकी पार्टी के 155, PML(Q) के 05, GDA के 03 और AML का एक सांसद हैं। इन सबको मिलाकर 164 सांसद होते हैं। वहीं, इमरान के खिलाफ PML(N) के 84, PPP के 56, MMA के 15 और अन्य दूसरे दलों के 22 सांसद हैं। इस तरह विपक्ष में इन सबको मिलाकर 177 सांसद हो जाते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इमरान खान की सरकार को सिर्फ ‘चमत्कार’ ही बचा सकता है।
इमरान के 2 मंत्रियों का इस्तीफा
पाकिस्तान में गत 8 मार्च को नेशनल असेंबली में विपक्ष दलों की ओर से संयुक्त रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो गई। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक एमक्यूएम-पी ने विपक्ष का सहयोग करने का फैसला किया है और इसके दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि एमक्यूएम-पी के सांसद फारोग नसीम और अमीनउल हक ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। एमक्यूएम-पी के नेता फैजल सब्जवाडी ने बुधवार को कहा कि संयुक्त विपक्ष के साथ उसका समझौता हो चुका है।
बागी हुए इमरान के 2 दर्जन सांसद
69 वर्षीय इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सदन में 155 सांसद हैं। इमरान को करीब दो दर्जन सांसदों की बगावत और सहयोगी दलों की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये नहीं हटाया गया है, लेकिन इस चुनौती का सामना करने वाले इमरान खान तीसरे प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले इमरान खान ने अपनी पार्टी के सदस्यों को सख्त निर्देश दिया कि वह अवश्विास प्रस्ताव पर मतदान के दिन या तो सदन में अनुपस्थित रहें या फिर मतदान में भाग नहीं लें।
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