पुतिन का राज खत्म होगा, कई टुकड़ों में बंटेगा रूस, चीन नाटो में होगी जंग, एक्सपर्ट्स ने बताया कैसे होगा युद्ध का अंत

पुतिन का राज खत्म होगा, कई टुकड़ों में बंटेगा रूस, चीन नाटो में होगी जंग, एक्सपर्ट्स ने बताया कैसे होगा युद्ध का अंत

Putin, Russian President- India TV Hindi News

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Putin, Russian President

Highlights

  • रूस यह जंग हारता है तो पुतिन की सत्‍ता का भी अंत हो जाएगा
  • ‘चीन हर जगह बढ़ा रहा अपना दायरा, प्रभावी तरीके से जवाब देना होगा’
  • अविश्‍वसनीय है स्थितियां, कभी सोचा नहीं था इतना लंबा खिंचेगा युद्ध

Russia Ukraine War News: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब 240 दिनों का आंकड़ा पूरा करने वाली है। जंग की शुरुआत फरवरी में हुई थी। इस जंग को आठ महीने पूरे होने वाले हैं। यूक्रेन से कहीं अधिक शक्तिशाली होने के बावजूद रूस की सेना ने काफी नुकसान झेला। खासतौर पर लंबे युद्ध के बावजूद कोई बड़ी सफलता न मिलती देख रूस के सैनिक भी ​हताश होते दिख रहे हैं। वहीं पुतिन ने नए सैनिकों की भर्ती की बात कही तो रूस के लोग खासकर युवा देश छोड़कर ही जाने लगे। इन सबके बीच में भले ही रूस ने अपनी ​सीमा में चार यूक्रेनी इलाकों को मिलाने क ऐलान कर दिया है, लेकिन अग्रिम मोर्चे पर उसे हार का मुंह देखना पड़ा है। और तो और, रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन भी अब काफी खामोश से नजर आने लगे हैं। उनके रवैये को देखकर लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि आगे क्‍या होगा। मगर कहीं न कहीं उन्‍हें भी इस बात का आभास हो चुका है कि रूस अब इस जंग में शिकस्‍त की तरफ बढ़ रहा है।

क्या जीत की ओर जा रहा यूक्रेन?

रूस के हथियार कम होते जा रहे हैं, सेना में फूट पड़ चुकी है। फाइटर जेट्स क्रैश हो रहे हैं और रूस का विदेशी मुद्रा भंडार भी अनिश्चितता की तरफ बढ़ रहा है। इसी बीच अब सर्दियों की शुरुआत होने वाली है और अब स्थितियां और मुश्किल हो सकती हैं। इसके बीच ही यूक्रेन की सेना ने देश के कई हिस्‍सों पर अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी है। इसके बाद कई विशेषज्ञ यूक्रेन को जीत का दावेदार बताने लगे हैं।

रूस जंग हार गया तो क्या होगा?

लंबी लड़ाई के बावजूद कोई नतीजा न मिलते देख अब यह सवाल भी उठने लगे हैं कि कहीं रूस जंग न हार जाए। यदि ऐसा हो गया तो क्या होगा?

इस मामले में अटलांटिक काउंसिल थिंक टैंक से जुड़े एल्‍प सेविमिलीसॉय ने मीडिया को बताया है कि अगर रूस यह जंग हारता है तो फिर पुतिन की सत्‍ता का भी अंत हो जाएगा। उन्‍हें उनके पद से हटा दिया जाएगा। रूस खुद भी बंट जाएगा और लूट मच जाएगी। इस वजह से नाटो और चीन का टकराव शुरू हो जाएगा।

चीन से भी निपटना जरूरी

उनका कहना है कि पश्चिमी देशों को भी उस स्थिति के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर देना चाहिए। अगर वो आज से रूस की हार के बाद की स्थितियों के लिए तैयार नहीं होंगे तो फिर चीन इसका फायदा उठाने से पीछे नहीं हटेगा। वह सर्बिया, मध्‍य एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में अपनी ताकत बढ़ाना शुरू कर देगा। ये वो हिस्‍से हैं जहां पर चीन के कदम पड़ चुके हैं लेकिन रूस के जाने के बाद वह नए मौकों को तलाश करना शुरू कर देगा।

‘चीन हर जगह बढ़ा रहा अपना दायरा, प्रभावी तरीके से जवाब देना होगा’

उन्‍होंने कहा कि पश्चिमी देशों को जीरो की तरफ से बढ़ाना होगा ताकि वह इसके प्रभाव का अंदाजा लगा सकें और तभी चीन का सामना किया जा सकेगा। चीन इस समय वह देश है जो हर देश से जुड़ा हुआ है और ऐसे में उसे प्रभावी तरीके से जवाब देना होगा। कजाखस्‍तान से लेकर अर्मेनिया और अजरबैजान तक चीन अपने प्रभाव का फायदा उठाने में लग जाएगा।

अविश्‍वसनीय है स्थितियां, कभी सोचा नहीं था इतना लंबा खिंचेगा युद्ध

फरवरी में जब जंग शुरू हुई थी तो किसी ने भी ऐसा नहीं सोचा था कि जंग इतने लंबे समय तक खिंच जाएगी। पश्चिमी देशों को लग रहा था कि यूक्रेन के लिए जंग लड़ना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन जैसे जैसे समय बीता। यूक्रेन ने हारने के बावजूद हथियार नहीं डाले। यहां तक कि कई कब्जाए इलाकों को वापस ले लिया। वहीं रूस पारंपरिक युद्ध से जीतने की कोशिश में लगा रहा, लेकिन उसके हाथ कोई बड़ी सफलता नहीं लगी। यूक्रेन की मिलिट्री ने पूरी ताकत से रूस का सामना किया है। कुछ समय के बाद हर कोई मानने लगा था कि भले ही जंग को हफ्तों या महीने का समय लग जाएगा लेकिन वह रूस के सामने घुटने नहीं टेकेगा।

आखिर क्‍यों हार रहा है शक्तिशाली रूस?

एक के बाद एक कई ऐसी घटनाएं जिन से पुतिन और उनके जनरल्‍स की नादानी ने रूस के सारे समीकरणों को बिगाड़ दिया। खराब तैयारी और योजना के अलावा भ्रष्‍टाचार ने भी रूस की कमर तोड़ दी। रूस का सैन्‍य भंडार भ्रष्‍टाचार की वजह से वो नतीजे नहीं दे सका, जिसकी उम्‍मीद लगाई गई थी। सैनिकों का मनोबल भी गिरता गया और इन सारे कारणों ने यूक्रेन को जंग में जीत मिलने की उम्‍मीदें दे दीं।

…तो क्या टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा रूस!

रूस हालांकि जंग में वापसी की कोशिशों में लगा हुआ है। उसकी सेना अभी कमजोर नहीं हुई है मगर भारी नुकसान ने उसे झुकने पर मजबूर कर दिया है। एल्‍प की मानें तो हो सकता है कि बस कुछ ही दिनों में रूस को जंग में हार का सामना करना पड़ जाए। अगर उसके कुछ और सैनिक पीछे हट तो फिर पुतिन को भी पीछे हटना पड़ेगा। एल्‍प का कहना है कि यूक्रेन उस एतिहासिक पल की तरफ बढ़ रहा है जिसके बारे में किसी ने नहीं सोचा था। इस जंग के नतीजे के बाद हो सकता है रूस भी दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका की तरह बंट जाए।

सत्ता में ताकत के साथ डटे रहे, लेकिन हार नहीं झेल पाएंगे पुतिन

एल्प का कहना है कि पुतिन के बिना रूस एक कोरी कल्पना है। लेकिन यदि यह जंग रूस के विपरीत जाती दिखी और यदि वे हार गए तो इस हार को पुतिन बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। इस जंग के बाद पुतिन का कोई भविष्य नहीं रह जाएगा। पुतिन जो कि देश में इतने शक्तिशाली रहे कि जब से सत्ता में आए, कभी वापस गए ही नहीं। प्रधानमंत्री बने तो कभी राष्ट्रपति। लेकिन सत्ता उन्हीं के इर्द गिर्द घूमती रही है। लेकिन इस जंग में यदि उन्हें हार नसीब हुई तो वे जनता को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रह पाएंगे। ऊर्जा को उन्‍होंने हथियार के तौर पर प्रयोग किया है और ऐसे में वह देशों का सामना भी नहीं कर पाएंगे।

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