बच्चों को केयरटेकर के भरोसे छोड़ना खतरनाक: गुजरात में नौकरानी ने 8 महीने के बच्चे को बेरहमी से पीटा, ब्रेन हेमरेज; CCTV फुटेज से खुलासा

सूरतएक घंटा पहले

अगर आप बच्चों को केयरटेकर के भरोसे छोड़कर काम पर जाते हैं, तो यह खबर जरूर पढ़ें। गुजरात के सूरत से दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां एक नौकरानी ने 8 महीने के मासूम बच्चे को इतना पीटा की बच्चे को ब्रेन हेमरेज हो गया। परिवार को मामले की जानकारी CCTV फुटेज देखने के बाद हुई। महिला को बच्चे को पीटने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

बच्चे को बेरहमी से पीटती केयरटेकर।

बच्चे को बेरहमी से पीटती केयरटेकर।

दो दिन पहले ही लगाया था CCTV कैमरा
सूरत शहर में एक दंपती के जुड़वां बच्चे हैं। पति-पत्नी नौकरी करते हैं, इसलिए बच्चों की देखभाल के लिए उन्होंने एक महिला को काम पर रखा था। बच्चे के माता-पिता ने बताया की उन्होंने दो दिन पहले ही CCTV कैमरे लगवाए थे। पड़ोसियों ने उन्हें बताया था कि उनके जाने के बाद बच्चों के रोने की बहुत ज्यादा आवाज आती है। पड़ोसी की बात सुनकर उन्होंने CCTV कैमरा लगवाया, जिससे मामले का खुलासा हो सका।

बच्चे की दादी ने कहा कि बच्चे को इस तरह से बचाना क्रूर है।

बच्चे की दादी ने कहा कि बच्चे को इस तरह से बचाना क्रूर है।

फुटेज में ये दिखा
दंपती ने CCTV में देखा कि महिला बच्चे को गोद में बैठाकर मार रही थी। कभी उसे बेड पर पटक रही थी। ऐसा महिला ने डेढ़ घंटे तक किया। दंपती की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी महिला पर IPC की धारा 307 और 323 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।

मेरे बच्चे की हालत गंभीर : बेबी
बच्चे की दादी बेबी ने बताया- आज से 8 महीने पहले मेरे बेटे को दो जुड़वां बच्चे हुए थे। ये दोनों लड़के बहुत अस्वस्थ थे, इसलिए हमने बच्चे को शहर के आनंद अस्पताल में भर्ती कराया। वहां हम लोगों ने बच्चों को ठीक करने और दो महीने बाद घर लाने के लिए 15 लाख रुपए खर्च किए। मेरा बेटा और बहू दोनों काम करते हैं। इसलिए बच्चे का ध्यान रखने के लिए केयरटेकर लगाई। पहले तो ठीक था और पता नहीं कल क्या हुआ था। केयरटेकर ने बच्चे को पीटना शुरू कर दिया। बच्चे को थप्पड़ मारने के बाद उसके कान मुड़ गए और उसकी उंगलियां काट ली।

पुलिस की गिरफ्त में आई आरोपी केयरटेकर।

पुलिस की गिरफ्त में आई आरोपी केयरटेकर।

केयरटेकर से पूछताछ की जा रही है
शुक्रवार की रात रांदेर थाने में बच्चे के पिता मितेश ने कहा- “पिछले आठ दिनों से मुझे अपने पड़ोसियों से शिकायत मिल रही है कि जब आप काम पर जाते हैं तो बच्चे बहुत रो रहे होते हैं।” दो दिन पहले हमने CCTV लगवाया था। शुक्रवार को जब उसका बच्चा बेहोश हो गया तो केयरटेकर ने इसकी सूचना दी और जब उसने आकर पूछा तो कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ। भाई ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया और घर पर CCTV की जांच की तो पूरी घटना पता चली।

केयरटेकर की व्यक्तिगत जांच कराएं: पुलिस
एसीपी जेडआर देसाई ने कहा- “मैं सूरत शहर पुलिस के सभी माता-पिता से कहना चाहूंगा कि जब भी बच्चों के लिए केयरटेकर की आवश्यकता हो, तो वे केयरटेकर की व्यक्तिगत जांच करें।” खासकर सामाजिक, धार्मिक पृष्ठभूमि की भी जांच होनी चाहिए। यदि यह संभव नहीं है, तो जब भी आप काम पर रखें तो पुलिस सत्यापन करवाएं और अपने नजदीकी चिकित्सक से पूछें।

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