ममता को झटका: कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश-हिंसा के पीड़ितों को मिले इलाज, दर्ज हों सभी मामले

एएनआई, कोलकाता
Published by: Tanuja Yadav
Updated Fri, 02 Jul 2021 12:28 PM IST

सार

पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज आदेश जारी किया है। कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि सभी पीड़ितों की शिकायतों को दर्ज किया जाए।

ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई

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पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। चुनावों के बाद हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि राज्य पुलिस हिंसा से पीड़ित सभी लोगों की शिकायतें दर्ज करे और पीड़ितों को राशन भी दिया जाए।

पीड़ितों को दिया जाए राशन
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस के अलावा राज्य सरकार को भी निर्देश दिया गया। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा कि सभी पीड़ितों को चिकित्सिय इलाज मुहैया कराए जाए और सभी पीड़ितों को राशन कार्ड ना होने पर भी राशन की सुविधा दी जाए। हाईकोर्ट का यह फैसला ममता सरकार के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि राज्य सरकार लगातार हिंसा की खबरों को खारिज करती रही है। 
 

इसके अलावा हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की दूसरी ऑटोप्सी कोलकाता के कमांड अस्पताल में होगी। इसके अलावा जादवपुर के जिलाधिकारी, एसपी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, जिसके तहत उनसे पूछा गया कि क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए।

मानवाधिकार आयोग की टीम को जांच के लिए मिला और समय
इसके अलावा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को चुनाव के बाद हुई हिंसा से संबंधित दस्तावेजों और कागजों को संभालकर रखने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से की जा रही जांच 13 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।

विस्तार

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। चुनावों के बाद हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि राज्य पुलिस हिंसा से पीड़ित सभी लोगों की शिकायतें दर्ज करे और पीड़ितों को राशन भी दिया जाए।

पीड़ितों को दिया जाए राशन

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस के अलावा राज्य सरकार को भी निर्देश दिया गया। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा कि सभी पीड़ितों को चिकित्सिय इलाज मुहैया कराए जाए और सभी पीड़ितों को राशन कार्ड ना होने पर भी राशन की सुविधा दी जाए। हाईकोर्ट का यह फैसला ममता सरकार के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि राज्य सरकार लगातार हिंसा की खबरों को खारिज करती रही है। 

 

इसके अलावा हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की दूसरी ऑटोप्सी कोलकाता के कमांड अस्पताल में होगी। इसके अलावा जादवपुर के जिलाधिकारी, एसपी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, जिसके तहत उनसे पूछा गया कि क्यों ना उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए।

मानवाधिकार आयोग की टीम को जांच के लिए मिला और समय

इसके अलावा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को चुनाव के बाद हुई हिंसा से संबंधित दस्तावेजों और कागजों को संभालकर रखने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से की जा रही जांच 13 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।

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