- Hindi News
- National
- Vice Presidential Election 2022; Margaret Alva | Opposition’s Candidate Margaret Alva’s Political Journey
नई दिल्ली8 घंटे पहले
उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी दलों ने राजस्थान की पूर्व राज्यपाल मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार घोषित किया है। एनसीपी चीफ शरद पवार ने दिल्ली में रविवार को विपक्षी दलों की बैठक के बाद उनके नाम की घोषणा की। 80 साल की अल्वा मूल रूप से कर्नाटक के मेंगलुरु की रहने वाली हैं। उनका मुकाबला एनडीए प्रत्याशी जगदीप धनखड़ से होगा।
राजीव-नरसिम्हा की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं
मार्गरेट अल्वा राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। राजीव कैबिनेट में अल्वा संसदीय कार्य और युवा विभाग की मंत्री रहीं, जबकि राव की सरकार में पब्लिक और पेंशन विभाग की मंत्री रही हैं।
2016 में अल्वा ने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था। पत्र में कहा- आपके प्रति कोई नाराजगी नहीं है, आपके आसपास के लोग आप तक बात नहीं पहुंचने देते हैं।
कांग्रेस हाईकमान पर लगाया था टिकट बेचने का आरोप
2008 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान अल्वा ने कांग्रेस हाईकमान पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें कांग्रेस ने महासचिव पद से हटा दिया था। अल्वा उस वक्त महाराष्ट्र, मिजोरम और पंजाब-हरियाणा की प्रभारी थीं। हालांकि गांधी परिवार से नजदीकी रिश्ते होने की वजह से उन्हें उत्तराखंड में राज्यपाल बनाकर भेजा गया था।
शाहबानो केस और राजीव गांधी को लेकर किया था खुलासा
2016 में अल्वा ने अपने बायोग्राफी करेज एंड कमिटमेंट में खुलासा किया था। उन्होंने लिखा- राजीव गांधी जब शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अध्यादेश लाने जा रहे थे, तब मैंने उन्हें मौलवियों के आगे नहीं झुकने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने मेरा सुझाव मानने से इनकार कर दिया था।
गुजरात-राजस्थान समेत 4 राज्यों की राज्यपाल रह चुकी हैं
अल्वा गुजरात, राजस्थान, गोवा और उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। वे उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल रही हैं। 2009 से 2012 तक उत्तराखंड के राज्यपाल के रूप में काम कर चुकी हैं। इसके अलावा राजस्थान में 2012 से 2014 तक राज्यपाल रहीं। इसी दौरान उन्हें गुजरात और गोवा का प्रभार भी मिला था।
2009 में प्रतिभा पाटिल ने मार्गरेट अल्वा को उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया था। अल्वा उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल बनी थीं।
धर्मांतरण बिल लाने पर BJP सरकार के खिलाफ मुखर रही थीं
पांच बार सांसद रहीं मार्गरेट अल्वा ने पिछले साल भाजपा के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार की धर्मांतरण विरोधी विधेयक के लिए जमकर आलोचना की थी। उन्होंने यहां तक कहा था कि “मुझे अक्सर मिशनरी स्कूलों और कॉलेजों में सीटों के लिए भाजपा सांसदों और विधायकों के कॉल आते हैं। अगर हम उनका धर्मांतरण करते हैं तो वे अपने बच्चों को ईसाई स्कूलों में क्यों भेजते हैं?
उन्होंने कहा था- क्रिश्चियन पावर ने 200 साल तक भारत पर शासन किया। ब्रिटिश, फ्रांसीसी, पुर्तगाली और डच यहां थे। आज हम देश की जनसंख्या का मुश्किल से 3 प्रतिशत हैं। अगर हमने धर्मांतरण किया था तो हमें कम से कम 30 प्रतिशत होना चाहिए था।
भाजपा उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से होगा मुकाबला
अल्वा का मुकाबला भाजपा नीत एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से होगा। धनखड़ वर्तमान में बंगाल के राज्यपाल हैं। 70 साल के जगदीप धनखड़ को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जुलाई 2019 को बंगाल का 28वां राज्यपाल नियुक्त किया था। वे 1989 से 1991 तक राजस्थान के झुंझुनू से लोकसभा सांसद रहे। 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे।
More News
सलमान खान फायरिंग केसः मुंबई पुलिस को बड़ी सफलता, पांचवां आरोपी पकड़ा गया
लोकसभा चुनाव 2024: आज 93 सीटों के लिए हो रही वोटिंग, पिछले 3 चुनावों में किसका दबदबा? – India TV Hindi
पथरी हटाने के लिए रोज दो लीटर पेशाब पिएं, गूगल AI पर मिले जवाब से हर कोई हैरान