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नई दिल्ली/ पलक्कड़20 मिनट पहले
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सोनिया गांधी ने कांग्रेस ऑब्जर्वर्स को पूरी रिपोर्ट लेकर दिल्ली आने के लिए कहा है।
राजस्थान कांग्रेस में जारी सियासी टकराव का असर 10 जनपथ से लेकर भारत जोड़ो यात्रा पर दिखने लगा है। सोमवार सुबह तक विवाद नहीं सुलझने के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को केरल से दिल्ली भेजा है। वेणुगोपाल दिल्ली में आकर सोनिया गांधी से मिलेंगे, जहां राजस्थान गए ऑब्जर्वर्स को भी बुलाया गया है।
विधायकों ने बात करने से इनकार किया, हाईकमान ने शर्तें
राजस्थान कांग्रेस के 80 से ज्यादा विधायकों ने हाईकमान से भेजे गए ऑब्जर्वर्स मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से नहीं मिलने की बात कही है। रविवार देर रात तक खड़गे-माकन बागी गुट के नेतृत्व कर रहे मंत्री शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खचरियावास समेत 4 लोगों से मुलाकात की, लेकिन बात नहीं बनी।
कांग्रेस ने आधिकारिक मीटिंग CM हाउस पर बुलाई थी, लेकिन 80 से ज्यादा विधायक शांति धारीवाल के आवास पर पहुंच गए।
सूत्रों के मुताबिक राजस्थान में जो सियासी उठापटक शुरू हुआ है, उससे कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी नाराज हैं। सोनिया ने देर रात ही अजय माकन से हर हाल में प्रस्ताव लेकर आने के लिए कहा था, जिसके बाद विधायकों ने 3 शर्तें रख दी, जिसे हाईकमान ने मानने से इनकार कर दिया है।
गहलोत गुट ने माकन-खड़गे के सामने 3 पॉइंट का एजेंडा रखा
खड़गे और माकन के सामने अशोक गहलोत के गुट ने 3 बिंदुओं का प्रस्ताव रखा है। गहलोत गुट का कहना है कि नया सीएम सरकार बचाने वाले 102 विधायकों में से ही होना चाहिए, यानी सचिन पायलट को सीएम न बनाया जाए। इसके साथ ही नए सीएम की घोषणा 19 अक्टूबर को अध्यक्ष के चुनाव के बाद की जाए और गहलोत के पसंद का ही मुख्यमंत्री बनाया जाए। खबर विस्तार से पढ़िए…
राहुल गांधी लगातार मोबाइल देख रहे, लल्लू बोले- इंटरनल मामला
कांग्रेस की भारत जोड़ो 414 किलोमीटर की दूरी पूरी कर सोमवार को केरल के पलक्कड़ पहुंच चुकी है। यात्रा में राहुल गांधी और उनके साथ दीपेंद्र हुड्डा, राजस्थान के पूर्व मंत्री हरीश चौधरी भी शामिल हैं। तीनों नेता आज लगातार कई किलोमीटर पैदल चले और बीच-बीच में एक दूसरे से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान राहुल गांधी अपने फोन को भी लगातार देख रहे हैं।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के मेंबर और भारत जोड़ो यात्री अजय कुमार लल्लू ने बताया कि हम देर रात तक अपने फोन पर राजस्थान का घटनाक्रम देखते रहे। उन्होंने कहा कि यह सब वहीं होता है, जहां लोकतंत्र होता है, जहां लोकतंत्र ही नहीं होगा वहां तो सिर्फ दो लोग सब कुछ तय कर लेंगे।
कांग्रेस हाईकमान राजस्थान में क्या चाहती है…
- सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहा कि आप राष्ट्रीय अध्यक्ष का पर्चा दाखिल करिए और CM की कुर्सी सचिन पायलट को हम देने के पक्ष में हैं।
- हाईकमान ने गहलोत से यह भी कहा कि पर्चा दाखिल करने से पहले आप इस्तीफा दे दीजिए, जिससे हम नए सीएम चुन सकें। चुनाव अगले साल होना है तो नए मुख्यमंत्री को करीब 1 साल तक काम करने का मौका मिल जाएगा।
- सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान ने यह स्पष्ट कहा कि राजस्थान में पंजाब मॉडल नहीं दोहराया जाएगा। पार्टी ने इसके पीछे चन्नी के भी विधानसभा चुनाव हार जाने की दलीलें दी।
हाईकमान गहलोत से भी खफा, 2 वजहें…
1. मैसेज कैसे लीक हुआ, गहलोत के करीबियों को कैसे पता चला?
सूत्रों के मुताबिक हाईकमान एक लाइन का प्रस्ताव पास कराना चाहती थी कि CM का फैसला सोनिया गांधी करे। राजस्थान से आने वाले सिर्फ दो नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट को इसकी जानकारी दी गई थी, लेकिन मीटिंग से पहले अशोक गहलोत के करीबी मंत्री शांति धारिवाल के यहां सभी विधायक जुटने लगे। हाईकमान इस बात से नाराज है, आखिर मीटिंग से पहले इन विधायकों को हाईकमान की स्ट्रैटजी के बारे में कैसे जानकारी मिली?
2. सारे MLAs गहलोत गुट के, डैमेज कंट्रोल तत्काल क्यों नहीं?
ऑब्जर्वर्स की ओर से आयोजित मीटिंग का बहिष्कार करने के बाद इस्तीफा देने वाले अधिकतर विधायक गहलोत गुट के हैं। हाईकमान इस बात से नाराज है कि इन विधायकों ने जब बागी रूख अपनाया तो गहलोत ने डैमेज कंट्रोल क्यों नहीं किया? आखिर में मीटिंग रद्द करनी पड़ी।
दिल्ली दौरे पर जाने से पहले 19 सितंबर को अशोक गहलोत ने मंत्री शांति धारीवाल से उनके बंगले पर जाकर मुलाकात की थी। तस्वीर उनके ट्विटर अकाउंट से ली गई है।
अब आगे क्या?
अध्यक्ष के चुनाव पर असर पड़ेगा, नजरें गहलोत-सोनिया की मीटिंग पर
अशोक गहलोत 28 सितंबर को अध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरने की तैयारी में हैं। ऐसे में राजस्थान के सियासी उठापटक से अध्यक्ष के चुनाव पर असर होना तय है। पहले गहलोत के दावेदारी को गांधी परिवार से बैकडोर सपोर्ट मिल रहा था, लेकिन राजस्थान के विवाद के बाद इस पर फिर से मंथन होने की संभावनाएं है।
हालांकि सबकी नजरें गहलोत और सोनिया गांधी की अगली मीटिंग पर है। ऑब्जर्वर्स की रिपोर्ट मिलने के बाद सोनिया अशोक गहलोत को फिर से दिल्ली बुला सकती है। सूत्रों का कहना है कि अगर गहलोत ने मीटिंग में राजस्थान क्राइसिस संभालने से इनकार किया तो नए अध्यक्ष को लेकर नई रणनीति तैयार की जा सकती है।
संख्याबल के आगे हाईकमान झुके, वोटिंग से CM का फैसला हो सकता है
ऑब्जर्वर्स की रिपोर्ट मिलने के बाद हाईकमान विधायकों के संख्याबल के आगे झुक सकती है और मुख्यमंत्री का चयन वोटिंग के जरिए करा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो ऑब्जर्वर्स को फिर से जयपुर भेजा जा सकता है।
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