सीन से गायब नहीं होंगे समीर वानखेड़े, आर्यन खान केस की जांच में होगा यह रोल

एक दिन पहले आर्यन खान केस के सिलसिले में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई थी। जिसमें सामने आया कि समीर वानखेड़े को क्रूज ड्रग्स केस समेत 6 मामलों की जांच से बाहर कर दिया गया है। लेकिन नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का कहना है कि समीर वानखेड़े को आर्यन खान केस की जांच से पूरी तरह से नहीं हटाया गया है। वे अभी भी जांच में सहयोग करेंगे। ब्यूरो के अधिकारियों के मुताबिक उनका रोल अब चेंज हो गया है। 

आर्यन खान केस की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उप महानिदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि समीर वानखेड़े को क्रूज ड्रग्स केस समेत 6 मामलों की जांच टीम से हटाने का निर्णय प्रशासनिक फैसला है। हालांकि समीर वानखेड़े ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर हैं, इसलिए वे इस जांच में सहयोग करेंगे।

दरअसल, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के आरोपों के बाद समीर वानखेड़े के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है। समीर वानखेड़े पर जबरन वसूली और अन्य अनियमितताओं के आरोप हैं। 

शनिवार को मुंबई पहुंचे संजय कुमार सिंह ने एएनआई से बातचीत में कहा, ”हमने छह मामलों की जांच के लिए अधिकारी को बदला है। वह (समीर वानखेड़े) मुंबई के जोनल निदेशक हैं, हम निश्चित रूप से जांच में उनकी सहायता लेंगे।”

 

बता दें कि केंद्रीय एजेंसी नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया और स्पष्ट किया कि आर्यन खान केस की जांच का स्थानांतरण “राष्ट्रीय और अंतरार्ष्ट्रीय प्रभाव” के कारण हुआ है। किसी भी अधिकारी या अधिकारी को उनकी वर्तमान भूमिकाओं से नहीं हटाया गया है और वे तब तक जांच में सहयोग करते रहेंगे, जब तक कि उनके खिलाफ कोई विशेष आदेश जारी नहीं किया जाता है।” 

शुक्रवार को ब्यूरो के फैसले की घोषणा के बाद समीर वानखेड़े ने कहा था, “मुझे जांच से नहीं हटाया गया है। अदालत में मेरी रिट याचिका थी कि मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से की जानी चाहिए। इसलिए दिल्ली एनसीबी की एसआईटी द्वारा आर्यन मामले और समीर खान मामले की जांच की जा रही है।”  यह दिल्ली और मुंबई की एनसीबी टीमों के बीच आपसी समन्वय है।”

एनसीबी के एक अधिकारी ने एएनआई को बताया कि समीर वानखेड़े केंद्रीय एजेंसी के उप महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी हैं और किसी भी मामले के जांच अधिकारी बनने के लिए बहुत वरिष्ठ हैं। अधिकारी ने कहा, “वह सिर्फ क्षेत्र की किसी भी जांच की निगरानी करते हैं। इसलिए यह कहना निराधार है कि समीर वानखेड़े को इन मामलों की जांच से हटाया गया। वास्तव में, वह कभी भी इन मामलों की जांच नहीं कर रहे थे।”

Source link