सीमा पर संघर्ष: कोहरा-बारिश-ठंड में बिना पलक झपके मुस्तैद जवान, क्योंकि पाक इसी मौसम में घुसपैठ करता है

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श्रीगंगानगर2 घंटे पहलेलेखक: मांगीलाल स्वामी, राकेश वर्मा

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श्रीगंगानगर स्थित भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात जवान। - Dainik Bhaskar

श्रीगंगानगर स्थित भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात जवान।

श्रीगंगानगर स्थित भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ की एक चौकी, समय- रात 2:35 बजे, चारों ओर कोहरा छाया है और पारा 4-5 डिग्री पहुंच चुका है। यह वो समय होता है, जब सब लोग घरों में रजाइयों में सो रहे होते हैं, लेकिन बीएसएफ जवानों की आंखों से नींद गायब है। कारण, पाकिस्तान ऐसे ही मौसम की ताक में रहता है कि कोहरा आए और वह अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे सके।

पाकिस्तान इन दिनों राजस्थान और पंजाब से सटी सीमा पर 9 बार तस्करी की कोशिश कर चुका है, लेकिन हमारे जांबाज जवानों के सामने उसकी हर कोशिश विफल हो गई। बीएसएफ मुख्यालय की अनुमति लेकर भास्कर टीम ने सीमा चौकी पर रात गुजारी। जवान इसी पानी-कीचड़ में से होते हुए अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं। नीचे कीचड़ व पानी है, लेकिन जवानों की निगाहें पाकिस्तानी सीमा पर हैं।

बीएसएफ की एक गश्ती टीम तारबंदी के साथ-साथ करीब डेढ़ किमी. तक पैदल गश्त करती है। जैसे ही कोहरा छाने लगता है, वैसे ही जवान नाइट विजन डिवाइस से पाकिस्तान की ओर नजरें लगा देते हैं। जलपाईगुड़ी के अरुण टिरकी, जालंधर के एसआई मनजीतसिंह बताते हैं, बारिश में कीचड़ और दलदल के बीच कभी पांव धंसने तो कभी फिसलने का डर लगा रहता है, लेकिन हमारा एक ही मकसद है कि दुश्मन हमारी सरहद में न आने पाए।

सर्दी से बचने काे हर जवान के साथ दाे लीटर गर्म पानी
सर्दी से बचाव के लिए बीएसएफ ने जवानों की डाइट भी बदल दी है। भाेजन में शाकाहारी जवानाें काे अदरक, लहसुन, तेज पत्ता, इलायची, लाैंग सहित गर्म तासीर के मसाले डालकर हरी सब्जी व दालें दी जाती हैं। वहीं मांसाहारी खाने वालों के लिए भोजन में चावल के साथ नॉन-वेज दिया जाता है, ताकि इम्यूनिटी के साथ शरीर में ताकत भी बनी रहे। इसके अलावा गश्त पर जाते समय जवानों को दाे-दो लीटर गर्म पानी तथा चाय दी जाती है। ये इन्हें पूरी तरह तंदुरुस्त रखती हैं।

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