न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Wed, 13 Apr 2022 12:38 AM IST
सार
बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि कृषि क्षेत्र में बिजली सप्लाई का कट नहीं लगाया जा रहा है बल्कि गेहूं की कटाई को देखते हुए दिन में बिजली आपूर्ति बंद की जाती है ताकि कहीं भी खेती में चिंगारी से आग न लगे।
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हरियाणा सरकार का कहना है कि इस बार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते शहरीकरण और दिल्ली से उद्योगों के बाहर शिफ्ट होने के कारण प्रदेश में बिजली की मांग 1000 से 1500 मेगावाट प्रतिदिन तक बढ़ी है। दूसरा, समय से पहले अधिक गर्मी भी इसका कारण है। अचानक से बिजली की 7623 मेगावाट तक की मांग आ रही है, जबकि उत्पादन 6 हजार मेगावाट के आसपास है।
करीब 1600 मेगावाट के अंतर के चलते पिछले एक सप्ताह से प्रदेशभर में बिजली कट शुरू हो गए थे। शहरों में तीन से चार घंटे तो गांवों में 8-8 घंटे तक के कट लगाए जा रहे हैं। इससे प्रदेश के लोगों में भी गुस्सा बढ़ता जा रहा है। आनन-फानन बिजली विभाग ने खेदड़ और पानीपत की खराब चल रही यूनिट को ठीक करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इंजीनियरों की दिन रात की मेहनत के बाद मंगलवार को दोनों यूनिटों में उत्पादन शुरू हो गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले के बढ़े दामों के चलते बंद की गई अडानी ग्रुप से बिजली सप्लाई दोबारा से सुचारु कराने को लेकर मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक हुई है। बैठक में खुद बिजली मंत्री रणजीत चौटाला, एसीएस पीके समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। कंपनी इस बात पर अड़ी है कि वह पुराने रेट पर ही बिजली देगी लेकिन कोयले के बढ़े रेट लेकर इसमें एडजस्ट किए जाए। प्रदेश सरकार इससे इनकार कर रही है लेकिन अभी प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के पुल से 12 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद रही है। ऐसे में विवाद को खत्म करने के लिए बीच का रास्ता निकलाने पर सहमति बनी है।
चीन से नहीं पहुंचे हैं नए रोटोर
खेदड़ और यमुनानगर बिजली प्लांट की यूनिटों के रोटोर एक साल से अधिक समय से खराब पड़े हैं। हरियाणा सरकार ने इसके लिए चीन की कंपनी को काफी समय पहल ऑर्डर भी दे दिया है लेकिन कोरोना, चीन और भारत के रिश्तों के बीच चल रही खटास के कारण ये रोटोर आज तक नहीं आ पाए हैं। फिलहाल पुराने रोटोर से ही काम चलाया जा रहा है। ऐसे में गर्मी के पीक सीजन में यह यूनिट कितना साथ दे पाएंगी, ये तो समय ही बताएगा।
कृषि क्षेत्र को दी जा रही सात घंटे बिजली
बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि कृषि क्षेत्र में बिजली सप्लाई का कट नहीं लगाया जा रहा है। बल्कि गेहूं की कटाई को देखते हुए दिन में बिजली आपूर्ति बंद की जाती है ताकि कहीं भी खेती में चिंगारी से आग न लगे। रात के समय खेतों को 7 घंटे तक बिजली दी जा रही है। गौर हो कि प्रदेश में पानीपत में 250-250 मेगावाट की तीन इकाइयां, खेदड़ में 600-600 मेगावाट की दो इकाइयां और यमुनानगर में 300-300 मेगावाट की दो इकाइयां संचालित हैं।
विस्तार
हरियाणा सरकार का कहना है कि इस बार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते शहरीकरण और दिल्ली से उद्योगों के बाहर शिफ्ट होने के कारण प्रदेश में बिजली की मांग 1000 से 1500 मेगावाट प्रतिदिन तक बढ़ी है। दूसरा, समय से पहले अधिक गर्मी भी इसका कारण है। अचानक से बिजली की 7623 मेगावाट तक की मांग आ रही है, जबकि उत्पादन 6 हजार मेगावाट के आसपास है।
करीब 1600 मेगावाट के अंतर के चलते पिछले एक सप्ताह से प्रदेशभर में बिजली कट शुरू हो गए थे। शहरों में तीन से चार घंटे तो गांवों में 8-8 घंटे तक के कट लगाए जा रहे हैं। इससे प्रदेश के लोगों में भी गुस्सा बढ़ता जा रहा है। आनन-फानन बिजली विभाग ने खेदड़ और पानीपत की खराब चल रही यूनिट को ठीक करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इंजीनियरों की दिन रात की मेहनत के बाद मंगलवार को दोनों यूनिटों में उत्पादन शुरू हो गया है।
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