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2 मिनट पहले
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एक महीने पहले तक ‘नवा पंजाब’ बनाने की बात करने वाले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस को फिर से सत्ता में वापसी नहीं करवा सके। पार्टी के साथ-साथ चन्नी खुद के परंपरागत सीट चमकौर साहिब से भी विधायकी हार गए। चन्नी को हराने वाले थे उन्हीं के हमनाम 61 साल के डॉ. चरणजीत सिंह, जो पंजाब की सियासत के लिए बिल्कुल अंजान चेहरे थे।
पांच राज्यों के चुनावी नतीजों में सिर्फ चन्नी ही नहीं, कई दिग्गज भी धड़ाम हो गए हैं। इनमें उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शामिल हैं। दिलचस्प बात है कि इन नेताओं को हराने वालों को विधानसभा या लोकसभा चुनाव जीतने का कोई अनुभव भी नहीं था। आइए इस चुनाव के पांच ऐसे ही जायन्ट किलर के बारे में जानते हैं…
पल्लवी पटेल: कौशांबी जनपद के सिराथू सीट पर सपा की डॉ. पल्लवी पटेल ने उत्तर प्रदेश के कद्दावर भाजपा नेता और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को 7,337 वोटों से पटखनी दी है। 41 साल की पल्लवी पहली बार विधानसभा पहुंचेंगी।
पल्लवी अपने भाषण को लेकर पूरे चुनाव के दौरान सुर्खियों में रही हैं। पल्लवी सिराथू की बहू भी हैं। ऐसे में उन्होंने इसे मुद्दा बनाया और डिप्टी सीएम के खिलाफ महिला वोटों की जबर्दस्त गोलबंदी की।
पल्लवी मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल की बड़ी बहन हैं। दोनों के बीच पिता सोनेलाल पटेल की विरासत संभालने को लेकर पिछले 8 सालों से लड़ाई चल रही है।
पल्लवी ने बायो-टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन करने के बाद सब्जियों और फलों के फंगस पर रिसर्च किया और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। 2008 में पॉलिटिक्स में एंट्री करने वाली पल्लवी को 2014 में अपना दल का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था। पल्लवी के पति पंकज निरंजन पटेल 2019 में फूलपुर सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
डॉ. असीम कुमार: कुशीनगर के तमकुहीराज सीट पर भाजपा के डॉ. असीम कुमार ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को हराया है। दो बार से विधायकी जीत रहे अजय लल्लू इस बार तीसरे नंबर पर रहे। डॉ. असीम कुमार भी पहली बार जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे। रांची यूनिवर्सिटी से MS (जर्नल सर्जन) की पढ़ाई कर चुके असीम गोरखपुर शहर के जाने-माने डॉक्टर भी रहे हैं।
असीम कुमार राजनीति में निषाद पार्टी के जरिए एंट्री की, लेकिन उन्हें चुनाव से ऐन पहले भाजपा ने टिकट दे दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के प्रचार के लिए खुद महासचिव प्रियंका गांधी पहुंची थीं। इतना ही नहीं, लल्लू अपनी सीट बचाने के लिए करीब एक महीने तक तमकुहीराज में ही डेरा डाले रहे। इसके बावजूद डॉ. असीम कुमार ने से चुनाव हार गए।
भुवन कापड़ी: उत्तराखंड में भाजपा को प्रचंड जीत मिली, लेकिन खटीमा सीट से खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए। धामी को कांग्रेस के युवा नेता भुवन कापड़ी ने 6,951 वोटों से परास्त किया। कापड़ी कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और पिछले बार भी उन्होंने धामी कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन 2700 वोटों से पिछड़ गए थे।
भुवन कापड़ी ने युथ कांग्रेस से अपनी राजनीतिक करिअर की शुरुआत की। वर्तमान में उनके पास प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का जिम्मा है।
नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे के मुताबिक, कापड़ी के पास कुल 49.3 लाख की संपत्ति है, वे लॉ ग्रेजुएट भी हैं। धामी ने यूथ कांग्रेस से राजनीति की शुरूआत की थी। वहीं, हार के बाद धामी की सीएम कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। धामी को चुनाव से ऐन पहले तीरथ सिंह रावत की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया था।
डॉ. चरणजीत सिंह: पंजाब में आप की सुनामी में कांग्रेस और शिअद को करारी हार का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपनी परंपरागत सीट चमकौर साहिब नहीं बचा पाएं। यहां पर उन्हें आप के डॉ. चरणजीत सिंह ने 7,942 वोटों से हराया। डॉ. चरणजीत सिंह इलाके के मशहूर आई स्पेशलिस्ट भी हैं। वे लंबे समय से समाज सेवा से जुड़े हैं।
61 साल के चरणजीत सिंह ने जीत के बाद कहा कि मैं 32 सालों से इलाके में काम कर रहा हूं। मैने चन्नी के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया और लोगों ने मुझ पर विश्वास किया।
डॉ. चरणजीत सिंह पिछली बार भी चन्नी के खिलाफ मैदान में थे, लेकिन करीब 12,000 वोटों से हार गए थे। डॉ. चरणजीत सिंह पहली बार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। चमकौर साहिब दलित बहुल सीट माना जाता है और चन्नी यहां तीन बार से विधायक थे।
जीवनजोत कौर: पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिंद्धू को अमृतसर ईस्ट से आप की जीवनजोत कौर ने भारी मतों से शिकस्त दी है। पंजाब में पैड वुमन के नाम से मशहूर जीवनजीत पहली बार विधानसभा पहुंचेंगी। अमृतसर सीट पर सिद्धू के साथ-साथ शिरोमणी अकाली दल के कद्दावर नेता बिक्रम मजीठिया भी मैदान में थे।
जीवनजोत कौर एक सामाजिक संस्था से जुड़ी हुई हैं। यह संस्था जेल में बंद महिलाओं को मुफ्त में सैनेटरी पैड उपलब्ध कराती है।
लॉ की पढ़ाई कर चुकी जीवनजीत कौर करीब 25 साल से पंजाब में समाज सेवा कर रही हैं। 2015 में कौर आम आदमी पार्टी में शामिल हुई थी। अमृतसर सीट सिद्धू का गढ़ माना जाता था। सिद्धू अमृतसर से दो बार लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं।
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