Pakistan Economic Crisis: गधे-बकरी निर्यात के बाद पाकिस्तान में नया फरमान, क्या कम चाय पीने से सुधरेंगे हालात?

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पाकिस्तान की आर्थिक हालत खराब है। सरकार आईएमएफ से कर्ज लेने की कोशिश में लगी है। अमेरिका जैसे देशों से मदद की भी अपील कर रही है। इससे पहले पाकिस्तान सरकार गधे और बकरी जैसे जानवरों का निर्यात करके अपना विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने की कोशिश भी कर चुकी है। इसके बाद भी देश में रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं।

अब पाकिस्तान सरकार के एक मंत्री ने आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए ऐसा बयान दे दिया कि हर कोई इसपर चर्चा करने लगा है। उन्होंने लोगों से कम चाय पीने की अपील की है। योजना और विकास मंत्री अहसान इकबाल ने देश के लोगों से कहा, ‘मैं देश से अपील करता हूं कि लोग रोज एक-दो कप चाय कम पिएं क्योंकि हम चाय का आयात करने के लिए भी पैसे उधार लेते हैं।’

दुनिया से सबसे बड़े चाय आयतक पाकिस्तान के लोगों को मंत्री जी की अपील रास नहीं आई। सोशल मीडिया पर इस सुझाव के विरोध में प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। अपनी अपील में इकबाल ने चाय के दुकानदारों को अपनी दुकानें जल्दी बंद करने की अपील की है। उनका कहना है कि इससे बिजली भी बचेगी।  

आइये जानते हैं आखिर पाकिस्तान में हो क्या रहा है? देश के आर्थिक संकट का चाय से क्या लेना देना है? आर्थिक संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान क्या कर रहा है? आइये जानते हैं…

पाकिस्तान में हो क्या रहा है?
बीते कुछ महीनों से पाकिस्तान की आर्थिक हालत पतली है। इसकी वजह से खाने-पीने की चीजों, गैस और तेल के दाम में भारी इजाफा हुआ है। बढ़ती महंगाई के बीच देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। देश को पैसे की सख्त जरूरत है। रॉयटर्स के मुताबिक पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के पास 16.3 बिलियन डॉलर का फंड था। जो मई में घटकर 10 बिलियन डॉलर हो गया है। बीबीसी की एक रिपोर्ट कहती है है ये रकम केवल दो महीने तक ही देश की आयत जरूरतों को पूरा कर सकती है।  

देश की खराब अर्थव्यवस्था हाल ही में हुए राजनीतिक ड्रामे के केंद्र में थी। इसी की वजह से इमरान खान को सत्ता गंवानी पड़ी और शहबाज शरीफ देश के नए प्रधानमंत्री बने। शरीफ सरकार के लिए बढ़ती महंगाई से निपटना और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती है।  

देश के आर्थिक संकट का चाय से क्या लेना देना?
इसी हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अहसान इकबाल ने कहा कि हम लोन लेकर चाय आयत कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने व्यापारियों से बिजली बचाने की भी अपील की।  पाकिस्तान दुनिया में सबसे ज्यादा चाय आयात करता है। दुनियाभर के देशों के आयात-निर्यात का डाटा रखने वाली साइट ऑबर्वेटरी ऑफ इकोनॉमिक कॉम्प्लेक्सिटी के मुताबिक 2020 में पाकिस्तान ने करीब 646 मिलियन डॉलर की चाय आयात की थी। जो दुनियाभर में कुल आयात होने वाली चाय का 8.39 फीसदी है। दूसरे नंबर पर अमेरिका है जिसने 2020 में करीब 474 मिलियन डॉलर की चाय का आयात किया था। 

 इस संकट के निपटने के लिए पाकिस्तान क्या कर रहा है?
आर्थिक संकट से उबरने के लिए पाकिस्तान सरकार कई कदम उठा रही है। पिछले महीने ही पाकिस्तानी अधिकारियों ने एलान किया कि कई गैर-जरूरी लग्जरी वस्तुओं के आयात को कम किया जाएगा, जिससे निर्यात पर होने वाला खर्च कम हो सके। हालांकि, आलोचकों का कहना है ये कदम बहुत देरी से उठाए गए हैं।  इन कदमों से सरकार का आयात पर होने वाले खर्चे में महज पांच फीसदी तक की ही कमी हो पाएगी।   

 किन चीजों का आयात कम किया गया है?
पाकिस्तान सरकार के फैसले से कार, कॉस्मेटिक्स, मोबाइल फोन और सिगरेट जैसी चीजों के आयात पर फर्क पड़ा है। पाकिस्तान द्वारा आयात की जाने वाली चीजों में सबसे बड़ा हिस्सा रिफाइन्ड पेट्रोलियम पदार्थों, पेट्रेलियम गैस और क्रूड ऑयल का है। पाकिस्तान के कुल 50.5 बिलियन डॉलर के आयात में इन तीनों की हिस्सेदारी करीब 16 फीसदी है। इसके अलावा पाम ऑयल की कुल आयात में हिस्सेदारी  4.26 फीसदी,  कपास की 3.33 फीसदी, स्क्रैप आयरन की 3.2 फीसदी तो दूरसंचार उपकरणों की हिस्सेदारी 3.09 फीसदी है। इसके आलावा गेहूं, सोयाबीन, चाय जैसी रोजमर्रा की चीजों की भी आयात में एक फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है। 

चाय के साथ बिजली बचाने की अपील क्यों कर रही सरकार?
अत्यधिक कर्ज के साथ ही पाकिस्तान ऊर्जा संकट से भी जूझ रहा है। पाकिस्तान के कई शहरों में ब्लैकआउट की स्थिति है। गांव तो गांव शहरों में भी कई-कई घंटे बिजली गुल रह रही है।  

विदेशी मुद्रा जुटाने के लिए बकरी और गधे तक का निर्यात
इससे पहले  विदेश से कर्ज पाने की कोशिश में जुटे पाकिस्तान की कैबिनेट ने निर्यात नीति में बदलाव करते हुए जीवित जानवरों के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा लिया था। इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से यूएई को 100 जिंदा बकरियां भेजने की मंजूरी मिली थी।  इससे पहले  पाकिस्तान गधों की सप्लाई करके विदेशी मुद्रा कमाता रहा है। बताया जाता है कि पाकिस्तान के गधों की चीन मे सबसे ज्यादा मांग है। इसकी वजह से लोग गधों का पालन अन्य पशु के मुकाबले ज्यादा कर रहे हैं। दरअसल गधों की खाल से चीन में दवा बनाई जाती है। जो ब्लड सर्कुलेशन के काम में इस्तेमाल की जाती है।  

विस्तार

पाकिस्तान की आर्थिक हालत खराब है। सरकार आईएमएफ से कर्ज लेने की कोशिश में लगी है। अमेरिका जैसे देशों से मदद की भी अपील कर रही है। इससे पहले पाकिस्तान सरकार गधे और बकरी जैसे जानवरों का निर्यात करके अपना विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने की कोशिश भी कर चुकी है। इसके बाद भी देश में रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं।

अब पाकिस्तान सरकार के एक मंत्री ने आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए ऐसा बयान दे दिया कि हर कोई इसपर चर्चा करने लगा है। उन्होंने लोगों से कम चाय पीने की अपील की है। योजना और विकास मंत्री अहसान इकबाल ने देश के लोगों से कहा, ‘मैं देश से अपील करता हूं कि लोग रोज एक-दो कप चाय कम पिएं क्योंकि हम चाय का आयात करने के लिए भी पैसे उधार लेते हैं।’

दुनिया से सबसे बड़े चाय आयतक पाकिस्तान के लोगों को मंत्री जी की अपील रास नहीं आई। सोशल मीडिया पर इस सुझाव के विरोध में प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। अपनी अपील में इकबाल ने चाय के दुकानदारों को अपनी दुकानें जल्दी बंद करने की अपील की है। उनका कहना है कि इससे बिजली भी बचेगी।  

आइये जानते हैं आखिर पाकिस्तान में हो क्या रहा है? देश के आर्थिक संकट का चाय से क्या लेना देना है? आर्थिक संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान क्या कर रहा है? आइये जानते हैं…

पाकिस्तान में हो क्या रहा है?

बीते कुछ महीनों से पाकिस्तान की आर्थिक हालत पतली है। इसकी वजह से खाने-पीने की चीजों, गैस और तेल के दाम में भारी इजाफा हुआ है। बढ़ती महंगाई के बीच देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। देश को पैसे की सख्त जरूरत है। रॉयटर्स के मुताबिक पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के पास 16.3 बिलियन डॉलर का फंड था। जो मई में घटकर 10 बिलियन डॉलर हो गया है। बीबीसी की एक रिपोर्ट कहती है है ये रकम केवल दो महीने तक ही देश की आयत जरूरतों को पूरा कर सकती है।  

देश की खराब अर्थव्यवस्था हाल ही में हुए राजनीतिक ड्रामे के केंद्र में थी। इसी की वजह से इमरान खान को सत्ता गंवानी पड़ी और शहबाज शरीफ देश के नए प्रधानमंत्री बने। शरीफ सरकार के लिए बढ़ती महंगाई से निपटना और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती है।  

देश के आर्थिक संकट का चाय से क्या लेना देना?

इसी हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अहसान इकबाल ने कहा कि हम लोन लेकर चाय आयत कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने व्यापारियों से बिजली बचाने की भी अपील की।  पाकिस्तान दुनिया में सबसे ज्यादा चाय आयात करता है। दुनियाभर के देशों के आयात-निर्यात का डाटा रखने वाली साइट ऑबर्वेटरी ऑफ इकोनॉमिक कॉम्प्लेक्सिटी के मुताबिक 2020 में पाकिस्तान ने करीब 646 मिलियन डॉलर की चाय आयात की थी। जो दुनियाभर में कुल आयात होने वाली चाय का 8.39 फीसदी है। दूसरे नंबर पर अमेरिका है जिसने 2020 में करीब 474 मिलियन डॉलर की चाय का आयात किया था। 

 इस संकट के निपटने के लिए पाकिस्तान क्या कर रहा है?

आर्थिक संकट से उबरने के लिए पाकिस्तान सरकार कई कदम उठा रही है। पिछले महीने ही पाकिस्तानी अधिकारियों ने एलान किया कि कई गैर-जरूरी लग्जरी वस्तुओं के आयात को कम किया जाएगा, जिससे निर्यात पर होने वाला खर्च कम हो सके। हालांकि, आलोचकों का कहना है ये कदम बहुत देरी से उठाए गए हैं।  इन कदमों से सरकार का आयात पर होने वाले खर्चे में महज पांच फीसदी तक की ही कमी हो पाएगी।   

 किन चीजों का आयात कम किया गया है?

पाकिस्तान सरकार के फैसले से कार, कॉस्मेटिक्स, मोबाइल फोन और सिगरेट जैसी चीजों के आयात पर फर्क पड़ा है। पाकिस्तान द्वारा आयात की जाने वाली चीजों में सबसे बड़ा हिस्सा रिफाइन्ड पेट्रोलियम पदार्थों, पेट्रेलियम गैस और क्रूड ऑयल का है। पाकिस्तान के कुल 50.5 बिलियन डॉलर के आयात में इन तीनों की हिस्सेदारी करीब 16 फीसदी है। इसके अलावा पाम ऑयल की कुल आयात में हिस्सेदारी  4.26 फीसदी,  कपास की 3.33 फीसदी, स्क्रैप आयरन की 3.2 फीसदी तो दूरसंचार उपकरणों की हिस्सेदारी 3.09 फीसदी है। इसके आलावा गेहूं, सोयाबीन, चाय जैसी रोजमर्रा की चीजों की भी आयात में एक फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है। 

चाय के साथ बिजली बचाने की अपील क्यों कर रही सरकार?

अत्यधिक कर्ज के साथ ही पाकिस्तान ऊर्जा संकट से भी जूझ रहा है। पाकिस्तान के कई शहरों में ब्लैकआउट की स्थिति है। गांव तो गांव शहरों में भी कई-कई घंटे बिजली गुल रह रही है।  

विदेशी मुद्रा जुटाने के लिए बकरी और गधे तक का निर्यात

इससे पहले  विदेश से कर्ज पाने की कोशिश में जुटे पाकिस्तान की कैबिनेट ने निर्यात नीति में बदलाव करते हुए जीवित जानवरों के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा लिया था। इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से यूएई को 100 जिंदा बकरियां भेजने की मंजूरी मिली थी।  इससे पहले  पाकिस्तान गधों की सप्लाई करके विदेशी मुद्रा कमाता रहा है। बताया जाता है कि पाकिस्तान के गधों की चीन मे सबसे ज्यादा मांग है। इसकी वजह से लोग गधों का पालन अन्य पशु के मुकाबले ज्यादा कर रहे हैं। दरअसल गधों की खाल से चीन में दवा बनाई जाती है। जो ब्लड सर्कुलेशन के काम में इस्तेमाल की जाती है।  

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