Air India: एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए टाटा संस ने लगाई बोली, अंतिम दौर में पहुंची प्रक्रिया 

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Wed, 15 Sep 2021 05:55 PM IST

सार

सूत्रों के अनुसार, टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने सोमवार को समय सीमा समाप्त होने से पहले रुचि पत्र जमा किया है। इसी के साथ अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। 

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घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए टाटा संस ने बोली लगाई है। कंपनी के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। वहीं, डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) ने जानकारी दी कि एयर इंडिया अधिग्रहण संबंधी रुचि पत्र मिल गया है। इसी के साथ ये प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। 

टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने सोमवार को समय सीमा समाप्त होने से पहले रुचि पत्र जमा किया। हालांकि, यह साफ नहीं हुआ है कि टाटा ने अकेले या अन्य के साथ मिलकर बोली लगाई है। 

अगर ये सौदा पक्का हो जाता है तो विमानन कंपनी की 67 साल बाद ‘घर वापसी’ हो सकती है। टाटा समूह ने अक्तूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी, जिसे भारत सरकार ने 1953 में अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया था। 

विमानन कंपनी पर 60 हजार करोड़ का कर्ज
सरकार ने इस एयर इंडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। वर्तमान में एयर इंडिया पर 60,074 करोड़ का कर्ज है, लेकिन अधिग्रहण के बाद खरीदार को 23,286.5 करोड़ रुपये ही चुकाने होंगे। शेष कर्ज को विशेष उद्देश्य के लिए बनाए गए एयर इंडिया एसेट होल्डिंग्स लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि बाकी का कर्ज खुद सरकार उठाएगी।
 

विस्तार

घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए टाटा संस ने बोली लगाई है। कंपनी के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। वहीं, डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) ने जानकारी दी कि एयर इंडिया अधिग्रहण संबंधी रुचि पत्र मिल गया है। इसी के साथ ये प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। 

टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने सोमवार को समय सीमा समाप्त होने से पहले रुचि पत्र जमा किया। हालांकि, यह साफ नहीं हुआ है कि टाटा ने अकेले या अन्य के साथ मिलकर बोली लगाई है। 

अगर ये सौदा पक्का हो जाता है तो विमानन कंपनी की 67 साल बाद ‘घर वापसी’ हो सकती है। टाटा समूह ने अक्तूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी, जिसे भारत सरकार ने 1953 में अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया था। 

विमानन कंपनी पर 60 हजार करोड़ का कर्ज

सरकार ने इस एयर इंडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। वर्तमान में एयर इंडिया पर 60,074 करोड़ का कर्ज है, लेकिन अधिग्रहण के बाद खरीदार को 23,286.5 करोड़ रुपये ही चुकाने होंगे। शेष कर्ज को विशेष उद्देश्य के लिए बनाए गए एयर इंडिया एसेट होल्डिंग्स लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि बाकी का कर्ज खुद सरकार उठाएगी।

 

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