सेना का हेलीकॉप्टर Mi-17V5 (file photo)
– फोटो : social media
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चीन की सीमा से लगभग 35 किमी दूर हुआ हादसा
तेजपुर स्थित रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि एएलएच (हथियार प्रणाली हेलीकॉप्टर) ने लीकाबली से उड़ान भरी और चीन की सीमा से लगभग 35 किमी दूर स्थित तूतिंग के पास मिगिंग में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एएलएच-डब्ल्यूएसआई (ALH-WSI), जिसे रुद्र मार्क IV के नाम से भी जाना जाता है, एक शक्तिशाली हमलावर हेलीकॉप्टर है, जिसे भारतीय सेना और वायुसेना में बेहद विशिष्ट भूमिकाओं के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। भारतीय सेना की विमानन शाखा पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा रेखा पर सामरिक मिशनों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए इस क्षेत्र में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर रुद्र के हथियार प्रणाली एकीकृत (डब्ल्यूएसआई) संस्करण को तैनात कर रही है।
रंजीत सागर जलाशय में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था हेलीकॉप्टकर
5.8 टन वर्ग का बहु-भूमिका हेलीकॉप्टर एएलएच ध्रुव का सशस्त्र संस्करण है। स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित एएलएच-ध्रुव एक बहु-भूमिका, बहु-मिशन नई पीढ़ी का हेलीकॉप्टर है। एक सैन्य विशेषज्ञ ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हमारे पास दुर्घटना के बारे में कोई विवरण नहीं है। इसलिए टिप्पणी करना अनुचित होगा। लेकिन मेरा विचार है कि बेड़े को बाधा निवारण प्रणालियों सहित अधिक सुरक्षा उपकरणों से लैस होना चाहिए। एक और एएलएच-डब्ल्यूएसआई (ALH-WSI) पिछले साल 3 अगस्त को पठानकोट के पास विशाल रंजीत सागर जलाशय में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सेना के दो पायलट मारे गए थे। अक्टूबर 2019 में उत्तरी कमान के तत्कालीन प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को लेकर भारतीय सेना का एक ध्रुव हेलीकॉप्टर जम्मू-कश्मीर के पुंछ में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
क्यों हो रहे इतने हादसे
इससे पहले अरुणाचल के तवांग में चीता हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था जिसमें पायलट शहीद हो गया था। अब रुद्र हेलिकॉप्टर लोअर सियांग जिले के सिंगिंग गांव में हादसे का शिकार हुआ है जिसमें दो पायलटों समेत पांच लोग सवार थे। पिछले पांच वर्षों में तीनों सेनाओं के 17 हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं। यह जानकारी पिछले साल 17 दिसंबर को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राज्य रक्षामंत्री अजय भट्ट ने दी थी। इसमें साल 2017 से लेकर 2021 तक के हादसों का जिक्र किया गया था। इस साल अक्तूबर में ही दो हादसे और हो गए। आखिर क्यों इतने हादसे हो रहे हैं। क्या इसकी वजह तकनीकी है या मौसम से जुड़ी दिक्कतों के कारण ये हादसे हो रहे हैं।
पांच साल में 17 हादसे
21 अक्तूबर 2022: अरुणाचल प्रदेश के लोअर सियांग जिले के सिंगिंग गांव में रुद्र हेलीकॉप्टर क्रैश। पांच जवान सवार थे।
05 अक्तूबर 2022: अरुणाचल प्रदेश के के तवांग में चीता हेलीकॉप्टर क्रैश, एक पायलट शहीद।
08 दिसंबर 2021: भारतीय वायुसेना का Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर चेन्नई के पास क्रैश, सीडीएस बिपिन रावत समेत 14 लोगों की मौत।
18 नवंबर 2021: भारतीय वायुसेना का Mi-17 हेलीकॉप्टर क्रैश, एक जवान जख्मी।
21 सितंबर 2021: भारतीय थल सेना का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश, दो जवान शहीद।
03 अगस्त 2021: भारतीय थल सेना का एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड (ALH-WSI) क्रैश। दो जवान शहीद। वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड यानी यह रुद्र हेलीकॉप्टर था।
25 जनवरी 2021: भारतीय थल सेना का ALH-WSI क्रैश, 1 जवान शहीद, दूसरा घायल।
09 मई 2020: भारतीय सेना का ALH क्रैश, 5 जवान जख्मी।
24 अक्तूबर 2019: भारतीय सेना का ALH क्रैश, 9 जवान घायल।
27 सितंबर 2019: भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश. 2 जवान शहीद।
10 अप्रैल 2019: भारतीय नौसेना का चेतक हेलीकॉप्टर क्रैश, कोई शहीद या जख्मी नहीं हुआ।
23 मई 2018: इंडियन एयरफोर्स का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश, जो जवान जख्मी हो गए।
03 अप्रैल 2018: इंडियन एयरफोर्स का Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर क्रैश, कोई शहीद व जख्मी नहीं हुआ।
06 अक्तूबर 2017: इंडियन एयरफोर्स का Mi-17 V5 क्रैश, 7 जवान शहीद हुए।
05 सितंबर …2017: भारतीय सेना का ALH क्रैश, दो जवान घायल हुए।
04 जुलाई 2017: इंडियन एयरफोर्स का ALH क्रैश, तीन जवान शहीद हुए।
15 मार्च 2017: इंडियन एयरफोर्स का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश क्रैश, कोई शहीद या घायल नहीं हुआ।
विस्तार
अरुणाचल प्रदेश में तुतिंग के पास शुक्रवार को भारतीय सेना के एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) के क्रैश होने की घटना ने एक बार फिर सैन्य हेलिकॉप्टरों और विमानों से जुड़े हादसों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता पैदा कर दी है। आर्मी एविएशन विंग से संबंधित दो इंजन वाला स्वदेशी रूप से विकसित हेलीकॉप्टर ध्रुव सीमावर्ती राज्य के ऊपरी सियांग जिले के मिगिंग गांव में क्रैश हो गया जिसके बाद सेना और भारतीय वायु सेना ने बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान शुरू किया।
चीन की सीमा से लगभग 35 किमी दूर हुआ हादसा
तेजपुर स्थित रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि एएलएच (हथियार प्रणाली हेलीकॉप्टर) ने लीकाबली से उड़ान भरी और चीन की सीमा से लगभग 35 किमी दूर स्थित तूतिंग के पास मिगिंग में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एएलएच-डब्ल्यूएसआई (ALH-WSI), जिसे रुद्र मार्क IV के नाम से भी जाना जाता है, एक शक्तिशाली हमलावर हेलीकॉप्टर है, जिसे भारतीय सेना और वायुसेना में बेहद विशिष्ट भूमिकाओं के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। भारतीय सेना की विमानन शाखा पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा रेखा पर सामरिक मिशनों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए इस क्षेत्र में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर रुद्र के हथियार प्रणाली एकीकृत (डब्ल्यूएसआई) संस्करण को तैनात कर रही है।
रंजीत सागर जलाशय में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था हेलीकॉप्टकर
5.8 टन वर्ग का बहु-भूमिका हेलीकॉप्टर एएलएच ध्रुव का सशस्त्र संस्करण है। स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित एएलएच-ध्रुव एक बहु-भूमिका, बहु-मिशन नई पीढ़ी का हेलीकॉप्टर है। एक सैन्य विशेषज्ञ ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हमारे पास दुर्घटना के बारे में कोई विवरण नहीं है। इसलिए टिप्पणी करना अनुचित होगा। लेकिन मेरा विचार है कि बेड़े को बाधा निवारण प्रणालियों सहित अधिक सुरक्षा उपकरणों से लैस होना चाहिए। एक और एएलएच-डब्ल्यूएसआई (ALH-WSI) पिछले साल 3 अगस्त को पठानकोट के पास विशाल रंजीत सागर जलाशय में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सेना के दो पायलट मारे गए थे। अक्टूबर 2019 में उत्तरी कमान के तत्कालीन प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को लेकर भारतीय सेना का एक ध्रुव हेलीकॉप्टर जम्मू-कश्मीर के पुंछ में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
क्यों हो रहे इतने हादसे
इससे पहले अरुणाचल के तवांग में चीता हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था जिसमें पायलट शहीद हो गया था। अब रुद्र हेलिकॉप्टर लोअर सियांग जिले के सिंगिंग गांव में हादसे का शिकार हुआ है जिसमें दो पायलटों समेत पांच लोग सवार थे। पिछले पांच वर्षों में तीनों सेनाओं के 17 हेलीकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं। यह जानकारी पिछले साल 17 दिसंबर को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राज्य रक्षामंत्री अजय भट्ट ने दी थी। इसमें साल 2017 से लेकर 2021 तक के हादसों का जिक्र किया गया था। इस साल अक्तूबर में ही दो हादसे और हो गए। आखिर क्यों इतने हादसे हो रहे हैं। क्या इसकी वजह तकनीकी है या मौसम से जुड़ी दिक्कतों के कारण ये हादसे हो रहे हैं।
पांच साल में 17 हादसे
21 अक्तूबर 2022: अरुणाचल प्रदेश के लोअर सियांग जिले के सिंगिंग गांव में रुद्र हेलीकॉप्टर क्रैश। पांच जवान सवार थे।
05 अक्तूबर 2022: अरुणाचल प्रदेश के के तवांग में चीता हेलीकॉप्टर क्रैश, एक पायलट शहीद।
08 दिसंबर 2021: भारतीय वायुसेना का Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर चेन्नई के पास क्रैश, सीडीएस बिपिन रावत समेत 14 लोगों की मौत।
18 नवंबर 2021: भारतीय वायुसेना का Mi-17 हेलीकॉप्टर क्रैश, एक जवान जख्मी।
21 सितंबर 2021: भारतीय थल सेना का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश, दो जवान शहीद।
03 अगस्त 2021: भारतीय थल सेना का एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड (ALH-WSI) क्रैश। दो जवान शहीद। वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड यानी यह रुद्र हेलीकॉप्टर था।
25 जनवरी 2021: भारतीय थल सेना का ALH-WSI क्रैश, 1 जवान शहीद, दूसरा घायल।
09 मई 2020: भारतीय सेना का ALH क्रैश, 5 जवान जख्मी।
24 अक्तूबर 2019: भारतीय सेना का ALH क्रैश, 9 जवान घायल।
27 सितंबर 2019: भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश. 2 जवान शहीद।
10 अप्रैल 2019: भारतीय नौसेना का चेतक हेलीकॉप्टर क्रैश, कोई शहीद या जख्मी नहीं हुआ।
23 मई 2018: इंडियन एयरफोर्स का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश, जो जवान जख्मी हो गए।
03 अप्रैल 2018: इंडियन एयरफोर्स का Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर क्रैश, कोई शहीद व जख्मी नहीं हुआ।
06 अक्तूबर 2017: इंडियन एयरफोर्स का Mi-17 V5 क्रैश, 7 जवान शहीद हुए।
05 सितंबर …2017: भारतीय सेना का ALH क्रैश, दो जवान घायल हुए।
04 जुलाई 2017: इंडियन एयरफोर्स का ALH क्रैश, तीन जवान शहीद हुए।
15 मार्च 2017: इंडियन एयरफोर्स का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश क्रैश, कोई शहीद या घायल नहीं हुआ।
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