पीटीआई, जोहानिसबर्ग।
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 29 May 2022 12:36 AM IST
सार
दक्षिण अफ्रीका की सरकारी संचार और सूचना सेवा (जीसीआईएस) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अफ्रीकी सरकार ने कुछ बंदरगाहों पर हाल की घटनाओं पर ध्यान दिया है, जिसमें वैसे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को शामिल किया गया जिन्होंने टीकाकरण का दस्तावेज प्रस्तुत किया था, जो स्वास्थ्य नियमों के मौजूदा व्यवस्था में परिभाषित नहीं थे।
कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्र। (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : iStock
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अंतरराष्ट्रीय यात्रियों द्वारा पेश किए जा रहे दस्तावेजों पर भ्रम से बचने के लिए दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने सभी कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्रों को मान्यता देने का फैसला किया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि सभी सत्यापन योग्य टीकाकरण प्रमाण पत्रों को मान्यता दी जाएगी, जिन्हें अभी तक वर्तमान व्यवस्था में स्वास्थ्य नियमों के तहत मान्यता नहीं दी गई थी।
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों द्वारा पेश किए जा रहे कोविड-19 टीकाकरण दस्तावेजों पर भ्रम को दूर करने के लिए तेजी से काम किया है।क्योंकि कुछ यात्रियों को कथित तौर पर अपने मूल देशों द्वारा जारी वैध प्रमाण पत्र होने के बावजूद कोविड परीक्षण और आगमन पर संभावित क्वारंटीन से गुजरना पड़ा था।
दक्षिण अफ्रीका की सरकारी संचार और सूचना सेवा (जीसीआईएस) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि ‘‘दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने कुछ प्रवेश बिंदुओं पर हाल की घटनाओं पर संज्ञान लिया है, जिसमें वैसे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को शामिल किया गया जिन्होंने टीकाकरण का दस्तावेज प्रस्तुत किए थे, जो स्वास्थ्य नियमों के मौजूदा व्यवस्था में परिभाषित नहीं थे।”
बयान में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों द्वारा उपलब्ध कराए गए टीकाकरण के सबूत मौजूदा नियमों के संदर्भ में सत्यापन योग्य थे, लेकिन विदेश में कई प्राधिकरण द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अलग-अलग तरीकों से यह जटिल हो गया था। चूंकि टीकाकरण के प्रमाण पत्र का वैश्विक स्तर पर कोई सहमत स्वरूप नहीं है, इसलिए हमारे ध्यान में आया कि कुछ देश क्यूआर कोड के साथ टीकाकरण कार्ड का उपयोग करते हैं, जबकि अन्य देश टीकाकरण के प्रमाण के रूप में क्यूआर कोड के साथ प्रमाण पत्र का उपयोग करते हैं।
जीसीआईएस ने कहा, “प्रवेश के समय बंदरगाहों पर यात्रियों को परेशानी नहीं उठाना पड़े, इसलिए एक सुचारू और निष्पक्ष सत्यापन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने शुक्रवार (27 मई 2022) से सभी (कागज-आधारित या इलेक्ट्रॉनिक क्यूआर कोड) सत्यापन योग्य टीकाकरण दस्तावेजों को मान्यता देने का फैसला किया है।”
जीसीआईएस ने आगे कहा कि टीकाकरण प्रमाण पत्र या कार्ड पर विवरण यात्री की जानकारी के अनुरूप होना चाहिए जैसा कि वे पासपोर्ट पर दिखाई देते हैं। सरकार ने दक्षिण अफ्रीका में संबंधित दूतावास या उच्चायोग से संपर्क करने का अधिकार भी सुरक्षित रखा है ताकि यदि टीकाकरण प्रमाण पत्र या कार्ड सत्यापन योग्य नहीं है तो संबंधित देशों द्वारा जारी किए गए टीकाकरण के एक प्रकार के प्रमाण की पुष्टि की जा सके।
बयान में यह भी कहा गया है कि अगर कोई यात्री टीकाकरण का प्रमाण प्रस्तुत करने में असमर्थ होता है तो बंदरगाहों पर उनके लिए ऑनसाइट कोविड-19 परीक्षण की सेवा भी उपलब्ध है। इस दौरान अगर कोई यात्री कोविड पॉजिटिव पाया जाता है या कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे खुद को क्वारंटीन में रखना जरूरी होगा।
विस्तार
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों द्वारा पेश किए जा रहे दस्तावेजों पर भ्रम से बचने के लिए दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने सभी कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्रों को मान्यता देने का फैसला किया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि सभी सत्यापन योग्य टीकाकरण प्रमाण पत्रों को मान्यता दी जाएगी, जिन्हें अभी तक वर्तमान व्यवस्था में स्वास्थ्य नियमों के तहत मान्यता नहीं दी गई थी।
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों द्वारा पेश किए जा रहे कोविड-19 टीकाकरण दस्तावेजों पर भ्रम को दूर करने के लिए तेजी से काम किया है।क्योंकि कुछ यात्रियों को कथित तौर पर अपने मूल देशों द्वारा जारी वैध प्रमाण पत्र होने के बावजूद कोविड परीक्षण और आगमन पर संभावित क्वारंटीन से गुजरना पड़ा था।
दक्षिण अफ्रीका की सरकारी संचार और सूचना सेवा (जीसीआईएस) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि ‘‘दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने कुछ प्रवेश बिंदुओं पर हाल की घटनाओं पर संज्ञान लिया है, जिसमें वैसे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को शामिल किया गया जिन्होंने टीकाकरण का दस्तावेज प्रस्तुत किए थे, जो स्वास्थ्य नियमों के मौजूदा व्यवस्था में परिभाषित नहीं थे।”
बयान में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों द्वारा उपलब्ध कराए गए टीकाकरण के सबूत मौजूदा नियमों के संदर्भ में सत्यापन योग्य थे, लेकिन विदेश में कई प्राधिकरण द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अलग-अलग तरीकों से यह जटिल हो गया था। चूंकि टीकाकरण के प्रमाण पत्र का वैश्विक स्तर पर कोई सहमत स्वरूप नहीं है, इसलिए हमारे ध्यान में आया कि कुछ देश क्यूआर कोड के साथ टीकाकरण कार्ड का उपयोग करते हैं, जबकि अन्य देश टीकाकरण के प्रमाण के रूप में क्यूआर कोड के साथ प्रमाण पत्र का उपयोग करते हैं।
जीसीआईएस ने कहा, “प्रवेश के समय बंदरगाहों पर यात्रियों को परेशानी नहीं उठाना पड़े, इसलिए एक सुचारू और निष्पक्ष सत्यापन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने शुक्रवार (27 मई 2022) से सभी (कागज-आधारित या इलेक्ट्रॉनिक क्यूआर कोड) सत्यापन योग्य टीकाकरण दस्तावेजों को मान्यता देने का फैसला किया है।”
जीसीआईएस ने आगे कहा कि टीकाकरण प्रमाण पत्र या कार्ड पर विवरण यात्री की जानकारी के अनुरूप होना चाहिए जैसा कि वे पासपोर्ट पर दिखाई देते हैं। सरकार ने दक्षिण अफ्रीका में संबंधित दूतावास या उच्चायोग से संपर्क करने का अधिकार भी सुरक्षित रखा है ताकि यदि टीकाकरण प्रमाण पत्र या कार्ड सत्यापन योग्य नहीं है तो संबंधित देशों द्वारा जारी किए गए टीकाकरण के एक प्रकार के प्रमाण की पुष्टि की जा सके।
बयान में यह भी कहा गया है कि अगर कोई यात्री टीकाकरण का प्रमाण प्रस्तुत करने में असमर्थ होता है तो बंदरगाहों पर उनके लिए ऑनसाइट कोविड-19 परीक्षण की सेवा भी उपलब्ध है। इस दौरान अगर कोई यात्री कोविड पॉजिटिव पाया जाता है या कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे खुद को क्वारंटीन में रखना जरूरी होगा।
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