G20: जयशंकर बोले- अर्थव्यवस्था को जोखिम से बचाना मुख्य चिंता; लीकेज की समस्या के बहाने कांग्रेस पर कसा तंज

G20: जयशंकर बोले- अर्थव्यवस्था को जोखिम से बचाना मुख्य चिंता; लीकेज की समस्या के बहाने कांग्रेस पर कसा तंज

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर जी-20 देशों की जिम्मेदारी पर बात की। इस दौरान उन्होंने लीकेज की समस्या के बहाने कांग्रेस पार्टी पर भी तंज कसा। उन्होंने मजाकिया लहजे में लीकेज के उनका मतलब भी बताया। 

भारत की एक साल की जी20 की अध्यक्षता पर हैदराबाद में अपने संबोधन के दौरान मौजूद लोगों से पूछा कि क्या आपको लीकेज के बारे में पता है। लीकेज से मतलब है कि जब दिल्ली से 10 रुपये जाता है और सिर्फ एक रुपये ही पहुंचता है। उन्होंने कहा कि कई देशों में यह समस्या है, लेकिन हमने इससे निपटने का काम किया है। कई देश हमारी तरफ देख भी रहे हैं कि कैसे हमने इससे निपटा है। मैं उनसे यह कहना चाहूंगा कि सबसे पहले हमने सत्ता में दूसरी पार्टी को बैठाकर इस समस्या ने निजात पाई। इसके तकनीक की मदद से भी इससे निपटा गया।

इसके अलावा जयशंकर ने कहा कि जी20 की मुख्य चिंता वैश्विक अर्थव्यवस्था को जोखिम से बचाने के तरीके खोजने की होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने उपभोक्ताओं को पेट्रोल मूल्य वृद्धि से यथासंभव राहत देने की कोशिश की है। सरकार ने महंगाई कम करने के कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि आज दुनिया यह सबक सीख गई है कि सुरक्षा का मतलब केवल भौतिक या आर्थिक सुरक्षा नहीं है। इसका अर्थ स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा भी है। इसलिए हमें वैश्विक अर्थव्यवस्था को जोखिम से बचाने के तरीके खोजने होंगे। इस साल जी20 के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री स्तर के सम्मेलनों के अलावा 15 मंत्री स्तरीय बैठकें भी होंगी।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया पर गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाला है। इस तरह की नाराजगी की भावना है कि विकसित देशों ने महामारी के दौरान खुद के बारे में ही सोचा। जयशंकर ने कहा कि भारत को छोड़कर कुछ ही देशों ने बाकी दुनिया के बारे में सोचा।

विदेश मंत्री ने कहा कि 26/11 में हमने कैसी प्रतिक्रिया दी। उरी और बालाकोट में हमने कैसी प्रतिक्रिया दी? हमने ऊंचाई वाले इलाकों में भारतीय सेना को तैनात किया। कोरोना के खतरे के बीच सेना मुस्तैदी से डटी रही। मैं आपको बता सकता हूं कि पूरी दुनिया ने इस पर ध्यान दिया है। जब तक इस मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता, तब तक चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं होंगे।

 

विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा कि क्वाड की शुरुआत 2007 में हुई थी। फिर एक देश ने दबाव डाला। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किसका। इसके बाद हम पीछे हट गए। यही 2007 और 2017 के बीच का अंतर है।

Source link