सार
75वें स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर अमर उजाला आपको आजादी से अब तक देश के सामने आईं चुनौतियों से रूबरू करा रहा है। साथ ही, उन जख्मों को भी दिखाएंगे, जिनसे आज भी लहू रिसता है…
भारत का स्वतंत्रता दिवस
– फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
गुलामी की बेड़ियों को तोड़कर हमें आजाद हुए अब 75 साल बीत चुके हैं। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ से इस वक्त देश ओतप्रोत है। यूं कह लीजिए कि आजादी के 75 साल बाद देश अब न्यू इंडिया बनने की राह पर है, लेकिन इस राह में तमाम चुनौतियां भी आईं। मां भारती के कलेजे पर तमाम ऐसे घाव बने, जो अब तक नासूर साबित हो रहे हैं। 75वें स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर अमर उजाला आपको आजादी से अब तक देश के सामने आईं चुनौतियों से रूबरू करा रहा है…
21 साल में आतंकवाद ने छीन लीं इतनी जिंदगियां, 2001 सबसे बुरा साल रहा
साल | आम नागरिक | जवान |
2000 | 1385 | 641 |
2001 | 2084 | 1024 |
2002 | 1642 | 837 |
2003 | 1427 | 563 |
2004 | 1061 | 437 |
2005 | 1004 | 454 |
2006 | 694 | 256 |
2007 | 427 | 127 |
2008 | 261 | 71 |
2009 | 208 | 53 |
2010 | 189 | 34 |
2011 | 119 | 33 |
2012 | 70 | 19 |
2013 | 84 | 19 |
2014 | 91 | 28 |
2015 | 86 | 19 |
2016 | 112 | 14 |
2017 | 163 | 54 |
2018 | 206 | 86 |
2019 | 135 | 42 |
2020 | 140 | 33 |
2021 | 73 | 15 |
नोट: आंकड़े साउथ एशिया टेरेरिज्म पोर्टल के मुताबिक
21 साल में 20 हजार से ज्यादा आतंकी घटनाएं
साल | आतंकी घटनाएं |
2000 | 2000 |
2001 | 2864 |
2002 | 2382 |
2003 | 2076 |
2004 | 1746 |
2005 | 1860 |
2006 | 1569 |
2007 | 1021 |
2008 | 602 |
2009 | 487 |
2010 | 586 |
2011 | 431 |
2012 | 271 |
2013 | 257 |
2014 | 240 |
2015 | 245 |
2016 | 268 |
2017 | 398 |
2018 | 597 |
2019 | 369 |
2020 | 415 |
2021 | 272 |
नोट: आंकड़े साउथ एशिया टेरेरिज्म पोर्टल के मुताबिक
1947 में विभाजन के बाद से ही पाकिस्तान हमारे लिए चुनौती बना हुआ है। भारत में अशांति फैलाने के लिए वह लगातार आतंकी साजिश को अंजाम देने की फिराक में लगा रहता है। पिछले 74 साल में पाकिस्तान के साथ सुलह की कोशिशें कई बार की गईं, लेकिन अब तक समाधान नहीं निकल सका।
1962 में जंग के बाद चीन से दुश्मनी की शुरुआत हुई और उसका हल आज तक नहीं निकल पाया। चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत लगातार भारत की जमीन पर कब्जे की कोशिशों में लगा रहता है। 2020 में चीन लद्दाख सीमा पर घुसपैठ की तो भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया। भारत के 20 जवान शहीद हुए, लेकिन उन्होंने करीब 40 चीनी सैनिक भी मार गिराए। इसके बाद दोनों देशों के बीच करीब 12 दौर की बातचीत के बाद सुलह होती तो नजर आई, लेकिन कायम कब तक रहेगी, यह देखना अभी बाकी है।
1984 के जून महीने के दौरान पंजाब के स्वर्ण मंदिर में शुरू हुआ ऑपरेशन ब्लू स्टार देश के सीने पर एक ऐसा घाव है, जिसका जख्म आज तक नहीं भर पाया। भारत के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा आंतरिक मिशन माना जाता है। दरअसल, उस वक्त खालिस्तान समर्थक अपनी मांगों को लेकर हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे थे, जिससे निपटने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्वर्ण मंदिर में छिपे भिंडरावाला और उसके समर्थकों को बाहर निकालने के लिए सेना तैनात कर दी। स्वर्ण मंदिर और पंजाब तो उस वक्त अलगाववाद की आंच से बच गए, लेकिन इसकी कीमत इंदिरा गांधी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
देश जब आजाद हुआ तो लोकतंत्र की स्थापना पर जोर दिया गया, लेकिन सत्ता पर काबिज रहने की ललक ने राजनेताओं को दांव-पेच खेलने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने जाति की राजनीति की, जिसका नतीजा यह हुआ कि देश में अब हिंदू-मुस्लिम जैसे मुद्दे बुरी तरह हावी हो चुके हैं। अब चुनाव लड़ने के लिए जातिगत समीकरण के आधार पर प्रत्याशी मैदान में उतारे जाते हैं तो नतीजे भी ध्रुवीकरण के आधार पर तय होते हैं। जाति-धर्म की इस राजनीति से देश में लोगों के बीच इतनी बड़ी खाई खिंच चुकी है, जिसे पाटना अब आसान नहीं रह गया।
ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट की मानें तो भ्रष्टाचार के मामले में भारत 176 देशों की सूची में 86वें नंबर पर है। देश में भ्रष्टाचार का आलम इतना ज्यादा है कि कई सरकारें इसकी आंच से झुलस चुकी हैं। वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं। देश में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए अब तक तमाम कदम उठाए जा चुके हैं, लेकिन इस समस्या का निदान अब तक नहीं निकला है।
भारत की आबादी 131 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है, लेकिन दिक्कत यह है कि करीब 70 फीसदी आबादी आज भी गरीबी रेखा के नीचे है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत ऐसे देश के रूप में उभरा था, जहां गरीबी कम करने की दर सबसे ज्यादा थी। 2019 के गरीबी के वैश्विक बहुआयामी संकेतकों में बताया गया था कि देश में 2006 से 2016 के बीच करीब 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर निकाला गया। हालांकि, 2020 में हालात एक बार फिर बदल गए। अब दुनिया में सबसे ज्यादा गरीबों की तादाद बढ़ाने वाले देश के तौर पर भारत का नाम दर्ज हो रहा है। बता दें कि देश में 2011 के बाद गरीबों की गणना नहीं की गई, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक, 2019 में भारत में करीब 36.40 करोड़ गरीब थे, जो कुल आबादी का 28 फीसद है।
देश की आजादी के 75 साल होने के बावजूद बेरोजगारी बड़ी समस्या बनी हुई है। बेरोजगारी की वजह से ग्रामीण भारत लगातार पीछे जा रहा है। वहीं, पलायन के कारण शहरी संसाधनों पर भार लगातार बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने व्यापक पैमाने पर लोगों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने की बात कही है, पर यह कब तक अमल में लाया जाएगा, इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता।
भारत की आजादी को 75 साल बीच चुके हैं और साल-दर-साल बढ़ती महंगाई बड़ी समस्या बनी हुई है। कई बार तो ऐसा भी हुआ कि बढ़ती महंगाई ने कई सरकारों की नींव हिला दी। इस लिस्ट में इंदिरा गांधी का नाम शुमार है तो अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार भी इसका खमियाजा भुगत चुकी है।
विस्तार
गुलामी की बेड़ियों को तोड़कर हमें आजाद हुए अब 75 साल बीत चुके हैं। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ से इस वक्त देश ओतप्रोत है। यूं कह लीजिए कि आजादी के 75 साल बाद देश अब न्यू इंडिया बनने की राह पर है, लेकिन इस राह में तमाम चुनौतियां भी आईं। मां भारती के कलेजे पर तमाम ऐसे घाव बने, जो अब तक नासूर साबित हो रहे हैं। 75वें स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर अमर उजाला आपको आजादी से अब तक देश के सामने आईं चुनौतियों से रूबरू करा रहा है…
More News
IIT और IIM में आरक्षण का विरोध भी कर चुके हैं सैम पित्रोदा, पुराना वीडियो वायरल – India TV Hindi
SRH vs LSG live Score IPL 2024: लखनऊ ने हैदराबाद को दिया 166 रनों का लक्ष्य, बदोनी-पूरन ने खेली दमदार पारी
हरियाणा में चलती रोडवेज बस में ड्राइवर बेहोश: ई-रिक्शा-रेहड़ियों को कुचलती हुई बिजली खंभे से टकराई; बाल-बाल बची सवारियां – Charkhi dadri News