श्रीनगर: कई वर्षों के बाद कश्मीर (Kashmir Valley) में केसर (Saffron) उगाने वाले किसान खुश हैं. उनकी खुशी का कारण ये है कि इस साल घाटी में केसर की बंपर फसल हुई है. कश्मीर घाटी में हुई अच्छी बारिश के कारण किसानों को लंबे समय के बाद सबसे अच्छी केसर फसल उगाने में मदद मिली है.
3700 हेक्टेयर में हो रही केसर की खेती
केसर (Kesar) से जुड़े किसान खेतों से केसर के फूल तोड़ने (Saffron Harvest) में लगे हैं. कश्मीर में लगभग 3700 हेक्टेयर भूमि पर केसर की खेती की जा रही है. पुलवामा में पंपोर क्षेत्र केसर उगाने का मुख्य केंद्र है. हालांकि अब इसकी खेती कश्मीर घाटी के विभिन्न जिलों में भी की जा रही है.
अच्छी बारिश ने बढ़ाई फसल की पैदावार
जहूर अहमद कुछे केसर उगाने (Saffron Harvest) वाले ऐसे ही एक किसान हैं. वे कहते है, ‘इस मौसम में अच्छी फसल हुई है. प्रॉडक्शन पिछले वर्षों की तुलना में काफी बेहतर है. पिछले 5-6 वर्षों में यह वास्तव में कम था लेकिन इस साल बारिश के कारण अच्छी फसल हुई है. कश्मीरी केसर में बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं. हमें उम्मीद है कि केसर की मार्केटिंग करने में सरकार हमारी मदद करेगी. जीआई टैग मिल जाने से हमारी बहुत मदद होगी. उत्पादन में वृद्धि के लिए बारिश मुख्य कारक है.’
केसर (Saffron Harvest) के किसान मांग कर रहे हैं कि उनकी फसल की कीमतों में संशोधन किया जाए. खेत में केसर उगाने से लेकर उसे प्रॉसेस करने तक की प्रक्रिया महंगी हुई है. ऐसे में केसर के दाम बढ़ाने की जरूरत है.
केसर की दरें बढ़ाने की मांग
एक अन्य किसान साहिल अहमद यातू कहते हैं, ‘इस साल उत्पादन पिछले साल की तुलना में काफी बेहतर है. हमें उम्मीद है कि बाजार बढ़ेगा क्योंकि इस साल हमारे पास बहुत अधिक उत्पादन है. केसर की दरें नहीं बढ़ रही हैं और हम चाहते हैं कि सरकार दरों में वृद्धि के लिए हस्तक्षेप करे. इसके लिए हम लंबे वक्त से मांग कर रहे हैं.’
पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र
केसर (Saffron Harvest) के यह खेत पर्यटकों के आकर्षण का भी केंद्र बन गए हैं. कश्मीर घाटी में आने वाले पर्यटक इन खेतों को देखने के लिए आ रहे हैं. उनमें से कुछ ने पहली बार जीवन में केसर की खेती देखी है. गुजरात से आए ऐसे ही एक टूरिस्ट राकेश कहते हैं, ‘मैं यह पहली बार देख रहा हूं. कश्मीर केसर के लिए मशहूर है और मैं केसर के फूल देखकर खुश हूं. यह सुंदर है और अब मैं देख रहा हूं कि इसे विकसित करना कितना कठिन है. इसे उगाने वाले किसानों को सलाम. इसका इस्तेमाल हम करते तो थे मगर आज पता चला कि यह उगता कैसे है.’
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‘हमारे लिए यह अनोखा अनुभव’
एक और पर्यटक जिगना ने कहा, ‘केसर (Saffron) के खेत में जाने का यह मेरा पहला अवसर है. मुझे नहीं पता था कि यह कैसे उगता है. हमें यह भी पता चला कि कश्मीर का केसर सबसे अच्छी गुणवत्ता वाला होता है. हम इसे मिठाई में और पूजा के दौरान इस्तेमाल करते हैं. हमारे लिए यह एक अनोखा अनुभव है.’
जानकारी के मुताबिक सरकार ने कश्मीर केसर (Saffron) की जीआई टैगिंग भी शुरू कर दी है. जो दुनिया भर में कश्मीर के केसर की बिक्री में मदद करने के लिए लाभदायक साबित होगी.
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