Punjab Election 2022: कांग्रेस में सीएम चेहरे पर होने लगी चर्चा, इस बीच प्रताप सिंह बाजवा ने भी ठोका दावा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Mon, 31 Jan 2022 12:47 AM IST

सार

राहुल गांधी ने जालंधर में चुनाव से पहले सीएम चेहरा घोषित करने का एलान किया था। इसी के बाद से नेता अपनी-अपनी दावेदारी पेश करने में जुट गए हैं। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू व सुखजिंदर सिंह रंधावा के बाद अब प्रताप सिंह बाजवा ने अपनी दावेदारी पेश की है।

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पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे के एलान का फैसला होते ही दावेदारों ने ताल ठोंकनी शुरू कर दी है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की प्रबल दावेदारी के बीच बीते 72 घंटे में ही दो और वरिष्ठ नेताओं ने खुद को मुख्यमंत्री पद के तौर पर पेश किया है। ये हैं नाम हैं उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और सांसद प्रताप सिंह बाजवा। उधर, बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने सीएम चेहरे को लेकर विचार करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुनने के लिए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ विमर्श शुरू कर दिया है। 
 

प्रताप बाजवा ने एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा है कि क्या किसी ने सोचा था चन्नी सीएम बन जाएंगे? तो फिर मैं क्यों नहीं? हालांकि बाजवा ने यह कहकर मुख्यमंत्री चेहरे के बारे में सस्पेंस भी बढ़ा दिया कि आगे-आगे देखिए होता है क्या? बाजवा से जब पूछा गया कि कांग्रेस में सीएम उम्मीदवार कौन हैं, तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास चन्नी पहले से मुख्यमंत्री हैं। अगला मुख्यमंत्री कौन होगा यह दिन, समय और मूड पर निर्भर है। यहां कुछ भी स्थायी नहीं है। बदलाव होता रहता है। उन्होंने यह भी कहा कि बयान भी बदलते रहते हैं, इसलिए आगे-आगे देखिए होता है क्या?

उल्लेखनीय है कि बाजवा से पहले सुखजिंदर रंधावा ने यह कहकर इस मुद्दे को हवा दे दी थी कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद उनका मुख्यमंत्री बनना तय हो गया था बल्कि इस पद को लिए उनके नाम पर सहमति भी बन गई थी लेकिन ऐन मौके पर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया गया। 

जानकारी के अनुसार, सुखजिंदर रंधावा ने मुख्यमंत्री पद पर जाट सिख नेता के तौर पर अपनी दावेदारी पेश की थी, जिस पर सहमति बन गई थी लेकिन इसी दौरान प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने भी यह कहते हुए अपनी दावेदारी पेश कर दी थी कि अगर जाट सिख का प्रश्न है तो वह भी जाट सिख हैं। इसी खींचतान के बीच हाईकमान ने पार्टी के अनुसूचित जाति के नेता चरणजीत चन्नी के नाम पर मुहर लगा दी और रंधावा मुख्यमंत्री बनने से चूक गए थे।

अब बाजवा के आगे आने से माना जा रहा है कि सिद्धू के साथ-साथ रंधावा और चन्नी के लिए भी मुश्किल खड़ी होगी। गुरदासपुर जिले के 64 वर्षीय बाजवा पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। पंजाब में एक फरवरी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है। 20 फरवरी को मतदान होगा। इस तरह कांग्रेस के पास भी 20 दिन से ज्यादा का समय नहीं बचा, जिसमें वह अपने अगले मुख्यमंत्री चेहरे को सामने रखकर जनता के बीच जा सकती है।

विस्तार

पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे के एलान का फैसला होते ही दावेदारों ने ताल ठोंकनी शुरू कर दी है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की प्रबल दावेदारी के बीच बीते 72 घंटे में ही दो और वरिष्ठ नेताओं ने खुद को मुख्यमंत्री पद के तौर पर पेश किया है। ये हैं नाम हैं उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और सांसद प्रताप सिंह बाजवा। उधर, बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने सीएम चेहरे को लेकर विचार करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुनने के लिए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ विमर्श शुरू कर दिया है। 

 

प्रताप बाजवा ने एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा है कि क्या किसी ने सोचा था चन्नी सीएम बन जाएंगे? तो फिर मैं क्यों नहीं? हालांकि बाजवा ने यह कहकर मुख्यमंत्री चेहरे के बारे में सस्पेंस भी बढ़ा दिया कि आगे-आगे देखिए होता है क्या? बाजवा से जब पूछा गया कि कांग्रेस में सीएम उम्मीदवार कौन हैं, तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास चन्नी पहले से मुख्यमंत्री हैं। अगला मुख्यमंत्री कौन होगा यह दिन, समय और मूड पर निर्भर है। यहां कुछ भी स्थायी नहीं है। बदलाव होता रहता है। उन्होंने यह भी कहा कि बयान भी बदलते रहते हैं, इसलिए आगे-आगे देखिए होता है क्या?

उल्लेखनीय है कि बाजवा से पहले सुखजिंदर रंधावा ने यह कहकर इस मुद्दे को हवा दे दी थी कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद उनका मुख्यमंत्री बनना तय हो गया था बल्कि इस पद को लिए उनके नाम पर सहमति भी बन गई थी लेकिन ऐन मौके पर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया गया। 

जानकारी के अनुसार, सुखजिंदर रंधावा ने मुख्यमंत्री पद पर जाट सिख नेता के तौर पर अपनी दावेदारी पेश की थी, जिस पर सहमति बन गई थी लेकिन इसी दौरान प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने भी यह कहते हुए अपनी दावेदारी पेश कर दी थी कि अगर जाट सिख का प्रश्न है तो वह भी जाट सिख हैं। इसी खींचतान के बीच हाईकमान ने पार्टी के अनुसूचित जाति के नेता चरणजीत चन्नी के नाम पर मुहर लगा दी और रंधावा मुख्यमंत्री बनने से चूक गए थे।

अब बाजवा के आगे आने से माना जा रहा है कि सिद्धू के साथ-साथ रंधावा और चन्नी के लिए भी मुश्किल खड़ी होगी। गुरदासपुर जिले के 64 वर्षीय बाजवा पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। पंजाब में एक फरवरी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है। 20 फरवरी को मतदान होगा। इस तरह कांग्रेस के पास भी 20 दिन से ज्यादा का समय नहीं बचा, जिसमें वह अपने अगले मुख्यमंत्री चेहरे को सामने रखकर जनता के बीच जा सकती है।

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