सार
इसके साथ ही हादसे में मरने वालों का आंकड़ा दस तक पहुंच गया। इससे पूर्व एक शव शुक्रवार को ही निकाल लिया गया था। वहीं, निर्माण एजेंसी के खिलाफ कामकाज के दौरान लापरवाही के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है। मृतकों के परिवार को 16-16 लाख मुआवजा देने की घोषणा की गई है।
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मलबे में दबे सभी मजदूरों के शव मिलने के बाद बचाव अभियान बंद कर दिया गया है। इस बीच मरने वाले सभी मजदूरों के परिजनों को 16-16 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है। उधर, शनिवार देर शाम को हाईवे बड़े वाहनों के लिए एक तरफा बहाल कर दिया गया। श्रीनगर से जम्मू के लिए वाहनों को छोड़ा गया। छोटे वाहन पहले भी चल रहे थे।
वीरवार देर रात से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार देर शाम को बारिश के चलते रोकना पड़ा था। शनिवार को मौसम साफ होते ही मलबे में दबे मजदूरों की तलाश शुरू कर दी गई। घंटों लगातार तलाश करने पर मलबे के ढेर से एक-एक कर लापता और नौ मजदूरों के शव निकाल लिए गए। एसएसपी रामबन मोहिता शर्मा के अनुसार मलबे के ढेर से सभी 10 मजदूरों के शव निकाल लिए गए हैं। इनमें पांच पश्चिम बंगाल, एक असम, दो नेपाल और दो स्थानीय हैं। सभी शव मिलने के बाद बचाव अभियान रोक दिया गया है। मालूम हो कि वीरवार रात 10.15 बजे जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर बनी टी-3 सुरंग की ऑडिट टनल के ऊपर का पहाड़ दरक गया था।
बाल-बाल बचे थे रेस्क्यू दल के सदस्य
मलबे में दबे मजदूरों की तलाश में जुटे रेस्क्यू दल के सदस्य शुक्रवार को एक और भूस्खलन होने से बाल-बाल बचे थे। इनमें रामसू पुलिस थाना प्रभारी नईम उल हक समेत 15 सदस्य शामिल हैं, जो भूस्खलन के समय मौके पर थे।
कंपनी देगी 15-15 लाख
रामबन हादसे में मारे गए मजदूरों के परिवारों को 16-16 लाख रुपये दिए जाएंगे। रामबन के उपायुक्त मसरत इस्लाम के अनुसार उप राज्यपाल के निर्देश पर मृतकों के परिवारों को निर्माण कंपनी की ओर से 15-15 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा उप राज्यपाल की ओर से एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है।
विस्तार
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन के खूनी नाला क्षेत्र में सुरंग की खोदाई के दौरान हुए हादसे के तीसरे दिन शनिवार को लापता और नौ मजदूरों के शव निकाल लिए गए। इसके साथ ही हादसे में मरने वालों का आंकड़ा दस तक पहुंच गया। इससे पूर्व एक शव शुक्रवार को ही निकाल लिया गया था। वहीं, निर्माण एजेंसी के खिलाफ कामकाज के दौरान लापरवाही के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मलबे में दबे सभी मजदूरों के शव मिलने के बाद बचाव अभियान बंद कर दिया गया है। इस बीच मरने वाले सभी मजदूरों के परिजनों को 16-16 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है। उधर, शनिवार देर शाम को हाईवे बड़े वाहनों के लिए एक तरफा बहाल कर दिया गया। श्रीनगर से जम्मू के लिए वाहनों को छोड़ा गया। छोटे वाहन पहले भी चल रहे थे।
वीरवार देर रात से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार देर शाम को बारिश के चलते रोकना पड़ा था। शनिवार को मौसम साफ होते ही मलबे में दबे मजदूरों की तलाश शुरू कर दी गई। घंटों लगातार तलाश करने पर मलबे के ढेर से एक-एक कर लापता और नौ मजदूरों के शव निकाल लिए गए। एसएसपी रामबन मोहिता शर्मा के अनुसार मलबे के ढेर से सभी 10 मजदूरों के शव निकाल लिए गए हैं। इनमें पांच पश्चिम बंगाल, एक असम, दो नेपाल और दो स्थानीय हैं। सभी शव मिलने के बाद बचाव अभियान रोक दिया गया है। मालूम हो कि वीरवार रात 10.15 बजे जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर बनी टी-3 सुरंग की ऑडिट टनल के ऊपर का पहाड़ दरक गया था।
बाल-बाल बचे थे रेस्क्यू दल के सदस्य
मलबे में दबे मजदूरों की तलाश में जुटे रेस्क्यू दल के सदस्य शुक्रवार को एक और भूस्खलन होने से बाल-बाल बचे थे। इनमें रामसू पुलिस थाना प्रभारी नईम उल हक समेत 15 सदस्य शामिल हैं, जो भूस्खलन के समय मौके पर थे।
कंपनी देगी 15-15 लाख
रामबन हादसे में मारे गए मजदूरों के परिवारों को 16-16 लाख रुपये दिए जाएंगे। रामबन के उपायुक्त मसरत इस्लाम के अनुसार उप राज्यपाल के निर्देश पर मृतकों के परिवारों को निर्माण कंपनी की ओर से 15-15 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा उप राज्यपाल की ओर से एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है।
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