Stock Market In Corona Period: इस साल सेंसेक्स ने निवेशकों को दिया तीसरा बड़ा झटका, जानें कोरोना काल में कब-कब आई बड़ी गिरावट

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Sat, 27 Nov 2021 12:33 PM IST

सार

Sensex Down In Corona Period 2020-21: दक्षिण अफ्रीका में मिले कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट की दहशत के शेयर बाजार में शुक्रवार को भगदड़ मची और सेंसेक्स 1687 अंक तक टूट गया। सेंसेक्स में इस साल की यह तीसरी बड़ी गिरावट रही, जबकि बीते सात महीने में यह सबसे बड़ी गिरावट है। 

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शुक्रवार को एक बार फिर शेयर बाजार पर कोरोना का काला साया नजर आया। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट की दहशत के शेयर बाजार में भगदड़ मची और सेंसेक्स 1687 अंक तक टूट गया। इससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ। देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के शेयर बाजारों में कोरोना के इस नए वेरिएंट का असर देखने को मिला। सेंसेक्स में इस साल की यह तीसरी बड़ी गिरावट रही, जबकि बीते सात महीने में यह सबसे बड़ी गिरावट है। आइए बताते हैं कि कोरोना महामारी का दौर शुरू होने के बाद सेंसेक्स कब-कब और कितना टूटा। 

1687 अंक टूटा बीएसई का सेंसेक्स
भारतीय शेयर बाजार के लिए शुक्रवार या कारोबार सप्ताह का आखिरी दिन बेहद खराब रहा। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के अंत में 161687.94 अंक या 2.87 फीसदी की गिरावट के साथ 57,107.15 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि एनएसई का निफ्टी 509.80 अंक या 2.91 फीसदी टूटकर 17026.45 के स्तर पर बंद हुआ। यह बीते सात महीने में सेंसेक्स में आई सबसे बड़ी गिरावट थी और साल 2021 में तीसरी बड़ी गिरावट। 

एक दिन में सात लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूबे
शुक्रवार को शेयर बाजार में आई भारी गिरावट के कारण निवेशकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, सेंसेक्स और निफ्टी के टूटने से एक दिन में ही निवेशकों को करीब 7.45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बाजार विशेषज्ञों ने इसके लिए कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट को जिम्मेदार ठहराया। विशेषज्ञों ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोविड वायरस की नई किस्म की वजह से घरेलू बाजार कमजोर वैश्विक शेयर बाजारों की तरह ही नुकसान में चले गए। 

इस साल सेंसेक्स में बड़ी गिरावटें 
सेसेंक्स में यह इस साल की तीसरी सबसे बड़ी गिरावट है। साल की शुरुआत से अब तक की बात करें को सबसे पहले 26 फरवरी को बीएसई के सेंसेक्स में सबसे बड़ी गिरावट आई थी, जब सेंसेक्स करीब 1,939 अंक टूटा था। इसके बाद 12 अप्रैल में सेंसेक्स में 1,707 अंकों की कमी आई और अब 26 नवंबर शुक्रवार को सेंसेक्स से निवेशकों को तीसरा बड़ा झटका लगा, जब यह 1,687 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ।

कोरोना काल में सेंसेक्स का बुरा दौर

तारीखवर्षगिरावट
12 मार्च20202919
16 मार्च20202713
23 मार्च20203934
4 मई20202002
18 मई20201068
26 फरवरी20211939
12 अप्रैल20211707
26 नवंबर20211687 

अक्तूबर में पार किया था 62 हजार का आंकड़ा
आंकड़ों को देखें तो शुक्रवार को सेंसेक्स का 1687 अंक टूटना बीते सात महीने की सबसे बड़ी गिरावट है। सेंसेक्स ने पिछले महीने 19 अक्तूबर को ही 62,245 अंक का अपना अब तक का सर्वकालिक उच्च स्तर छुआ था। हालांकि, इसके बाद शेयर बाजार में मची उथल-पुथल के कारण इसमें गिरावट का दौर शुरू हुआ और अब तक इसमें उच्च स्तर से करीब दस फीसदी की गिरावट आ चुकी है। 

कोरोना से विदेशी बाजारों का हाल बेहाल
भारतीय शेयर बाजार के साथ शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार भी कोरोना वायरस के नए वेरिएंट से दहशत में दिखे। तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण यूरोपीय संघ की तरफ से दक्षिणी अफ्रीका से हवाई यात्रा को निलंबित कर दिया गया है और कई देशों में प्रतिबंध फिर लागू करने की सुगबुगाहट की वजह से अमेरिकी शेयर बाजार को भी भारी नुकसान हुआ। शेयर बाजार सूचकांक एसएंडपी 500 2.27 फीसदी प्रतिशत टूट गया, जो सितंबर के अंत से सबसे बुरा प्रदर्शन है। वहीं ‘डो जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज’ 905 अंक से अधिक गिर गया। नैस्डैक कंपोजिट भी 2.23 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
 

विस्तार

शुक्रवार को एक बार फिर शेयर बाजार पर कोरोना का काला साया नजर आया। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट की दहशत के शेयर बाजार में भगदड़ मची और सेंसेक्स 1687 अंक तक टूट गया। इससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ। देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के शेयर बाजारों में कोरोना के इस नए वेरिएंट का असर देखने को मिला। सेंसेक्स में इस साल की यह तीसरी बड़ी गिरावट रही, जबकि बीते सात महीने में यह सबसे बड़ी गिरावट है। आइए बताते हैं कि कोरोना महामारी का दौर शुरू होने के बाद सेंसेक्स कब-कब और कितना टूटा। 

1687 अंक टूटा बीएसई का सेंसेक्स

भारतीय शेयर बाजार के लिए शुक्रवार या कारोबार सप्ताह का आखिरी दिन बेहद खराब रहा। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के अंत में 161687.94 अंक या 2.87 फीसदी की गिरावट के साथ 57,107.15 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि एनएसई का निफ्टी 509.80 अंक या 2.91 फीसदी टूटकर 17026.45 के स्तर पर बंद हुआ। यह बीते सात महीने में सेंसेक्स में आई सबसे बड़ी गिरावट थी और साल 2021 में तीसरी बड़ी गिरावट। 

एक दिन में सात लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूबे

शुक्रवार को शेयर बाजार में आई भारी गिरावट के कारण निवेशकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, सेंसेक्स और निफ्टी के टूटने से एक दिन में ही निवेशकों को करीब 7.45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बाजार विशेषज्ञों ने इसके लिए कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट को जिम्मेदार ठहराया। विशेषज्ञों ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोविड वायरस की नई किस्म की वजह से घरेलू बाजार कमजोर वैश्विक शेयर बाजारों की तरह ही नुकसान में चले गए। 

इस साल सेंसेक्स में बड़ी गिरावटें 

सेसेंक्स में यह इस साल की तीसरी सबसे बड़ी गिरावट है। साल की शुरुआत से अब तक की बात करें को सबसे पहले 26 फरवरी को बीएसई के सेंसेक्स में सबसे बड़ी गिरावट आई थी, जब सेंसेक्स करीब 1,939 अंक टूटा था। इसके बाद 12 अप्रैल में सेंसेक्स में 1,707 अंकों की कमी आई और अब 26 नवंबर शुक्रवार को सेंसेक्स से निवेशकों को तीसरा बड़ा झटका लगा, जब यह 1,687 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ।

कोरोना काल में सेंसेक्स का बुरा दौर

तारीखवर्षगिरावट
12 मार्च20202919
16 मार्च20202713
23 मार्च20203934
4 मई20202002
18 मई20201068
26 फरवरी20211939
12 अप्रैल20211707
26 नवंबर20211687 

अक्तूबर में पार किया था 62 हजार का आंकड़ा

आंकड़ों को देखें तो शुक्रवार को सेंसेक्स का 1687 अंक टूटना बीते सात महीने की सबसे बड़ी गिरावट है। सेंसेक्स ने पिछले महीने 19 अक्तूबर को ही 62,245 अंक का अपना अब तक का सर्वकालिक उच्च स्तर छुआ था। हालांकि, इसके बाद शेयर बाजार में मची उथल-पुथल के कारण इसमें गिरावट का दौर शुरू हुआ और अब तक इसमें उच्च स्तर से करीब दस फीसदी की गिरावट आ चुकी है। 

कोरोना से विदेशी बाजारों का हाल बेहाल

भारतीय शेयर बाजार के साथ शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार भी कोरोना वायरस के नए वेरिएंट से दहशत में दिखे। तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण यूरोपीय संघ की तरफ से दक्षिणी अफ्रीका से हवाई यात्रा को निलंबित कर दिया गया है और कई देशों में प्रतिबंध फिर लागू करने की सुगबुगाहट की वजह से अमेरिकी शेयर बाजार को भी भारी नुकसान हुआ। शेयर बाजार सूचकांक एसएंडपी 500 2.27 फीसदी प्रतिशत टूट गया, जो सितंबर के अंत से सबसे बुरा प्रदर्शन है। वहीं ‘डो जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज’ 905 अंक से अधिक गिर गया। नैस्डैक कंपोजिट भी 2.23 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।

 

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